क्या है अभ्यङ्ग | What is Abhyanga? Learn with Amrutam
दिल के लिए फायदेमंद है- मालिश
क्या है अभ्यङ्ग-
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आयुर्वेद के चिकित्सा महर्षियों ने
हजारों वर्ष पहले ही मालिश का
महत्व बता दिया था।
आयुर्वेद शास्त्रों में मालिश को
अभ्यंग कहा गया है।
“वामन शिवराम आप्टे”
द्वारा रचित
संस्कृत-हिंदी कोश में
अभ्यङ्ग: का अर्थ है-
चन्दन,
जैतून,
बादाम तेल एवं
सुगन्धित द्रव्यों
से युक्त अमृतम औषधियों
से निर्मित
चिकने पदार्थ या तेल को
शरीर पर मलना,
केवल खुशबूदार हर्बल ऑयल द्वारा
तन की मालिश करना
अभ्यंग कहलाता है।
मालिश,
लेप,
उबटन
अभ्यङ्ग के अन्य नाम हैं।
अभ्यङ्ग से शरीर के
अभ्यन्तर अर्थात
भीतरी,आंतरिक,
अंदरूनी भाग,
नाड़ियों,ग्रन्थियों एवं
रक्तवाहिनियों
में रक्त का संचार सुचारू होता है।
संदल (चन्दन)
बादाम,
ओलिव आयल(जैतून ऑइल)
केशर,
गुलाब इत्र
आदि खुशबू युक्त
हर्बल जड़ीबूटियों से निर्मित
।।अमृतम।।
काया की मसाज ऑयल
की मालिश से शरीर का
अंग-अंग,
मस्त-मलङ्ग
हो जाता है।
वैज्ञानिको के विचार-
भारत
की सर्वश्रेष्ठ संस्था
“हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया”
वैज्ञानिक चिकित्सकों ने चेताया है
कि सप्ताह में 2 से 3 बार पूरे शरीर
की मालिश अनेकों रोगों से बचा सकती है।
हृदय रोग,
वात विकार
त्वचा रोग
आदि का कारण रक्तवाहिनियों
की शिथिलता है,
जो शरीर खून के प्रवाह के
अवरुद्ध होने से उत्पन्न होते हैं।
दिल के रोगियों के लिए
मालिश बेहद फायदेमंद है-
हार्ट केयर फाउंडेशन के हिसाब से
मालिश से शरीर में रक्त-संचार में
तेजी लेन वाले
जैव रसायनों का
स्तर बढ़ जाता है,जिसकी वजह से
धमनियों एवं
रक्त को संचारित
करने वाली नाडियों में
15 फीसदी तेजी आ जाती है।
शरीर रोग रहित होकर
ऊर्जा से लबालब हो जाता है,
जो कि हृदय,
वातरोगों,
सुस्ती,
शिथिलता,
कमजोरी,
शारीरिक क्षीणता
आदि बीमारियों के लिए काफी
लाभकारी है।
क्या करें–
प्रतिदिन प्रातः सूर्य किरणों के
समक्ष पूरे तन की
काया की ऑइल
से हल्के हाथ से मालिश करे!
फिर, 40 से 50
मिनिट बाद स्नान करें।
काया की ऑयल मंगाने हेतु
अपना आर्डर ऑनलाइन देवें।
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