कुछ महिलाओं के बाल पहले बहुत लंबे और घने होते हैं, लेकिन जल्दी फायदे के चक्कर में अत्यधिक रसायनिक उत्पादों का उपयोग कर बालों की जड़ों को घायल कर जड़े कमजोर बना लेती हैं। यही हाल पुरुषों का भी है।
इसका साइड इफ़ेक्ट यह होता है कि कुछ महीनों बाद केश झड़ना इतनी तेजी से शुरू होता है कि कुछ ही सप्ताह में बालों में झड़कर खालित्य-पालित्य केशरोग हो जाता है। फिर केश पहले से आधे भी नहीं रहते।
ध्यान रखें शुद्ध प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाएं कम से कम किसी रोग को ठीक करने में तीन माह का समय लेती हैं।
घर में बनाये यह केश वर्द्धक ओषधि—
अमृतम आंवला पावडर एक चम्मच,
अमृतम भृङ्गराज पावडर एक चम्मच, अमृतम ब्राह्मी पावडर एक चम्मच एवं जटामांसी पावडर एक चम्मच तथा 10 ग्राम तुरई के बीज सबको मिलाकर किसी लोहे के पात्र में 400 Ml पानी में 24 घण्टे तक गलने दें।
इसके बाद दूसरे दिन इसे लोहे की कढ़ाही में इतना उबाले कि करीब 80 से 100 ml काढ़ा या पानी शेष रह जाये। इसका आधा भाग बालों में लगाकर सूखने दें ओर बालों को धोएं नहीं।शेष काढ़े में तिल का तेल 10 ml, नारियल तेल 10 ml ओर नारियल गोला किसा हुआ 10 ग्राम तीनों को शेष बचे काढ़े में मिलाकर कुछ देर पकाकर तेल बना लेवें। इसे बालों में इतना लगाएं कि बाल गीले हो जाएं।
फिर 10 से 12 घण्टे बाद अमृतम भृङ्गराज थेरेपीहर्बल शेम्पो से बाल साफ करें। यह प्रयोग सप्ताह में 2 से तीन बार, तीन महीने तक नियमित करें।
गीले बालों में कंघी न करें न कोई अन्य तेल लगाएं।यदि बना हुआ तैयार ओषधि उपयोग करना चाहें तो अमृतम कम्पनी द्वारा निर्मित देशी काढ़ा “कुन्तल केयर हेयर स्पा हेम्प युक्त” का उपयोग करें तीन महीने।
यदि मासिक धर्म की समस्या से इम्युनिटी कमजोर हो, या पाचनतंत्र की खराबी हो, तो नारी सौंदर्य माल्ट सुबह शाम 1 से 2 चम्मच दूध या जल से लेवें। तीन महीने लेवें।
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