- पत्नी को कभी खरीदारी से न रोकें। उनमें दूरदृष्टि होती है। सं 2004 में पति ने 2 लाख का वाहन खरीद ओर पत्नी ने 2 लाख का सोना।
- आज गाड़ी का मूल्य 50000/- रुपये है और सोने की कीमत 10 लाख रुपये। यही उसकी समझदारी है।
- पत्नी परिवार की जिम्मेदारी समझती है। नारी भी बड़ी व्यापारी होती है। वह 50 आगे की तैयारी पर ध्यान देती है।
- इसलिए बुरी परिस्थिति में नारी कभी नहीं हारी। बस, किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त न हो।
- स्त्री कुँवारी होने वैवाहिक होने तक घर को बनाने में सारी ताकत झोंक देती है।
पुरुषों से निवेदन
- बेवजह खरीदारी से बचें। हॉर्वर्ड की न्यूरो सर्जन ऐन दुहैम ने कहा, बिना जरूरत की खरीदारी बीमारी बेवजह की शॉपिंग, आदत कम दिमागी परेशानी ज्यादा, दवाएं भी जिम्मेदार, छोटी कोशिशों से बदलेगा आपका व्यवहार।
- वॉशिंगटन बिना जरूरत के खरीदारी करना आमतौर पर कुछ लोगों की आदत मानी जाती है. लेकिन ये आदत उनके शौक से ज्यादा उनकी दिमागी परेशानी है।
- दरअसल दिमाग एक तरह का डोपामाइन रिलीज करता है, जो खरीदारी के लिए मजबूर करता है।
- खुद को चैलेंज दें, रिवॉर्ड के लिए खरीदारी अब से बंद करें।
- कई बार किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए खाई जा रही दवाओं की वजह से डोपामाइन रिलीज होता है जैसे पार्किंसन की दवाएं। ये दवाएं खरीदारी के लिए प्रेरित करती हैं।
- अमेरिका में हॉर्वर्ड एकदम से खरीदारी बंद मत कीजिए। कोई भी चीज सम्मान या रिवॉर्ड के लिए मत खरीदिए।
- जैसे एक पर एक फ्री जैसी स्कीम नए कपड़े खरीदने की बजाय खुद को पुराने कपड़ों में फिट होने का चैलेंज दें।
- सप्ताह में कोई एक दिन ऐसा तय कीजिए, जिस दिन आप कुछ नहीं खरीदेंगे।
- न्यूरोसर्जन ऐन क्रिस्टीने दुहैम अपनी किताब माइंडिंग क्लाइमेट हाऊ न्यूरोसाइंस कैन हेल्प सॉल्व ऑवर एनवायर्नमेंटल क्राइसिस में कहती हैं, बेवजह की खरीदारी की दूसरी वजह परवरिश है।
- कोई किस माहौल में पला है और उसने खरीदारी को बचपन में किस तरह देखा है। इससे भी उसकी खरीदारी की आदत तय होती है।
- अगर किसी ने बचपन से बार-बार यह सुना है कि ज्यादा खरीदारी इंसान को कंगाल बना देती है, तो वह बड़ा होकर कम खर्चीला होता है।
- अगर उसके माता-पिता ऐसे न भी हों तो भी । जिसने बचपन में सुना है कि ज्यादा खर्च कर बेहतर जिंदगी जी जाती है । वह बड़ा होकर बेवजह की खरीदारी करता है।
- सिगरेट दुहैम अपनी किताब में एक शोध पीने वाले युवा जो अपनी तलब नहीं रोक पाते और जिनके परिवार में जुआरी रहे हों, वे भी बिना जरूरत के खरीदारी करते हैं।
- दिमाग खरीदारी के लिए कैसे प्रेरित होता है ये बताने के लिए वे उदाहरण देती हैं, आपने कहीं वाटर कलर के बारे में पढ़ा और आपको अपनी चित्रकारी का शौक याद आया।
- आपने ऑनलाइन देखा और यह सस्ता लगा। आपने खरीद लिया। अगले दिन कोई घर के पास वाटर कलर बेचने आया। आपको उसकी क्वालिटी ज्यादा बेहतर लगी। आपका दिमाग फिर खरीदने के लिए कहेगा। दिमाग ऐसे ही काम करता है।
- पत्नी को तभी सेटिस्फेक्शन मिलता है, जब पति अक्ल के काम करे। बेअक्ल लोगों के कारण आने वाला कल खराब हो जाता है।
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