क्यों होता है – अर्श, बबासीर या पाइल्स…
१- पुराना कब्ज,
२- मल का कड़ा होना,
३- आँतों की खुश्की,
४- आँतों का क्षतिग्रस्त होना
५- पेट की खराबी,
६- पित्त का प्रकोप
आदि कारण है -बवासीर होने का।
रोग देह में दो ही जगह आते हैं…
पाइल्स की माल्ट के उपयोग से बवासीर जड़ से मिट जाती है।
!!तेषांकायमनोभेदादधिष्टनमपिद्विधा!! (अष्टाङ्ग ह्रदय)
अर्थात- शरीर और मन बीमारियों के दो स्थान हैं। विकार सर्वप्रथम मन व उदर में प्रकट होते हैं,
फिर पूरे तन का पतन करने लगते हैं। ज्वर, संक्रमण, कोरोना, रक्तपित्त, अर्श, खांसी आदि का स्थान शरीर है।
मद, मूर्च्छा, सन्यास, कालसर्प-पित्तदोष आदि ग्रहदोषों का भय, भूत-प्रेत बाधा, अपस्मार,
भूलने की बीमारी, राग-द्वेष, लोभ-मोह का अधिष्ठान मन है।
!!रजस्तमश्च मनसोद्वाउच दोषावुदाहृतौ!! (सुश्रुत)
अर्थात- रज ओर तम ये दोनों मानसिक दोष हैं। ये अविद्या से उत्पन्न होते हैं। ये मन में विकार लेकर पाचनतंत्र को खराब करते हैं,
जिससे मल सूखने लगता है। कब्ज होने लगती है और अंत में अर्श आ जाता है।
बवासीर (पाइल्स) 14 तकलीफों को ठीक करें..
बवासीर/पाइल्स 13 तकलीफों को ठीक करें,
समझदारी से शल्यचिकित्सा (ऑपरेशन) से
बचने का आसान तरीका।
पाइल्स को ठीक करने के लिए अब, बहुत सी दवाओं की जरूरत नहीं, बस, एक ही काफी है।
आयुर्वेदिक 100% अर्श की सर्वश्रेष्ठ ओषधि हरड़ मुरब्बे, गुलकन्द, अमलताश, अर्शकुठार से निर्मित पहला हर्बल माल्ट।
यह पूर्णतः हानिरहित है।
पाइल्स की गोल्ड माल्ट-14 रोगों में लाभकारी है..
【1】गुदा में जलन,
【2】मस्सों में खुजली
【3】खून आना,
【4】जलन खुजली
【5】उठते-बैठते, चलते-फिरते बवासीरके मस्सों में दर्द रहना
【6】पेट साफ न होना,
【7】खून बहना कम करे
【8】नसों व मस्सों की सूजन दूर करें
【9】मल ढ़ीला कर पेट साफ करता है
【10】भूख बढ़ाता है।
【11】पाचन क्रिया को ठीक कर पाचन तन्त्र सुचारू करे
【12】यकृत की समस्याओं को दूर कर सामान्य करने में सहायक।
【13】आँतों की सूजन कम करता है
【14】यह 1 से 3 माह तक नियमित लेने पर बवासीर के मस्से सुखा देता है।
Leave a Reply