अजवायन– रोगों के लिए डायन
इसे यवानी खाण्डव भी कहा जाता है।
दुनिया में इसे मसलों के रूप में विशेष
रूप से उपयोग करते हैं।
अजवाइन एक पाचक और रुचिकारक
ओषधि के रूप में लाखों वर्षों से उपयोग की जा रही है।
संस्कृत के एक श्लोक में कहा गया है-
!!एकायवानीशतमन्नपाचिका!!
अर्थात- अकेली अजवाइन ही पेट के हजारों
रोगों को दूर कर अन्न को पचाने वाली है।
इसी गुणवत्ता के कारण इसे जिओ माल्ट में मिलाया गया है।
अजवायन के गुण-
इसमें चिरायता का कटुपोष्टिक,
हींग का वायुनाशक और कालीमिर्च का
अग्निदीपन यह सब गुण अजवाइन में समाए हुए हैं।
भावप्रकाश निघण्टु के मुताबिक
अमृतम अजवाइन से लाभ–
यह वायु, कफ, पेट का दर्द, वायुगोला, आफरा,
बदहजमी, खट्टी डकार, पेशाब का रुकना,
तथा पेट के कीड़े यानि कृमि रोग को नष्ट
करने में चमत्कारी है।
हैजे, डेंगू, और चिकनगुनिया या प्रदूषण
संक्रमण से उत्पन्न बीमारी के दौरान इसकी
पोटली बनाकर पूरे घर में रखने से बचाव होता है।
प्रसूता स्त्रियों को अजवाइन का उपयोग विशेष रूप से लाभकारी है। अजवाइन गर्भाशय और योनि की गन्दगी साफ करने में अत्यन्त उपयोगी है।
आंखों के लिए हितकारी
अजवाइन के काढ़े से आँख धोना लाभकारी है, यह आंखों की गन्दगी दूर करती है।
अजवाइन करे- जुक़ाम का काम तमाम
जब सर्दी-जुक़ाम किसी हालत में ठीक नही
हो रहा हो, तो अजवायन को गर्मकर,
मलमल के कपड़े में बांधकर, पोटली बनाकर
सुंघाने से लगातार छींके आकर जुकाम
व प्रतिश्याय का प्रकोप कम होता है।
आधाशीशी और सिरदर्द की दवा–
अजवायन को भुजंकर कर कपड़छन चूर्ण
को हथेली पर रखकर सूंघे, तो नजला,
मस्तिष्क के कृमि, आधाशीशी का दर्द
और पुराण सिरदर्द में आराम मिलता है।
अफारा में उपयोगी अजवायन-
3 ग्राम अजवाइन और 2 ग्राम कालानमक
5 ग्राम गुड़ मिलाकर गर्म पानी के साथ
2 से 3 बार खाने से वायुगोला और अफारा का नाश होता है। साथ में जिओ माल्ट भी लिया जा सकता है।
भूख बढ़ाये अजवाइन
अजवायन, कालीमिर्च और सेंधा नमक
तीनो 1-1 ग्राम को 10 ग्राम गुड़ के साथ
गोली बनाकर गुनगुने पानी के साथ
निगल जाएं एवं ऊपर से 1 से 2 गिलास
गुनगुना पानी पियें। ऐसा दिन में तीन बार 10 दिन तक करें। पहली खुराक खाली पेट लेना है।
बच्चों को उल्टी–
एक से दो रत्ती अजवाइन मां के दूध में घोंटकर
दिन में दो बार देने से दस्त और उल्टी नहीं होती। पेट फूलना बन्द हो जाता है।
रजोदोष या माहवारी नहीं होना
जिन महिलाओं को मासिक धर्म खुलकर नहीं आता, उन्हें 2 ग्राम अजवाइन का चूर्ण सुबह खाली पेट दिन में दो बार गर्म दूध से लेने पर
महीना खुलकर आता है ओर सुन्दरता में वृद्धि होती है।
नांरी सौन्दर्य माल्ट भी स्त्री विकारों में बहुत उपयोगी ओषधि है।
नामर्दी के मरीज, जिनकी जननेन्द्रिय शिथिल और निर्बल हो गई हैं, तो अजवाइन के पत्ते
बांधना लाभकारी होता है।
नामर्दी के मरीज यदि
बी फेराल माल्ट का एक माह तक सेवन करें,
बहुत सहायता मिलती है।
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