स्वस्थ्य तन-स्वच्छ वतन

स्वस्थ्य रहने के लिए – डिनर छोड़ें: 

ऐसी सोच बनाये कि,
रात्रि को भोजन नही करना है ?
जाने कितना नुकसान पहुंचाते हैं
हम तन-मन को।

सूर्यास्त के बाद डिनर करने से शरीर को बहुत नुकसान होते हैं, यह जानकर आप डर जाएंगे।

दरअसल यह आयुर्वेद का सूत्र है

सुश्रुतसहिंता, चरक संहिता, भेषजयरत्नावली और अष्टांग संग्रह भी रात में खाने से बचने के लिए कहता हैं; क्योंकि उस समय पेट की अग्नि यानि जठराग्नि, जो भोजन पचाने का काम करती हैं, बहुत मन्द या कमजोर रहती है. जैसे-जैसे सूर्य ढलता है, रात्रि होने लगती है, हमारी जठराग्नि भी मंद पड़ने लगती है.
सायं भुक्त्वा लघु हितं समाहितमना: शुचि:|
शास्तारमनुसंस्मृत्य स्वशय्यां चाथ संविशेत ||
 
रात्रौ तु भोजनं कुर्यातत्प्रथमप्रहरान्तरे|
किञ्चिदूनंसमश्नयाद्दुर्जरं तत्र पर्जयेत् ||

रात्रि भोजन का नियम

रात का भोजन सूर्यास्त के पूर्व ही कर लेना चाहिए और पेट भरकर नहीं खाना चाहिए, पेट को कुछ खाली रखकर ही भोजन करना चाहिए।
आयुर्वेद एवं के प्राचीन शास्त्रों में भी
यह कहा गया है कि,
चत्वारि नरक्द्वाराणि प्रथमं रात्रिभोजनम्”, 
मतलब रात्रि भोजन नरक का पहला द्वार है|
‘नरक के द्वार’ से अभिप्राय यहां अस्वस्थता ही समझें.
 “जो व्यक्ति सूर्यास्त के बाद यानि कि देर रात शराब, मांस, पेय, आदि खाता है और जमीन के नीचे उगाई हुई सब्जियों  जैसे – आलू, गाजर,मूली आदिका उपभोग करता है; उस व्यक्ति को अर्श या बवासीर की समस्या उत्पन्न होने लगती है और उसके किये गए तीर्थयात्रा, प्रार्थना और किसी भी प्रकार कि भक्ति बेकार हैं|” महाभारत (रिशिश्वरभरत)

जैन धर्म के नियम

जैन धर्म में भी सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाते है। रात्रि में इनके यहां भोजन निषिद्ध है।

बुद्धिजीवी बौद्ध

भगवान बुद्ध भी अपने भक्तों को आयुर्वेद का ये उपदेश देते हुए कहा करते थे कि स्वस्थ और युवा रहना चाहते हो, तो कभी भी सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करो। हमेशा सूर्य डूबने से पहले भोजन कर लो और किसी हाल में सूर्यास्त के बाद कुछ भी न खाओ। लोग उनकी बात मान कर ऐसा ही करते थे और मोटापे सहित कई गंभीर वीमारियों से बचे रहते थे,
 पर बाद में लोगों ने यह कहकर इसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया कि चूंकि प्राचीन काल में बिजली नहीं थी, इसीलिए लोग जल्दी खाना खा लेते थे। ऐसा कहने वाले लोगों ने देर रात डिनर करने की आदत लगायी. बहुत पहले लोग रात में नहीं खाते थे।

लाइलाज मोटापा

मोटापा दुनिया में महामारी बन चुका है। वर्तमान में विश्व की 45 फीसदी आबादी मेदरोग अर्थात मोटापे से पीड़ित है। दुनिया की किसी भी चिकित्सा पद्धति में
मोटापा दूर करने का कोई भी स्थाई
इलाज नहीं है
अब जब यही बात अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिक शोध (रिसर्च) के बाद कह रहे हैं, तो सबके कान खड़े हुए हैं।

सूर्यास्त से पहले खाने के फायदे

अगर आप सूरज डूबने से पहले डिनर कर लेंगे, तो यह तय है कि आपको मोटापे की समस्या से कभी नहीं जूझना पड़ेगा और अगर आप मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको इससे जरूर मुक्ति मिल जाएगी।
अगर आप कब्ज, गैस या दूसरी तरह की पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं या फिर पेट बाहर निकल रहा है, तो सूर्यास्त से पहले भोजन करना इसका रामबाण इलाज है। इससे कब्ज, गैस और दूसरी पेट की वीमारियों से मुक्ति मिलेगी।
 दरअसल डिनर करने और बेड पर सोने जाने के बीच गैप (समय का अंतर) होना चाहिए। ऐसा न हो कि रात 10 बजे डिनर किया और 10.30 बजे सो गए। जब ऐसा होता है, तो इससे पेट से संबंधित समस्याएं पैदा होती है। कब्ज, गैस और दूसरी समस्याएं होती हैं।
इन्हीं समस्याओं से हृदय व्याधि भी होती है।
 मोप्पे के कारण होने वाली कमजोरी में कुछ  आयुर्वेदिक ओषधियाँ सप्लीमेंट के रूप में सहायक जरूर हैं, लेकिन इन दवाओं को 3 से 6 माह तक नियमित लिया जावे, तो अमृतम गोल्ड माल्ट 1 से 2 चम्मच दिन में 3 से 4 बार गर्म पानी में मिलाकर चाय की तरह सेवन करने से बिना किसी परेशानी या नुकसान के चर्बी गलने लगती है। इस माल्ट से फायदा, तभी है, जब इसे लगातार लम्बे समय तक लिया जाए।
अमृतम गोल्ड माल्ट  में मिलाये गए घटक-द्रव्य चर्बी,तोंद, मोटापा कम करने में सहायता करते हैं। इसमें मिलाया गया आँवला मुरब्बा एंटीऑक्सीडेंट होने से फेट को कम करता है।
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कैसे बढ़ता है मोटापा – 

जब हम सोने जाते हैं तो हमारे शरीर के अधिकांश अंग आराम की अवस्था यानि रेस्ट मोड में चले जाते हैं; पर जब हम देर से डिनर करते हैं, तो हमारा पाचनतंत्र अर्थात डाइजेस्टिव सिस्टम सोते वक्त भी पूरी तेजी से काम करता रहता है। इस वजह से गहरी नींद नहीं आती, नींद कई बार टूट भी जाती है, निद्रा-चक्र में व्यवधान होता है, जिससे कलेजे या छाती में जलन महसूस होने लगती है।
रात में भोजन करने से पेशाब में वृद्धि और उत्सर्जन की आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं, जिससे अनावश्यक निद्रा-नाश होता है। अगर हम सूर्यास्त के पहले भोजन कर लेंगे, तो सुबह सोकर उठने पर खुद को ताजा-ताजा महसूस करेंगे। सुबह से ही अच्छे मूड में बने रहेंगे.

संकल्प शक्ति बढ़ाएं

बहुत से लोग ये कहना है कि हमारा जीवन शैली ही कुछ ऐसी है कि जल्दी नहीं खा सकते, पार्टियों में जाना पड़ता है या फिर प्रोफेशन ही ऐसा है। बॉलीवुड में अपनी फिटनेस के लिए खिलाड़ियों के खिलाड़ी के नाम से मशहूर अक्षय कुमार कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं सूर्यास्त के बाद डिनर नहीं करता। अगर अक्षय ऐसा कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं? आपको चुस्त-दुरुस्त और निरोगी बने रहना है, तो डिनर छोड़ ही दें। यह भारतीय संस्कृति है भी नहीं।

अक्षयकुमार की अक्षय निधि

बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार से एकबार पत्रकारों ने पूछा कि आपकी सेहत का क्या राज है। अक्षय कुमार का जवाब बिल्कुल ही आयुर्वेद के सूत्रों पर आधारित था। अक्षय ने कहा कि मैं कभी भी सूरज डूबने के बाद डिनर (रात्रि भोजन) नहीं करता। हमेशा सूर्यास्त के पहले डिनर कर लेता हूं। इसके बाद अक्षय ने इसके फायदे बताए, तो सबलोग दंग रह गए।
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