भगवान शिव के मंत्रों का रहस्य
केवल एक बार करके देखिए
शिव महापुराण की विद्येश्वर सहिंता के एकादश, अष्टादशअध्याय के अनुसार
भगवान भोलेनाथ-
महादेव को तुरन्त प्रसन्न करने वाले
स्त्री-पुरुषों को अलग-अलग चार मंत्रों के बारे में बताया है-
वेद-पुराणों में चार ही शिव के मंत्र हैं
पहला-
केवल पुरुषों के लिए
!!ॐ नमः शिवाय!!
यह सिद्धि-संवृद्धि, ,की प्राप्ति तथा
व्यापार, उद्योग की उन्नति और
नोकरी आदि में पदौन्नति
हेतु विशेष उपयोगी है।
दूसरा महामृत्युंजय मंत्र
अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया है
– ॐ ह्रौं जू सः।
ॐ भूः भुवः स्वः।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।
स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥
यह दोनों मंत्रों का जाप केवल पुरुषों
को करना अत्यंत जरूरी एवं लाभकारी हैं।
महिलाओं के लिए जरूरी
!!नमः शिवाय च नमः शिवाय!!
का निरन्तर जाप
चमत्कारी लाभ देता है। यह मन्त्र तन-मन
की शुद्धि कर धन की बरसात करते हैं।
बच्चों को महापराक्रमी, शक्तिशाली,
परम् विद्वान बनाता है।
महिलाओं का स्वास्थ्य वर्द्धक और सौभाग्यशाली बनाने वाला मन्त्र-
प्रतिदिन शाम को सूर्यास्त के बाद
एक दीपक जलाकर पूर्व की तरफ मुख करके
नीचे लिखे मन्त्र को तीन बार दोहराने
से जीवन सदा सुखमय एवं सुहागन व्यतीत होता है-
चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर,
चंद्रशेखर पाहिमाम्!
चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर,
चंद्रशेखर रक्षमाम!!
इस मन्त्र को तीन बार जपना जरूरी है।
यह प्रयास या प्रयोग केवल 45 दिन
करके देखें। बहुत चमत्कारी परिणाम
प्राप्त होंगे ऐसा सदगुरू मार्केंडेय ऋषि,
ऋषि अगस्त, परम् गुरुओं का निर्देश-आदेश है।
दुर्लभ और अदभुत रहस्यमयी
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