संस्कृत में इसे परुषक कहते हैं।
यह रक्त विकार, खून की गंदगी भर निकल देता है। पेट की तकलीफों से पैदा होने वाले वात रोगों में इसका शर्बत पीते हैं।
अमृतम कम्पनी फालसा शर्बत के नाम से इसके कुछ ही बोतल लिमिटेड एडिशन बनाती है। यह ह्रदय विकारों को दूर करने में चमत्कारी है।
जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल हमेशा बढ़ा रहता हो, उन्हें सुबह खाली पेट एक से 2 चम्मच लेना हितकारी है। यह कोलेस्ट्रॉल को तेजी से सन्तुलित करता है।
फालसा शर्बत बनाने की विधि-
पहले फालसा फल को पानी से साफ करें।
फिर 200 ग्राम फालसा में 10 ग्राम त्रिफला, 100 ml जामुन सिरका, अर्जुन छल का चूर्ण 20 ग्राम, अमृतम त्रिकटु चूर्ण 30 ग्राम, 50 ग्राम मुनक्का/ द्राक्षा और 200 ग्राम में में चीनी, 10 Ml पुदीना रस या 10 ग्राम पत्ते, सौंफ 10 ग्राम मिलाकर 8 से 10 घण्टे तक किसी पत्र में मसल कर मिक्स करें के छोड़े। बाद में इसे अच्छी तरह पीसकर इसका जूस निकालें।
छाने हुए जूस में 200 से 300 ग्राम गुड़ डालकर अच्छी तरह पकाकर ठंडा कर छानकर रखें फालसा शर्बत तैयार है। इस शर्बत के बनाने के अन्य कई और तरीके अलग अलग ग्रन्थि में विभिन्न प्रकार से लिखे हैं। लेकिन यह प्रयोग कोलेस्ट्रॉल नाशक है।
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