- जुकाम का आयुर्वेदिक, देशी, घरेलू सरल इलाज ये है कि आप नाक में षड़बिंदु या अणु तेल नाक में डालें।
घर पर बनाएं तेल
- 100 ml तिली के तेल में 5 पोथी लहसुन, 10 ग्राम अजवाइन अच्छी तरह तड़काकर रोज सुबह की धूप में सिर पर या पूरे शरीर की मालिश करके आराम से बैठ जाएं।
- फिर, सीधी नाक से गहरी श्वांस नाभि तक ले जाकर रोकें ओर धीरे से सीधी नाक से ही छोड़े। कम से कम 27 बार या108 बार। रात सोते समय भी यही करें।
- आपकी सूर्य नाड़ी मन्द होने के कारण सदैव जुकाम बना रहता है। इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है।ज्योतिष ग्रन्थों के हिसाब से जिस जातक का चन्द्रमा कमजोर या नीच राशि में हो, तो उन्हें जुकाम बहुत सताता है।
ज्योतिष रत्नाकर ग्रन्थ के मुताबिक…
- रोहिणी, हस्त एवं श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातक भी अक्सर जुकाम से परेशान रहते हैं। जिन्हें फेफड़ों के संक्रमण भी हो सकता है।
आयुर्वेदिक शास्त्र अष्टाङ्ग ह्रदय के अनुसार….
- ज्यादा फिजूल की बातें सोचने से, चिन्तया करने से तथा तनाव की वजह से प्राणवायु फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाती। जुकाम का एक कारण यह भी हो सकता है।
- 2 से 3 माह तक निरन्तर कुछ प्राकृतिक उपाय तथा आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल कर आप हमेशा के लिए जुकाम का, काम-तमाम कर सकते हैं।
- आप धूतपापेश्वर कम्पनी का वासवलेह माल्ट रूप में सूखा या ग्रेन्यूल्स फोम में नहीं। अगर मिल जाये, तो सुबह शाम दूध से लेवें। अथवा उपरोक्त सब उपाय न कर सकें, तो 2 महीने लगातार
- लोजेन्ज माल्ट गर्म जल या दूध से लेवें। यह 19 तरह के कफविकार एवं वजुकाम में राहत देता है।
रात को सोते वक्त एक गोली
अमृतम टेबलेट सादा पानी से लेवें।
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