सुश्रुत, बागभट आदि आचार्यों ने अतीस की
जड़ को सर्प-नाग और बिच्छू के विष को
नष्ट करने वाली बताया है।
अतीस बच्चों के लिए अत्यंत गुणकारी
ओषधि है। अकेली अतीस को पीसकर
इसका पावडर 50 से 100 mg रोज
मधु पंचामृत के साथ चटाने से बालकों के
100 अधिक दोष मिट जाते हैं।
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