व्यापार करना क्यों जरूरी है ?
- नार-व्यापार और त्योहार से जीवन बदल जाता है। इस संसार में तार-तार से बचने एवं आगे बढ़ने के लिए तीनों जरूरी हैं।
- व्यापारी की बुद्धि बहुत तेज हो जाती है क्यों कि उसे आये दिन अनेक लोगों से संवाद या डील करना होता है।
- कुछ अनुभवी कहते हैं कि- दुनिया में आज तक नारी और व्यापारी से कोई भी नहीं जीत पाया। वे बाल से खाल निकालने और खाल में बाल लगाने में माहिर होते हैं।
- आज गंजापन दूर करने के व्यापार ने अनेकों की नैया पार कर दी।
- नारी व व्यापारी के जाल में उलझकर किसी-किसी के गाल पर चमक आ जाती है या गाल सूख जाते हैं।
- अगर मालामाल बनना है, तो व्यापार की तरफ रुख करें। व्यापार वृक्षारोपण की तरह होता है।
- जैसे पेड़ को जमने, उगने में समय लगता है, वैसा ही व्यापार का हाल है। जिस दिन भी फल आने लगते हैं, व्यापारी की महिमा न्यारी हो जाती है।
- हरेक व्यापारी की नारी यानि पत्नी नित्य निये ख्याल अर्थात सुझाव देती है, इससे माल मतलब पैसा बढ़ने लगता है।
- कर्ज लेकर, किराए की दुकान से व्यापार शुरू करने वाले व्यापारी कुछ ही दिनों में करोड़ो तक पहुंच जाते हैं।
- यह कोई चमत्कार नहीं है। दरअसल व्यापारी बहुत मेहनती होता है। इनका कोई टाइम-टेबल या सोने-जागने, खाने-,पीने का निश्चित समय नहीं होता।
- व्यापारी को काम और दाम से मतलब है। इसी से वह राम-श्याम के उत्सवों खर्च करता है।
- जैसे घर-परिवार, रिश्तेदार तथा आस-पड़ोस की जानकारी नारी को होती है।
- वैसे ही व्यापारी को माल की कीमत, क्वालिटी आदि का ज्ञान होता है। कब किस समय किस वस्तु में घट-बढ़ होगी, उसी हिसाब से बढोतरा-घटोत्रा करते हैं।
- हमारे हिसाब से यदि जोखिम उठाते हुए, दमदार परिश्रम करने की क्षमता है, तो व्यापार ही करें। गरीबी, कड़की से मुक्ति का यही एक सही मार्ग है।
- धोखा खाओगे, तो मौका भी मिलता रहेगा।
- अगर आपको व्यापार का अनुभव नहीं है, तो सबसे पहले 2 से 3 साल किसी व्यापारी के यहां नोकरी अवश्य करें, तभी व्यापार के दावँ-पेच सीख सकोगे।
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