जहां तक हमारी समझ है कि लिंग की लंबाई जैसी परमात्मा ने प्रदत्त की है, उसमें कोई परिवर्तन असम्भव है।
आशय यही है कि आदमी की सारी ऊर्जा-उमंग वीर्य पर निर्भर है।
उम्र बढ़ने के साथ वीर्य सूखने, पतला होने से मनुष्य किसी काम का नहीं रहता। इसलिए आयुर्वेदिक ग्रन्थ एवं शास्त्रों में सलाह दी गई है कि- 40 की उम्र पश्चात बाजीकरण अर्थात वीर्यवर्द्धक ओषधियों का सेवन जरूरी है। इससे बुढापे में कोई भी रोग सताते।
वीर्य वृद्धि कर शीघ्रपतन रोकने वाला और सम्बन्धों को मजबूत बनाने तथा साथी संग सफल सेक्स करने हेतु-
- शादी-शुदा अनुभवी लोगों का मानना है कि स्त्री को सहवास में संतुष्टि के लिए पुरुषों में बाजीकरण अर्थात सेक्स पॉवर, पुरुषार्थ शक्ति भरपूर होना चाहिए।
- सेक्स करने के लिए जरूरी काम की बारह बातें- सबसे मुख्य बात है कि पुरुष को शीघ्रपत्तन की शिकायत रत्ती भर भी न हो।
- सेक्सी पुरुष का स्वभाव विनम्र हो।
- वाणी में मिठास, अपनापन हो।
- मर्द ज्यादा गम्भीरता या गहराई वाला न हो।
- बाल की खाल निकालने में संग्लन न हो
- सहवासी व्यक्ति स्वस्थ्य, रोग रहित हो।
- लिंग/शिश्न में कठोरता हो।
- शीघ्रपतन की शिकायत न हो।
- वीर्य गाढ़ा हो एवं शुक्राणु की मात्रा पर्याप्त हो।
- लिंग में शिथिलता न हो।
- चुम्बन करने में ज्यादा वक्त लगाए।
- स्त्री के शरीर को लम्बे समय तक सहलाने में दक्ष हो।
- व्यक्ति चिड़चिड़ा, क्रोधी एवं गुस्सेल प्रवृत्ति का न हो।
- ऐसा निपुण मनुष्य को महिलाएं अत्यधिक पसंद करती हैं। ऐसे पुरुष ही सम्भोग में
- स्त्री को पूरी तरह थकाकर तृप्त, संतुष्ट तथा लस्त-मस्त कर पूर्ण आनंद देने में कामयाब होते है।
- शुक्राणुओं की शक्ति का कमाल…आदमी शादी से पहले गर्म जोशी में कुछ दिनों तक मदहोशी में और अन्त में खामोशी या बेहोशी में रहता है!
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