द्राक्षावलेह द्राक्षा अर्थात मुनक्के से निर्मित किया जाता है। इसमें त्रिकटु, चतुरजात आदि मिलते हैं।
रस तन्त्र सार व सिद्ध प्रयोग संग्रह के मुताबिक यह अवलेह यानि माल्ट पित्त दोष, अम्लपित्त, एसिडिटी, जलन, दाह, कामला, सूजन/शोथ, थायराइड, भय-भ्रम, सिरदर्द, पुरानी कब्ज, बद्ध कोष्ठ, अतिसार, अरुचि, भूख न लगना, मन्दाग्नि, खूनी बवासीर, रक्तार्ष की जलन आदि तकलीफों का समाधान करती है।
अमृतम गोल्ड माल्ट इसी विधि से बनाया जाता है।
Leave a Reply