हमेशा कुछ न कुछ करते रहिए।
हर पल, हर क्षण कुछ सीखते रहिए
इनके बारे में कुछ और जानने की कोशिश करिए – कम्प्यूटर, शिल्प, बागवानी और
चाहे टेलीविजन, घर के उपकरण, कार, एक्टिवा ही
आदि कुछ भी। तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र के बारे में समझने का प्रयास करें।
जंगलों में घूमें।
एक-दो दिन पूरी तरह एकांत या घने वनों
में गुजारें।
पशु-पक्षियों के साथ में रहें।
दिमाग को निष्क्रिय और क्रियाहीन
न रहने दें।
पुरानी बात सबने सुनी होगी कि
“खाली दिमाग शैतान का घर होता है”
और उस शैतान के परिवार का नाम है –
भय-भ्रम, चिन्ता, तनाव, डर, रोग,
डिप्रेशन, अवसाद,
अल्झाइमर मनोरोग।
इन सबसे बचने के लिए
आयुर्वेद की सुप्रसिद्ध
जड़ीबूटियों जैसे
ब्राह्मी,
जटामांसी
शंखपुष्पी
मालकांगनी
आदि ओषधियों से निर्मित
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
का सेवन कर सकते हैं
यह बच्चों के दिमाग को
बहुत तेजी से शार्प बनाती है।
पूर्णतः आयुर्वेदिक है
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