आपको अन्दर से गर्माहट के लिए जरूरी है-
सेहत की रेसिपी-
इसके फायदे देखकर हो जाएंगे हैरान
सर्दी का मौसम सेहत बनाने के लिए
सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह ऋतु रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी पॉवर
सुधारने के साथ-साथ सर्दियों स्वाद ग्रंथियों को स्वच्छ, स्वस्थ्य औऱ पारदर्शी बनाता है।
क्या है रोगप्रतिरोधक क्षमता/इम्युनिटी?
इम्युनिटी शक्ति या रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर तन-मन अनेक तरह की
बीमारियों से जकड़ने लगता है।
■ रोगों का असर जल्दी होता है।
■ ऐसे में शरीर कमजोर हो जाता है और
■ हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं।
नई ताकत, शक्ति, ऊर्जा का एहसास
और शरीर का रक्षक
तन का सुरक्षा कवच है।
यह शरीर को चारों तरफ से विकार , त्रिदोष रहित बना देता है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता की मजबूती से हमारा इम्यून सिस्टम हमें कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कई तरह के बैक्टीरियल संक्रमण, फंगस संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है।
अमृतम च्यवनप्राश किस तरह से आपको जवान रहने में मदद करता है? …..
सबको मालूम है कि-ताकत की कमी, झुर्रियाँ, महीन रेखाएं और सफ़ेद बाल बुढ़ापा आने के सूचक हैं। अमृतम च्यवनप्राश में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिससे ये आपको जवान रहने में मदद करता है। यह ‘रसायन’ के अंतर्गत वर्गीकृत उत्पाद है जिसे आयुर्वेद में विशेष उम्र रोधी यानि एंटीएजिंग स्वास्थ्य पूरक सप्लीमेंट बताया है। यह हमेशा आपको जवान बनाये रखता है।
आयुर्वेद के त्रिदोष नाशक मुख्य तीन फलों तथा 55 से अधिक
असरकारक जड़ी-बूटियों से निर्मित है–
कच्चा आँवला इसका प्रमुख घटक है।
इसमें प्राकृतिक रूप से पर्याप्त विटामिन ‘सी’
‘C’ पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट होने से शरीर की सब प्रकार से रक्षा करता है।
क्या होते हैं-एंटीऑक्सीडेंट और इससे होने वाले लाभ….
कई फलों, सब्जियों और अनाजों में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट विटामिन्स, मिनरल्स और कैमिकल्स का संयोजित रूप है। ये सभी तत्व ऑक्साइडेशन से होने वाले नुकसान को निष्क्रिय कर हमारे शरीर की सुरक्षा करते हैं।
हमारे शरीर में होने वाली अधिकांश क्रियाओं में ऑक्सीकरण प्रक्रिया चलती है। इस प्रक्रिया में हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स (बैक्टीरिया) पनपने लगते हैं। ये बैक्टीरिया हमारे शरीर में कोशिका निर्माण और कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने में सहायक होते हैं।
नवीन कोशिकाओं का निर्माण करता है।
शरीर के निष्क्रिय सिस्टम को सक्रिय
एवं मजबूत करने में अत्यंत कारगर
स्वास्थ्य पूरक सप्लीमेंट है।
..
सर्दियों में कैसे रहें स्वस्थ्य-मस्त…
अपने भोजन में अमृतम च्यवनप्राश को
नियमित शामिल करें!
∆ यह रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
∆ यह त्रिदोषों का नाश करता है।
∆ यह वात, पित्त, कफ का शमन करता है।
∆ सर्दी-खांसी, जुकाम, निमोनिया, दमा-श्वांस,
फेफड़ों की कमजोरी, गले की खराबी
आदि अनेक फुसफुस रोग पनपने या
आने से रोकता है।
∆ हड्डियों को मजबूती देता है।
∆ बुढापा जल्दी नहीं आने देता।
∆ बच्चों का विशेष स्वास्थ्य रक्षक है।
∆ अमृतम च्यवनप्राश शरीर को गर्म और ऊर्जावान बनाये रखता है।
∆ पेट के सिस्टम को ठीक करता है।
∆ भूख व खून की वृद्धि करने में सहायक है।
∆ जवानी बनाये रखता है।
यह आयुर्वेद की पध्दति के मुताबिक कांच
के जार में 200 ग्राम 1125/- औऱ
400 ग्राम 1849/- रुपये दो तरह
की पैकिंग में केवल ऑनलाइन उपलब्ध है।
इसमें आँवला, त्रिकटु जैसे द्रव्य-घटक हैं,
जिसे प्लास्टिक जार में रखना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसलिए ध्यान
रखें कि- किसी भी कम्पनी का च्यवनप्राश
कांच की पैकिंग का ही खरीदें।
केवल पुरुष वर्ग ध्यान देवें…
जो लोग सेक्स समस्याओं या यौन रोग
से पीड़ित हों, उन्हें
1-1 कैप्सूल
अमृतम च्यवनप्राश के साथ सुबह-शाम
दूध के संग 2 से 3 महीने तक नियमित
लेना चाहिए।
आज की युवा पीढ़ी गौर करे….
भटकाव से बचें-
आजकल मीडिया में बहुत विज्ञापन
चल रहे हैं कि लिंग को बड़ा करें,
सेक्सुअल पॉवर बढ़ाएं आदि।
इतना ध्यान रखें कि- परमात्मा-,प्रकृति
ने जो चीज जैसी बनाई है, उसमें कोई
परिवर्तन नहीं कर सकते। इस तरह के भ्रम से बचें। यदि कोई चीज जल्दी लाभ
पहुंचती है, तो निश्चित है कि-
वह जल्दी नुकसान भी देगी और हमेशा के
लिए आपकी सेक्स शक्ति खत्म कर देगी।
आयुर्वेद का सिद्धान्त है-
जैसे बिना भोजन के पेट नहीं भर सकता,
वैसे ही शरीर में ताकतवर दवाएँ नहीं जाएंगी, तब तक तन का तरकश मजबूत नहीं होगा।
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