- सायटिका एक वात विकार है। इसके लक्षणों में दर्द रीढ़ की हड्डी से निकलकर पैर के पिछले तरफ बढ़ती है. साइटिका आमतौर पर शरीर के केवल एक पक्ष को प्रभावित करता है।
सायटिका के लक्षण
- दर्द की जगह: पीठ, कूल्हा, या नितंब, दर्द होने का समय: चोट के कारण या बैठने पर।
सायटिका दर्द के प्रकार:
- एक हिस्से से शुरू हो कर चारों तरफ़ फैलने वाला। यह तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से शुरू होती है और प्रत्येक पैर के पीछे तक जाती है। यह तंत्रिका घुटने के पिछले हिस्से और निचले पैर की मांसपेशियों को नियंत्रित करती है।
मांसपेशी संबंधी:
- चलने में परेशानी या मांसपेशियों में कमज़ोरी।
महसूस करने से संबंधित:
- चुभन महसूस करना या पांव सुन्न होना आदि यह होना भी आम है: जलन का अहसास या पांव सुन्न हो जाना।
साइटिका का आरंभ
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- सायटिका बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक प्राकृतिक अवस्था है। इसमें स्पाइनल काॅलम की कशेरूका में पाए जाने वाली एक या अत्यधिक डिस्क बिगड़ जाती हैं। इस स्थिति के कारण दर्द होने लगता है। इस परेशानी को पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
सायटिका के मरीज पैदल ज्यादा चलें
- चलना वास्तव में साइटिका के लिए अच्छा है। पैदल चलने से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, और यह नसों को अधिक लचीला भी बना सकता है।
- 20 से 25 मिनट में एक किलोमीटर या उसके आसपास की गति एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु होना चाहिए।
साइटिका के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा
Orthokey Combo
- कटिस्नायुशूल (सिटिका) शरीर के दर्द में बहुत मददगार, सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए सर्वोत्तम है।
- साइटिका (Sciatica) को आयुर्वेदिक ग्रंथों में गृध्रसी नामक रोग बताया है। यह चरक संहिता के ८८ प्रकार के वात रोगों में से एक होता है।
- साइटिका से पीड़ित रोगियों में कारण जानने का प्रयास करें और उसके अनुसार चिकित्सा करें –
- -यदि साइटिका डिस्क (Disc) के क्षय (Degeneration) से हो, जैसे कि कटि-वात (Lumbar spondylosis) में होता है, तो हरड़ मुरब्बा, आमला मुरब्बा का पेस्ट, अवलेह या माल्ट बनायें फिर, उसमें शिलाजीत और अश्वगंधा मिलाकर सुबह शाम एक एक चम्मच दूध के साथ एक माह तक सेवन करना हितकारी होता है।
- अगर साइटिका डिस्क प्रोलैप्स (Disc prolapse) के कारण हुई हो, तो आमला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा और गुलकंद के पेस्ट में पारिजात शल्लकी (Loswel Tab) का उपयोग करें।
- किसी भी कारण से हुई साइटिका में नाडियों को बल देने के लिए आप मालकांगनी यानि ज्योतिष्मती, दशमूल था दुरालभा का उपयोग कर सकते हैं।
- मालिश के लिए मालकांगनी तेल और लौंग तेल का मिश्रण कर उपयोग करें।
- आयुर्वेद में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा के लिए orthokey Gold Malt, Capsule और Oil विशेष लाभकारी है।
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