अजवाइन का एक नाम यवानी खाण्डव भी है।
!!दुष्ट यव: यवानी!! (भावप्रकाश निघण्टु)
यह दूषित यव की तरह दिखती है।
अजवायन के 19/उन्नीस फायदे…
भावप्रकाश ग्रन्थ के पृष्ठ 24 एवं वनोषधि चंद्रोदय के अनुसार अजवाइन अमॄत ओषधि है।
द्रव्यगुण विज्ञान नामक आयुर्वेदिक ग्रन्थ में अजवायन को घर का वैध बताया है।
【१】यह अग्निदीपक, भूख बढ़ाने वाली, कृमि नाशक, पाचक, गर्म (उष्ण), उत्तेजक, संक्रमण निरोधी अर्थात हल्दी से अधिक गुणकारी।
【२】दुर्गंध नाशक, पेट के कीड़े मारने वाली, गैस नाशक, उदर रोग नाशक, शरीर की सड़न दूर करने वाली।
【३】अजीर्ण, कुपचन, अपचन, पेटदर्द, वायुविकार, विसूचिका यानि दस्तों में हितकारी है।
【४】पुरानी खांसी में जब कफ अधिक हो, तो कफ ढ़ीला होकर मल विसर्जन द्वारा निकल जाता है।
【५】कोरोना जैसे संक्रमण को दूर करने में सहायक।
【६】अजवाइन को अलग-अलग अनुपान और अनुपतानुसार लिया जावे, तो लगभग 55 से अधिक वात-पित्त- कफ से जुड़ी तकलीफों को दूर करने उपयोगी है।
【७】लाचार रोगी के उपचार में अजवाइन खाने से लेकर इसका धुँआ तक लाभदायक है।
【८】श्वांस की परेशानी में अजवाइन को सेंक कर गुड़ के साथ मिलकर गर्म पानी से देने से फायदा होता है।
【९】अजवाइन का सेवन फेफड़ों के संक्रमण को मिटाता है।
【१०】अजवाइन को चिलम में रखकर तम्बाकू के साथ पाइन की परंपरा कभी राजस्थान में बहुत थी। इससे अनेक समस्याओं का अंत होता था।
【११】उदरशूल, आध्मान आदि विकारों में अजवाइन, सेंधा नमक, सोंचर नमक, यव क्षार, हींग और अमृतम आँवला चूर्ण सब सम भाग मिलाकर चूर्ण बनाकर खिलाने से जबरदस्त फायदा होता है।
【१२】किसी की शराब छुड़ानी हो, तो अजवायन को उपयोग ज्यादा करवाएं।
【१३】हैजे में अजवायन का अर्क उपयोगी है।
【१४】घर में करें-दस्त-जुकाम का इलाज…
【१५】अजवायन सत्व, पिपरमेंट और कर्पूर तीनो सम मात्रा में लेकर यह पानी जैसा तरल हो जाएगा। इसे बताशे में एक बूंद डालकर खिलाने से डीएसटी आदि में राहत मिलती है।
【१६】अमृतधारा जैसे प्रचलित ब्रांड का यही फार्मूला है।
【१७】अमृतधारा सन्धिशूल, बदन दर्द, सिरदर्द आदि में भी लाभकारी है।
【१८】अजवायन की गर्म पुल्टिश बनाकर दर्द वाले या ठंडक वाले स्थान पर सिकाई करें, तो तुंरत दर्द-सर्दी का अंत होता है।
【१९】अजवायन के पत्ते का रस दाद, खाज आदि मिटाता है और कभी कोई कीड़ा काट ले, तो इसे लगाने से तत्काल लाभ होता है।
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