चिकित्सक सर सुंदरलाल आतुरालय,
अध्यापक आयुर्वेद कॉलेज,
हिन्दुविश्वविद्यालय,काशी प्रस्तावना लेखक-
प्रोफेसर दत्तात्रेय अनन्त कुलकर्णी
डारेक्टर,
मेडिकल एन्ड सर्विसेस,
सयुंक्त प्रान्त सरकार।
की लेखनी से कलम वद्ध
सन 1950 में प्रकाशित
“सौश्रुती”
“शल्यतंत्र विषयक”
नामक यह ग्रन्थ आयुर्वेद के सर्जरी शास्त्र में
एक बड़े अभाव की पूर्ति करता है।
यह उस जमाने का सबसे प्रामाणिक ग्रन्थ था।
सौश्रुती शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के क्षेत्र
में अद्वितीय पुस्तक है।
हरिदास-संस्कृत-ग्रंथमाला की १९६ कृति है।
शेष अभी बांकी है……….
पाठक का साथ आयुर्वेद के विकास में सहायक होगा।
प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें इनमें भी आयुर्वेद का क्षणिक वर्णन है-
ग्रन्थ का नाम रचनाकार
{१} रुद्र अष्टाध्यायी- पांणिनी
{२} रामायण- वाल्मीकि
{३} महाभारत- वेदव्यास
{४} अर्थशास्त्र चाणक्य
{५} महाभाष्य- पतंजलि
{६} सत्सहसारिका सूत्र- नागार्जुन
{७} बुद्धचरित- अश्वघोष
{८} सौंदरानन्द -अश्वघोष
{९} महाविभाषाशास्त्र- वसुमित्र
{१०} स्वप्नवासवदत्ता भास
{११} कामसूत्र- वात्स्यायन
{१२} कुमारसंभवम् -कालिदास
{१३} अभिज्ञानशकुंतलम् -कालिदास
{१४} विक्रमोउर्वशियां- कालिदास
{१५} मेघदूत- कालिदास
{१६} रघुवंशम् -कालिदास
{१७} मालविकाग्निमित्रम् – कालिदास
{१८} नाट्यशास्त्र – भरतमुनि
{१९} देवीचंद्रगुप्तम – विशाखदत्त
{२०} मृच्छकटिकम् – शूद्रक
{२१} सूर्य सिद्धान्त – आर्यभट्ट
{२२} वृहतसिंता बरामिहिर
{२३} पंचतंत्र – विष्णु शर्मा
{२४} कथासरित्सागर – सोमदेव
{२५} अभिधम्मकोश – वसुबन्धु
{२६} मुद्राराक्षस – विशाखदत्त
{२७} रावणवध – भटिट
{२८} किरातार्जुनीयम् – भारवि
{२९} दशकुमारचरितम् – दंडी
{३०} हर्षचरित – वाणभट्ट
{३१}कादंबरी – वाणभट्ट
{३२} वासवदत्ता – सुबंधु
{३३} नागानंद – हर्षवधन
{३४} रत्नावली हर्षवर्धन
{३५} सौन्दर्य लहरी – आदिशंकराचार्य
{३६} प्रियदर्शिका – हर्षवर्धन
{२७} मालतीमाधव – भवभूति
{३८} पृथ्वीराज विजय – जयानक
{३९} कर्पूरमंजरी राजशेखर
{४०} काव्यमीमांसा – राजशेखर
{४१} नवसहसांक चरित – पदम् गुप्त
{४२} शब्दानुशासन – राजभोज
{४३} वृहतकथामंजरी – क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम – श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित – बिल्हण
45-कुमारपालचरित – हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द – जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो – चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी – कल्हण
49-रासमाला – सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध- माघ
51-गौडवाहो – वाकपति
52-रामचरित – सन्धयाकरनंदी
53-द्वयाश्रय काव्य – हेमचन्द्र
उपरोक्त किताबों में से बहुत सी अमृतमपत्रिका लायब्रेरी में उपलब्ध हैं।
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