तन की ठीक करे तासीर– अंजीर
संस्कृत में अन्जीर को “काकोदुम्बरिका“
और पंजाबी में किमरी फग कहते हैं।
यह दो प्रकार का होता है। पहला बोया हुआ
और दूसरा जंगली।
अन्जीर के फल और पत्ते
अन्जीर के पत्ते बड़े एवं ऊपर से अधिक
कुरकुरे होते हैं। इसका पेड़ 8 से 9 फिट ऊंचा
होता है। तोड़ने या चिर लगाने से हर एक अंग
से दूध निकलता है।
अन्जीर के फल प्रायः गूलर की तरह कुछ
बड़े होते हैं। कच्चे फल का रंग हरा और पके
का पीला या बैगनी होता है।
अन्जीर का फल बहुत मीठा और स्वादिष्ट होता है।
सबसे बेहतरीन अन्जीर
भारत में महाराष्ट्र के पुण्य के पास “खड़ाशिव“
नामक गाँव के अन्जीर सबसे अच्छे माने जाते हैं। इस गांव में केवल अन्जीर की खेती की जाती है। यहां भगवान का एक प्राचीन तीर्थ भी है। यहां के किसान बहुत धनी और धार्मिक हैं।
कहां उगता है अन्जीर–
किसान ग्रामवासियों ने बताया कि जिस जमीन में चुने का अंश ज्यादा होता है, उस जमीन पर
अन्जीर बहुत फलते-फूलते हैं।
धनदाता अन्जीर
तन्त्र शास्त्र के प्राचीन वैज्ञानिक ग्रन्थ
तन्त्र चूड़ामणि एवं सौन्दर्य लहरी के अनुसार जिस घर में अन्जीर और बादाम के वृक्ष लगे होते हैं, उनके यहां कभी धन की कमी नहीं होती।
नकसीर में उपयोगी अन्जीर
आयुर्वेदिक ग्रन्थ वनोषधि चंद्रोदय के मुताबिक अन्जीर अत्यंत शीतल, सिर व खून की बीमारी में तथा कोढ यानि धवल रोग या सफेद दाग और नकसीर तुरन्त ठीक करने में बहुत ही ज्यादा लाभकारी है।
अन्जीर के 10 चमत्कारी लाभ
【1】खून को पतला करता है अन्जीर-
यह फल सभी मेवों से अधिक गुणकारी है।
यह खून को पतला कर, रक्त संचार को
नियमित करता है।
【2】BP हाई वालों के लिए अन्जीर
अमृत फल है।
【3】शरीर की कठोर नाडियों को मुलायम बनाता है।
【4】अन्जीर कफ को पतला कर बाहर निकालता है।
【5】पुरानी से पुरानी खाँसी ठीक करता है।
【6】पेट के विकार, किडनी, लिवर, पथरी, कब्ज, प्लीहा, यकृत की सूजन, पुराना गठिया, पुराना, बवासीर आदि रोगों को दूर करने में सहायता करता है।
【7】भूंजे हुए अन्जीर का पुल्टिस फोड़े,
फुंसी, बालतोड़, मसूड़े का दर्द मिटाता है।
【8】दो अन्जीर, 8 मुन्नक्के शाम को 200 ML पानी में गलाकर दूसरे दिन सुबह सूर्योदय के पहले खाने से अन्न प्रणाली को खोलने में यह आश्चर्यजनक फायदा पहुंचाता है।
【9】अन्जीर को बादाम और पिस्ते के साथ लेने से यह बुद्धि तेज करता है। केवल बादाम के साथ लिया जावे, तो शरीर के सभी दोष
मिटा देता है। अन्जीर को अखरोट के साथ लेवें, तो गजब की काम शक्ति बढ़ाता है।
बच्चों के दिमाग को तेज और धारदार बनाने के लिए ब्रेन की गोल्ड माल्ट का सेवन लाभप्रद है।
【10】भैषज्य योग के अनुसार महिलाओं की विकराल समस्या प्रदर रोग ठीक करने में यह अमृतम ओषधि है। इसके उपयोग से
सफेद पानी यानि वाइट डिस्चार्ज
की परेशानी मिट जाती है।
अन्जीर की विलक्षणता के कारण इसे
नांरी सौन्दर्य माल्ट में विशेष रूप से मिलाया जाता है।
【11】श्वेत कुष्ठ में अन्जीर के पत्ते का रस
लगाना हितकारी होता है।
【12】हरे अन्जीर पीसकर, जल में उबालकर गुनगुना लेप करने से शरीर की गांठो
व फोड़ों की सूजन बिखर जाती है।
【13】अन्जीर और गोरख इमली दोनो बराबर मात्रा में लेकर प्रातःकाल खाली पेट
लेने से दमे व श्वांस की शिकायत दूर होती है।
बवासीर का घरेलू फार्मूला-
जंगली जड़ीबूटी नामक पुस्तक
भाग 1 व 2 के अनुसार
@ 100 ग्राम सूखे अंजीर
@ 100 ग्राम काली दाख (मुनक्के)
@ 100 ग्राम छोटी हरड़
@ 100 ग्राम गुड़
@ 50 ग्राम अमलताश गूदा
@ जीरा, सौंफ, अजवायन, कालीमिर्च, नागकेशर और हल्दी सभी 10-10 ग्राम
इन सबको 12 घंटे पानी में गलाकर अच्छी तरह पीसकर सुपारी की तरह गोलियां
बनाकर दिन में 3 बार सादे जल से लेने
से 10 दिन में पाइल्स का नाश हो जाता है।
यदि बनी हुई , तैयार दवा चाहिए हो, तो
पाइल्स की गोल्ड माल्ट ऑनलाइन
ऑर्डर देकर मंगवा सकते हैं।
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