- संसार में कोई किसी का दुःख दूर नहीं कर रहा। सब मंच पाने में हैं। कोई लंच खाने में मस्त है और टंच यानी धन कमाने में लगा है।
- लोगों ने भगवान को भी बांट रखा है। सृष्टि का मूल आधार शिव से दूर होने के कारण लोग भयंकर रूप से परेशान हैं।
- भूत प्रेत मैन की ही भयम है। हम नकारात्मक विचारों के द्वारा चारो तरफ से घिरकर धंधेबाजों के पास उपाय पूछने चले जाते हैं।
- तत्काल फायदा पाने की लालसा ने हमारी आस्था को कमजोर कर रखा है। भगवान से वास्ता किसी का भी न होने से सब रास्ता भटक रहे हैं।
- कठोतउपनिषद में भूतों का आशय पंचमहाभूतों से हैं। अग्नि जल, पृथ्वी, वायु और आकाश इन्हें भी भूत कहते है, जो ब्रह्मसब्द को चलकर इस जीव जगत का पालन, पोषण कर रहे हैं।
- संसार के प्रत्येक ओरणी को ये 5 चीजें मुफ्त में मिली हैं जिसका वे लुफ्त उठा रहे हैं । हम इनके कर्जदार हैं।
- 5 भूत के कारण गमर जीवन चलायमान है और हम इनके लिए, जो ध्यान साधना जार कर्ज वापस करना चाहिए। वह नहीं करते, तो आत्मविश्वास कमहोर होकर भय, भ्रम, तनाव होने लगता है।
- गरुड़ पुराण ओर श्रीमद्भागवत गीता की माने तो हमारे पितरों को मरने के बाद जब शांति नहीं मिलती, तो वे प्रेत योनि जाकर इंसान को तबाह करने शुरू कर देते हैं।
- क्योकी कोई व्यक्ति जब तक जिंदा रह उसने परिवार चलाने के लिए, सहन सम्पदा एकत्रित करने के लिए अनेक पापों का सहारा लिया।
- अगर कपङे पितरों की संपत्ति मिली है और उनकी आत्मा की शांति के लिए कोई उपाय नहीं किया, तो वे शिव मंदिर में रहकर घर में ही आ हॉट हैं।
- शिवपुराण में लिखा है कि भूत, प्रेत शिवालय में वास करते हैं इसलिए प्रतिदिन एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। पितरों को पानी सर्वाधिक प्रिय है।
Leave a Reply