- AMRUTAM अमॄतम ग्वालियर की ओर से सम्पूर्ण विश्व वासियों को अंतर्मन से कोटि-कोटि शुभकामनाएं प्रेषित हैं। उन लोगो को भी है,जो आये दिन रंग बदलने में माहिर हैं।
- उत्साह, उमंग का यह ऊर्जा दायक पावन उत्सव होली का यह लेख आपको अवसाद, डिप्रेशन से बाहर निकलेगा। वैसे होली पर्व उधम और ऊंटपटांग हरकतों के लिए जाना जाता है।
दरूओं, शर्बियों का त्योहार….
दारु की खुशबू, बियर की मिठास,
गांजे की रोटी, चरस का साग,
भांग के पकोड़े और Wills का प्यार,
लो आ गया फिर नशेड़ियों का त्यौहार
- होली का उत्सव- उमंग और उत्साह- वृद्धिकारक होता है। प्रकृति का प्रदूषण,असत्य और प्राणियों की आसुरी विचारों का विनाश करने के लिए होली उत्सव उत्पन्न हुआ।
- होली में अग्नि का विशेष महत्व हम अग्नि द्वारा अनेक ज्ञात-अज्ञात प्रदूषित वातावरण का नाश कर सकते हैं।
- राहु की खास मौसी थी होलिका- होलिका परम् शिव भक्त हिरण्यकश्यप और राहु की मां सिंहिका की सगी बहन थी। स्वर्ण की खोज सृष्टि में सबसे पहले इनके परिवार ने ही की थी।
- कोरोना वायरस का कहर खत्म—माँ होलिका मृत यानी पिछले सम्वत्सर की प्रतीक है। होली जलाने से ब्रह्माण्ड में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा एवं आसुरी सोच का नाश हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा अनिष्टकारी हैं। होली जलाने से पृथ्वी में फैले अनेकों रोगादि, कृमि नष्ट हो जाते हैं।
- होली से 15 दिन बाद नव वर्ष का आगमन होता है। 15 दिन के अन्तराल में धरती सेनिगेटिव आसुरी शक्तियों का सर्वनाश होकर पुनः नवीन ऊर्जा का संचरण हो जाता है। वायु मण्डल शुद्ध एव प्रकृति-पृथ्वी पावन-पुनीत हो जाती है।
- दक्षिण का अदभुत होली उत्सव – भारत में कर्नाटक राज्य के हम्पी (विजयनगर) नामक खंडहरों का शहर में होली का त्यौहार बड़े ही मान, मनुहार के साथ मनाया जाता है। दुनिया में यहां की होली अदभुत और प्रसिद्ध है।
- हम्पी मंदिरों का नगर है और हनुमानजी का जन्म स्थल भी है। बहुत दूर से एक ऊंची चट्टान पर इनके मुख की आकृति को देखा जा सकता है।
- उत्तर का उत्सव- उत्तर भारत में मथुरा, विंद्रावन, बरसाना की लठ्ठ मार होली विश्व प्रसिद्ध है। राजस्थान के तीर्थ स्थलों पर गोविंद के गीत मन को मोह लेते हैं। केरल, असम का ये मुख्य पर्व है।
- गाना और थाना- होली के दिन बोली में.ठिठोली न हो, छोरे छछोरे न हों, तो कुछ अटपटा से लगने लगता है।
- होली में ढोल-तमाशा, नृत्य एवं संगीत मस्ती भरे गाने के कारण कभी थाने भी जाना पड़ता है।
- पुराणों की प्राचीनता- भविष्यपुराण में होली के बारे में अनेक कथा-कहानियों का वर्णन है। होली वसन्त आगमन के उल्लासपूर्ण क्षणों का परिचायक हैं।
- होली की हलचल सर्दी का अन्त, बसन्त का आर्रंभ, हेमन्त या पतझड़ के अनन्त की सूचक है और वसन्त की काम-प्रेममय लीलाओं की द्योतक है। बसन्त के दौरान मन सन्त की तरह शान्त हो जाता है।
- बसन्त की आनन्द अभिव्यक्ति – रंग भरी होलीजवानी में रंगीन पानी एवं लाल रंग के संग, अबीर-गुलाल के पारस्परिक आदान-प्रदान से प्रकट होती है।
- भारत के कुछ प्रदेशों में यह रंग युक्त वातावरण ‘होलिका के दिन’ ही होता है, किन्तु दक्षिण में यह होलिका के पाँचवें दिन (रंग-पंचमी) मनायी जाती है।
- होली जलाने के दूसरे दिन चैत्र मास की प्रथम तिथि यानि प्रतिपदा पर लोगों को होलिका भस्म को प्रणाम कर शिवलिंग पर अर्पित करने और माथे पर लगाने की प्राचीन परम्परा है।
- होली का अध्यात्मिक महत्व- होली के दिन सुबह खेलने से पहले अपने पितरों-पूर्वजों के प्रतीक शिंवलिंग पर केशरयुक्त जल, दूध-दही अर्पित करने का शास्त्रमत विधान है।
- !!ॐ शम्भू तेजसे नमःशिवाय!! का एक माला मन्त्रोच्चारण करने पूरे वर्ष कोई रोग-शोक नहीं सताता। अवसाद या डिप्रेशन से राहत मिलती है।
- नकारात्मकता नाशक है होली परम शिव भक्त श्री हिरण्यकश्यप जिन्होंने पृथ्वी पर सबसे पहले स्वर्ण की खोज की थी, इनकी ही एक बहन होलिका ने जब पूरे संसार में कोरोना जैसा संक्रमण/वायरस फैला दिया, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका का दहन कर दिया था।
- प्राचीन तैतरीयउपनिषद में इनका किस्सा भी है।होलिका भी परम शिव उपासक थी और राहु ग्रह की खास मौसी भी।
- डिप्रेशन नाशक अवधूत की चमत्कारी भभूत-होलिका दहन की भस्म प्रातः काल एकत्रित कर रंग गुलाल खेलने वाले दिन होली की राख घर में लाकर रख लें।
- होलिका दहन की रख या भस्म में कपूर, चन्दन का पावडर मिलाकर प्रतिदिन शिंवलिंग पर त्रिपुंड लगाकर अपने मस्तिष्क पर भी त्रिपुंड या टीका लगावें।
- चमत्कार को नमस्कारए – 54 दिन के प्रयोग के बाद धीरे-धीरे मन से अवसाद मिटने लगता है। ब्रेन की गोल्ड माल्ट और कैप्सूल का भी साथ में सेवन करते रहें।
- यह बहुत ही चमत्कारी प्रयोग एक बार जरूर करके देखें। अनिद्रा या नींद नहीं आती हो, तो- होली की राख या भस्म में इलायची का पावडर, कपूर और अमॄतम जटामांसी पावडर मिलाकर रोज रात में सोते समय माथे पर लेप करके 11 बार!!ॐ शम्भू तेजसे नमःशिवाय च शिवाय नमः!! बोलकर सो जावें।
- दिमाग का आग होगी शान्त – जिन लोगों को मिर्गी के दौरे या पागलपन की शिकायत अथवा दिपडिप्रेसहैं आदि मानसिक विकार हो, तो वे पीड़ित लोग भी रात वाला उपाय करें, तो 7 दिन में अदभुत लाभ होने लगता है।
- मानवों की मान्यताएं- कहते हैं कि नवविवाहिता दुल्हन को पहली होली नहीं देखना चाहिए क्योंकि जिन महिलाओं की शादी के बाद पहली होली हो उन्हें ससुराल की प्रथम होली नहीं देखना चाहिए।
- नववधु को होलिका दहन की जगह से दूर रहना चाहिए। विवाह के पश्चात जिन लड़कियों की नई-नई शादी हो, उन नववधु को होली के पहले त्योहार पर सास के साथ रहना अपशकुन माना जाता है और इसके पीछे मान्यता यह है कि होलिका (दहन) मृत संवत्सर की प्रतीक है।
- ।होलिका दहन हमेशा फाल्गुन मास में किया जाता है, लेकिन चैत्र के महीने में खेली जाती है। अतः नवविवाहिता को मृत को जलते हुए देखना अशुभ मानते है।
- होली के दिन का व्याकरण-स्वर मुँह से बाहर निकलते हैं, और व्यंजन मुँह के अंदर जाते हैं।
- होली के भड़ुओं का गणित–
अदरक की गाँठो सा रहा, मेरा बचपन,
उतने ही हम सुधरे,जितना कूटे गये।
- प्रेमियों की होली. होली में इस बात का मुझे हमेशा मलाल रहता है कि मेरे हाथ तेरे गाल के बीच कमबख्त गुलाल होता है।
- होली की ठिठोली-
जरा संभल कर दोस्तों, मलना मुझे अबीर
कई लोगों का माल है, मेरा एक शरीर।
- होली पर फिल्में-मदर इंडिया, नवरंग, कटी पतंग, डर, शोले, बागवान, कामचोर, कामचोर।
- होली के साइड इफेक्ट- असत्य, काम, क्रोध, नकारात्मक ऊर्जा वाले बलवान और राक्षस प्रवृत्ति वाले लोग बहुत तेजी से, तीव्र गति से बढ़ते हैं और बहुत जल्दी ही नष्ट या बर्बाद भी हो जाते हैं।
अंग्रेजी में होली का अर्थ
H -hate नफरत
O-out बाहर
L-love प्यार
i-in अंदर
- मतलब साफ है- होली का त्योहार नफरत को बाहर और प्यार को अंदर करने के लिए मनाया जाता है।
- होली के हुड़दंग-आज से 25-30 साल पहले होली के भड़वे या भडुआ गली मोहल्लों में बहुत हुड़दंग मचाया करते थे। सबके विचित्र स्वांग होते थे। कोई जूतों की माला पहनते, तो कोई स्त्रियों का भेष में मस्ती करते थे। उस समय मस्ती बहुत ही सस्ती थी। अब उपलब्ध नहीं है।
होली में जूते का महत्व- जूतों की महिमा
- ग्वालियर के सुप्रसिद्ध कवि कैलाशकमल द्वारा एक जूता पुराण लिखा गया था। उसमें जूतों की तारीफ इस प्रकार लिखी है-
सदा पैरों में रहता हूँ, स्वयं सरकार होता हूँ।
अगर होली का मौका हो, तो गले का हार होता हूँ।।
कौन सी ऐसी जगह है, जिस जगह जूता नहीं।
मुफ्त में मिलते हैं यदि, क्रय करने का बूता नहीं।।
दुःखी प्रेमियों की होली-
अब क्या खा़क मनाऊँ गा होली।
जब वो ही किसी और की हो ली।।
पुराने समय की बातें-
- होली में वो लड़किया भी अपने अंदर की होलिका जला ले, जो दशहरा में लड़को से अपने अंदर का रावण जलाने को कह रही थी !!
किस से होली खेलिए, मलिए किसे गुलाल।
चेहरे थे कुछ चाँद से डूब गए इस साल।
दूरियाँ दिल की मिटें, हर कहीं अनुराग हो।
न द्वेष हो, न राग हो, ऐसा देश में फाग हो।।
- अमृतम परिवार की ओर से पुनश्च होली की शत-शत शुभकामनाएं
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