धन्वतरि दिवस और धनतेरस – 25 अक्टूबर 2019 शुक्रवार को है।

पंचतत्व को ऊर्जा-शक्ति, पॉवर देने वाले
5 दिवसीय महा उत्सव दीप-पर्व
का आरम्भ आज से…..
 

साल में केवल एक बार धनतेरस को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके की जाती है, जिससे मृत्यु का भय नहीं रहता

 
पद्मपुराण में लिखा है…
कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके!
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति!!
अर्थात-
कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को घर
से बाहर, चौराहे पर यमराज के लिए आते का बना चौमुखा दीपक का दीपदान जरूर करना चाहिए, इससे अकाल मृत्यु, दुरमृत्यु और रोगों
अथवा दुर्घटना से मृत्यु का भय नहीं रहता।
धनतेरस को कुछ भी खरीदना 
10 गुना बढ़ोत्तरी करता है.. 

धन वृद्धि के लिए इस त्रियोदशी तिथि का बहुत ही ज्यादा महत्व है। ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए धनतेरस को दीपदान की बहुत पुरानी परंपरा है।
“करेंगे यह कार्य, तो हो जाएगा चमत्कार”
पूरे साल स्वस्थ्य-प्रसन्न रहने के लिए धनतेरस को राहुकी तेल के 27 दीपक और
12 दीपक घी के अवश्य जलाना चाहिए।  इसे यम-दीपदान कहा जाता है। ऐसा करने से पूरे वर्ष अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है।
स्कंदपुराण में लिखा है...

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे। यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति। ।
अर्थात–

कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन सूर्यास्त के बाद सायंकाल में घर के बाहर यमदेव के उद्देश्य से दीप रखने से अपमृत्यु
का डर और दुर्भाग्य दूर होता है।
अग्निपुराण के अनुसार
कैसे करेें धनतेरस को दीपदान….
रुई की दो लम्बी बत्तियॉं बना लें।
उन्हें दीपक में एक -दूसरे पर आड़ी इस प्रकार रखें कि दीपक के बाहर बत्तियों के चार मुँह दिखाई दें। इसे चौमुखा दीपक कहते हैं। अब उसे अमृतम द्वारा निर्मित राहुकी  तेल से भर दें और साथ ही उसमें कुछ काले तिल भी डाल दें। प्रदोषकाल में इस प्रकार तैयार किए गए दीपक का रोली, अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें। उसके पश्चात् घर के मुख्य दरवाजे के बाहर थोड़ी -सी खील अथवा गेहूँ से ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक को रखना है। दीपक को रखने से पहले प्रज्वलित कर लें और दक्षिण दिशा (दक्षिण दिशा यम तरंगों के लिए पोषक होती है अर्थात दक्षिण दिशा से यमतरंगें अधिक मात्रा में आकृष्ट एवं प्रक्षेपित होती हैं) की ओर देखते हुए चार मुँह के दीपक को खील आदि की ढेरी के ऊपर रख दें। ‘ॐ यमदेवाय नमः ’ कहते हुए दक्षिण दिशा में नमस्कार करें।
यम दीपदान का मन्त्र की प्रार्थना
मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम। ।
अर्थात
धनत्रयोदशी पर यह दीप मैं सूर्यपुत्र को अर्थात् यमदेवता को अन्तर्मन से प्रार्थना करके अर्पित करता हूँ। अतः मुझे, मेरे परिवार तथा कुटुंब को रोग-बीमारियों, तकलीफों एवं अकाल मृत्यु के पाश मुक्त करें और मेरा, सबका कल्याण करें।
अमृतम सरल विधि-यम दीपदान प्रदोषकाल में शाम के समय करना चाहिए। इसके लिए आटे का एक बड़ा दीपक बनाकर उसमें हल्दी, केशर से स्वस्तिक बनाकर
चार बाती लगाकर, केवल घर के एक दीपक में देशी घी तथा शेष 2 दीप में राहुकी तेल भर दें।
ऐसे 3 दीपक बनाएं
एक दीपक को पान या पीपल के पत्ते पर रखकर किसी चौराहे पर स्वस्थ्य-सुखी जीवन की प्रार्थना करके जलाकर छोड़ आवैं।
दूसरा किसी एकान्त शिवमंदिर में और तीसरा अपने घर के मन्दि में जलाएं।
क्यों आटे से बनाना जरूरी है –
दीपदान के यम दीप.
गेहूं और उड़द, अरहर, मूूंग और
मसूर की दाल के आटे से दीप बनाएं।
उपरोक्त 5 तरह के आटे से निर्मित बने दीप में अंधकार-भ्रम रुपी तमोगुणी ऊर्जा तरंगे एवं आपतत्त्वात्मक तमोगुणी तरंगे (अपमृत्यु के लिए ये तरंगे कारणभूत होती हैं) को शांत करने की क्षमता रहती है।
गरीबी मिटाने के लिए करें –
छोटी दीपावली को भी दीपदान
नरक चौदस को किसी गरीब या एकांतवास में स्थित शिवालय में किया गया दीपदान पूरे वर्ष दरिद्रा को आपके घर आने से रोकता है, इसलिए गरीबी, दुख, कष्ट-क्लेश आदि परेशानी मिटाने के लिए कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन भी दीपदान करते हैं।
बहुत सी वैदिक जानकारी जो आज तक
इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं।
ऐसे दिलचस्प दुर्लभ रहस्य पाने के लिए
अमृतमपत्रिका से जुड़ें।
अमृतम लेख, प्रयोग, पूजा, साधना और साधन भाग्य बदलने में भी सहायक सिद्ध होंगे
उम्ररोधी एक विशेष ओषधि आने वाली है
15 नवम्बर 2019 तक अमृतम द्वारा
निर्मित एक विशेष उम्ररोधी यानि
एंटीएजिंग 5000 वर्ष पुरानी आयुर्वेदिक
ओषधि अमृतम च्यवनप्राश ऑनलाइन
उपलब्ध हो जाएगा। यह सीमित मात्रा में ही तैयार होता है। जिन्हें ओरिजनल च्यवनप्राश खाने की तमन्ना हो, वे ग्राहक अभी से अपना ऑर्डर बुक करवा सकते हैं।
              !!अमृतम!!
 परिवार से जुड़ने के लिए शुक्रिया!
यह कूपन कोड खासकर
अमृतम पत्रिका के पाठकों के लिए आलंभित किया गया है :
 AMRUTAMPATRIKASHIVA
इस्तेमाल कर हमारे ऑनलाइन स्टोर पर
 पाए १०% की छुट
आग्रह-
ऑनलाइन ऑर्डर कैसे करें – समझने हेतु और हमारे कूपन कोड से 10 फीसदी डिस्काउंट पाने के लिए फोन पर सलाह ले सकते हैं
99264-56869
दीपक बिल्हाटिया

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *