- अमृतम पत्रिका, ग्वालियर। कैंसर से मुक्ति के आठ उपाय नीचे लिखे जा रहे हैं। जो स्वास्थ्य लाभ में सहायक हैं।
- आज से 25/30 साल पहले तक कैंसर विकार ने इतना हाहाकार नहीं मचाया था। आज 13 फीसदी लोगों का जीवन बेकार और तार तार हो चुका है। सभी रोग ऊपर वाले कलाकार की देन हैं।
- आज कैंसर के कारण समस्त नर नार हार कर पीड़ित हैं। यह गले का हार बन चुकी है। सरकार भी हार मान गई। दुनिया को कैंसर से मुक्ति की दरकार है
- आयुर्वेद की भाषा में इसे कर्कट व्याधि बताया है, जो जीवनीय शक्ति के आधी या कमजोर होने से होती है।
आयुर्वेद में कैंसर रोग की चिकित्सा का सटीक इलाज है?
- रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी, कमजोरी के कारण ही देह में कैंसर जैसे असाध्य रोग पैदा होते है।
- रोगनिदान ग्रन्थ, माधवनिदान, आयुर्वेद चिकित्सा आदि किताबों में कैंसर को कर्कट रोग बताया है, जो जीवनीय शक्ति अर्थात इम्युनिटी कमजोर या खत्म होने के कारण पनपता है।
- ज्यादा रसायनिक पदार्थ, अंग्रेजी दवाओं के सेवन से शरीर की रोग प्रतिकार क्षमता क्षीण होने लगती है।
- आयुर्वेद शास्त्रों में कुछ उपाय-उपचार दिए हैं, जिससे इम्युनिटी स्ट्रांग होती है। इन्हें 15 से 20 दिन आजमाकर देखें। थोड़ा सा भी फर्क दिखे, तो इसे लम्बे समय तक उपयोग करें।
- सुबह ब्रह्म महूर्त में जब गाय पहला गौमूत्र त्याग करती है। केवल वही गौमूत्र कर्कट रोग यानि कैंसर में अत्यंत लाभकारी है।
- अपनी नाभि पर ध्यान देते हुए सीधी नाक से गहरी श्वांस नाभि तक ले जाकर धीरे-धीरे सीधी नाक से ही छोड़े। यह प्रयोग सुबह निराहार रहकर 101 बार नियमित एक माह करें। इससे इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होगी।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा विक्रांत भस्म, वंग भस्म, त्रिवंग भस्म सभी 3–3 ग्राम, स्वर्ण भस्म 1 ग्राम की मात्रा धुतपापेश्वर कम्पनी की लेकर त्रिकटु चूर्ण 50 ग्राम मिलाकर अच्छी तरह खरल करें।
- सबकी 108 खुराक बनाएं और सुबह एक खुराक अमृतम गोल्ड माल्ट में मिलाकर चाटें, फिर ऊपर से गुनगुना दूध 100 या 200 Ml पियें। इसी प्रकार एक दिन में 3 खुराक लेवें। यह दवा 5 से 10 माह तक लेना पड़ सकती है।
- दुपहर खाने से पहले कीलिव स्ट्रांग सिरप 3 से 4 चम्मच एक गिलास पानी में लेवें। यह लीवर की श्रेष्ठ ओषधि है। पाचन तंत्र को क्रियाशील बनाने में चमत्कारी है।
- मान्यता है कि देह में समस्त विकारों का जन्मदाता मानव मस्तिष्क है। शाम भोजन से पूर्व ब्रेन की गोल्ड[1] कैप्सूल दूध के साथ लेने से मानसिक संतुलन सुधरेगा। रोग के प्रति भय मिटेगा। आत्मविश्वास जागेगा।
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