मुझे कतई नहीं लगता इंजीनियरिंग की पढ़ाई आसान होती होगी। मेरे कुछ दोस्तों को देखकर तो यही लगता है लेकिन कुछ विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग को बहुत आसान बना डाला।
आइए देखते हैं कैसे जब एक सही विद्यार्थी गलत प्रोफेशन में पहुंचता है अथवा एक गलत विद्यार्थी सही प्रोफेशन में चला जाए
आखिर क्यूं बदनाम हुई इंजीनियरिंग ।इसके सन्दर्भ में कुछ (कुछ मात्र) उदाहरण नीचे हैं
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना☠️
2. फुटपाथ पर ब्रेकर
3. सलाम है –
4. वाह ?
5. जुगाडबाजी
6.क्या करेगा चांद, क्या करेगी चांदनी
7.इतने पेढ काटने के बाद शायद इसी ने माफी मांगी होगी
8. और सबसे ज्यादा इंजीनियरों को गाली पढती है तो इन वजहों से
9.संरचनात्मक गढबढी
10.आइला- सवारी मिल गई
वैसे इंजीनियरिंग के ज्ञान से ज्यादा यह मानसिकता के कारण है,जनता के पैसों से खेलकर जनता का ही मजाक बना लेते हैं संकीर्ण मानसिकता के ये लोग।
अब आपको पता चल ही गया होगा क्यों इतने जोक्स बनते हैं हमारे इंजीनियरों पर। वो कहते हैं ना एक खराब मछली पूरे तालाब को गंदा कर लेती है ,वैसा ही कुछ हिसाब है इधर भी। बेहतरीन इंजीनियरिंग व आर्किटेक्टों के देश में इतने जोक्स सिर्फ इस विषय पर बनते हैं तो दुख की बात तो है। और भी पहलु संभव हो सकते हैं।
आर्किटेक्ट की एक नई कम्पनी स्टार्टअप इंडिया के तहत देश की पहली रजिस्टर्ड कम्पनी है-
इसे भी देखें, मनोबल बढ़ाएं, प्रचार-प्रसार में सहयोग कर भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।
लेखक की जानकारी-
हेमवतीनंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय,
श्री नगर गढ़वाल उत्तराखंड
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