लोग जुआ क्यों खेलते हैं? इसकी लत कैसे छुडाएं!

तलाश जिनकी खत्म हो जाती है या जो लोग जीवन में किसी की तलाश न करके चलती-फिरती लाश बन जाते हैं, वे ताश में सलग्न हो जाते हैं।

      • ताश परिवार व पत्नी के लिए गले की फांस है। ताश खेलने से सब नाश हो जाता है। लेकिन जिन्हें ताश…रास आ जाते हैं, वे 24 घण्टे जुआरियों के पास बैठे रहते हैं और कभी लंबा जुआ खेल गए, तो घरवालों की सांस अटक जाती है।
      • आदमी से ज्यादा किस्मत वाले ताश के पत्ते होते हैं। बिखरने के बाद इन्हें कोई उठाने वाला तो है…
      • ताश समय पास करने का सर्वश्रेष्ठ साधन, मनोरंजन है।
  • हालांकि ताश के शौकीन लोग ताश खेलने वालों के पास ही ज्यादा बैठते हैं। धन से खल्लास होकर दूसरे के खेल का आनंद लेते हैं।
  • ताड़ में इक्का और जिंदगी में सिक्का अगर चल जाये, तो सब सलाम करते हैं। बादशाह आने पर सब गुलाम हो जाते हैं।
  • ताश की प्यास बहुत व्यक्ति को दास बना देती है। फिर कोई भी इन्हें घांस नहीं डालता।
  • ताश का जोकर, जीवन की ठोकर बाजी बदलने की दम रखते हैं।
  • ताश के पत्ते तथा किस्मत एक बार चल जाये, तो सब दुख दूर कर समाज को मुख बन्द कर देते हैं।
  • हारे हुए जुआरी का काम-दाम निपटने के बाद खेलने वाले साथी उसके जुखाम से भी घबराते हैं।
  • हमें भी भारी शौक था, लेकिन बीबी ने रोज शोक यानि दुःख दे देकर जुए के कुए से बाहर निकाल दिया।

कैसे भी मुमकिन नहीं था,

जुआ छोड़ने का इलाज साखी।

पत्तों का शौक था, पत्नी की…

गालियों से ही आराम आया।।

  • पत्तों की लत के कारण ग्वालियर के सबसे प्रतिष्ठित जीवाजी क्लब की मेम्बरशिप ली और जब शहर में होते, तो नियमित पत्ते खेलने जाते थे। आज इस क्लब का सदस्यता शुल्क 8 लाख के करीब है, जो गरीब के लिए बहुत मुश्किल बात है।

आठ-नौ लोग जुआ खेलते पकड़े गए….! .
एक जुआरी दौड़कर पुलिस की गाड़ी में बैठ गया…
एक.पुलिस वाले ने पूछा?…. – तू अपने आप ही क्यों बैठ गया…?

जुआरी – क्योंकि पिछली बार मैं पकड़ा गया था, तो
गाड़ी में सीट नहीं मिली थी, खड़े होकर जाना पड़ा था…!

  • जुआरी और प्रेमी भी कभी धैर्य नहीं खोते। एक को जीतने का दूसरे को पाने का पूर्ण भरोसा रहता है।
  • किसी पर्यावरण प्रेमी ने कहा कि पेड़ से हमें ‘शीतल छाया’ मिलती है…!
    .एक बेचारा, पेड़ के नीचे तीन दिन तक बैठा रहा…..! लेकिन ना तो शीतल आई और ना ही छाया…!
  • एक जुआरी की घरवाली से भयंकर मुहँ वाद हो गया और गुस्से में लड़ते-लड़ते बालकनी से फिसलकर नीचे कचरे के डिब्बे में गिरी……!,
  • ये देखकर पास बैठा शराबी ने औरत को बहुत निहार कर देखा, फिर बोला-…
    फेंकने वाला आदमी कुछ ज्यादा ही शौकीन लगता है, वर्ना अभी 5-6 साल और चल सकती थी!

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