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- अमृतमपत्रिका, चित्रगुप्त गंज, नईसड़क, ग्वालियर की रिसर्च….
ज्योतिष…ज्योति, अग्नि, प्रकाश, सूर्य की तरह ही सत्य है।
ज्योतिष अकाट्य है।
इसे झुठला नहीं सकते।
- कलियुग में अब ज्योतिष विद्या के त्यागी जानकार अब उपलब्ध नहीं है।
- सब धंधेबाज हो गए हैं।
- ज्योतिष की 12 राशियां, 12 ब्रह्मांड के प्रतीक हैं औऱ 9 ग्रह इसके मंत्रिमंडल के सदस्य हैं।
- नक्षत्र उसी शाखा है।
- एक राशि में सवा दो नक्षत्र परिलक्षित हैं।
- चंद्रमा एक राशि भचक्र में स्व दो दिन और एक राशि में लगभग एक दिन रहते हैं।
- सूर्य एक राशि में एक माह, गुरु एक वर्ष, शनि ढाई साल तथा राहु-केतु 18 महीने रहते हैं।
- स्कंदपुराण में ज्योतिष का एक सम्पूर्ण अध्याय है।
- इसमें नक्षत्र, ग्रह शान्ति के अनेकों उपचारों का वर्णन है।
- ज्योतिष शास्त्र एक परम विज्ञान है।
- इस विज्ञान का लाभ पाने हेतु मेने अनेको प्रयोग स्वयं किये और दूसरों से भी कराए।
- इसके चमत्कारी परिणाम प्राप्त हुए।
- सफलता के दुर्लभ प्रयोग हमेशा विश्वासपात्र लोगो को ही बताना चाहिए स्वार्थी एवं मोके का फायदा उठाने वालों से इन्हें छुपाए रहे।
- यदि सूर्य अशुभ हो तो :- बंदरो को गुड़ खिलाए ।
- घर से निकलते समय मिश्री मुह में डालकर निकले ।
- सप्त अनाज चीटियों को डाले।
चंद्र अशुभ होने पर :- लाल रंग के पत्थर में गड्ढा भर कर मिट्टी में गढ़ना चाहिए।
- चंद्रमा – चांदी का कड़ा हाथ में डालें चांदी के बर्तन चमका कर रखें सोते समय चांदी की एक प्लेट सिर के ऊपर दीवाल पर लगावे
- घर मे कुआ, हेण्डपम्प न लगावे । रात को नींद न आने पर अपने पलंग के चारो पायो पर तांबे की कील गाढ़ देवे।
मंगल अशुभ हो तो :- सभी जाति की 9 कन्याओं को, 27 मंगलवार लगातार भोजन श्वेत
मिष्ठान सहित कराकर दक्षिणा देकर चरण छूकर आशीर्वाद लेवे।
- अपने बच्चो के जन्मदिन पर केवल नमकीन चीजे खानी और खिलानी चाहिए।
- बहुत ज्यादा मंगल अशुभ हो तो हाथी के दांत से बना ★ स्टार या आदि वस्तुए धारण करनी चाहिए।
- 12 दिनों तक गुड़ खाए। नहाने के बाद गुड़ पानी मे बहाये।
- घर में आग लगती रहती हो तो। खांड को बोरी में भरकर छत के अग्नि कोण पर रखे।
- शमशान में जब भी जाये गुड़, कालीमिर्च, नमक किसी मिट्टी के पात्र में छोड़कर आवे।
बुध अशुभता होने पर तो :- यदि व्यापार किसी विशेष कार्य से जा रहे हो तो साथ मे सफेद फूल रखना चमत्कारी परिणाम देगा।
- बुध खराब होने पर कभी तोता न पाले।
- धन दौलत में हानि हो तो पीतल के बर्तन में गंगाजल रखने से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
- नाक में छेद कराकर चांदी का छल्ला डाले।
- गरीब एवं छोटी पढ़ी लिखी बच्चियों को नाक में डालने हेतु चांदी का छल्ला दान करे।
- हिजड़ो को हरे रंग की साड़ी, चुडिया दान करे
- बर्बर शेर को प्रत्येक बुधवार मांस खिलाए।
गुरु अशुभ होने पर:- किसी शिव मंदिर के पुजारी को कपड़े दान करें।
- हरेक गुरुवार कच्चे सूत से हल्दी रंगकर किसी शिव मंदिर के पास वाली पीपल वृक्ष पर तीन बार लपेट आवे।
- गुरुवार को केसर के चंदन से निर्मित अमृतम चन्दन टीका से शिवलिंग का त्रिपुंड लगावे।
- गरीब बच्ची की शादी में सोना दान करे।
- किसी ब्रह्मचारी शिव भक्त गुरु से शिवमंत्र की दीक्षा जरूर लेवें।
शुक्र अशुभ हो तो :- यदि शुक्र अशुभ होता है तो दाये या बाये हाथ का आंगुठा बिना किसी कारण दर्द होने लगता है।
इसके लिए पोषक साफ सुथरी छेद वाली फ़टी रहित पहिने।
- घर से निकलते समय चीनी खाकर पानी पीकर निकले।
- यदि पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहता हो, तो सफेद पत्थर पर सफेद चंदन घिसकर किसी नदी तालाब किनारे बने ..
- शिवलिंग पर त्रिंकण्ड लगाकर इन्हें पानी से इतना स्नान कराएं कि-चन्दन बहकर तालाब में बह जाए।
- पूरे शरीर मे चन्दन इत्र मलकर स्वम् भी स्नान करे। संभव हो तो पत्नी भी स्नान करे।
- अगर किसी तरीके से स्वास्थ्य नहीं सुधर रहा हो या हमेशा बीमारी का भय रहता हो,
- तब अपनी उम्र अनुसार हर शुक्रवार और मंगलवार को राहु की तेल के दीपक पान या पिपल के पत्तों पर रखकर जलावे।
शनि अशुभ होने पर :- सरसों के तेल को लोहे के बर्तन में भरकर शनिवार के दिन किसी तालाब या नदी के किनारे जमीन में दबाए।
- बहते पानी मे बादाम और नारियल बहा देवे।
- छायादान करें
राहु के अशुभ होने पर – राहु की महादशा व्यक्ति को रोग बीमारी से ग्रस्त कर देती है।
- व्यक्ति मृत्यु की तुलना जीवन जीने को मजबूर हो जाता है।
- यदि स्थिति संभालने योग्य ना हो तो अपने वजन की जो पानी में बहा देना चाहिए।
- चांदी के बर्तन में गंगाजल भरकर रखें अथवा नाग सहित स्वर्ण या चांदी के शिवलिंग पर निरंतर गंगा जल की धारा गिरती रहे।
- गंगाजल में 10 भाग चंदन इत्र मिलाना विशेष लाभप्रद होता है।
- चांदी की डिब्बी में गंगाजल भरकर एवं चांदी का चौकोर टुकड़ा भी सदैव साथ रखना चाहिए।
- राहु या तो बर्बाद करता है या आवाद यहां पिछले को कर्मों का हिसाब किताब करने वाला सृष्टि का एकमात्र कठोर प्रशासनिक अधिकारी है।
- राहु प्रेत बाधा पित्दोष कालसर्प का कारक है इसके लिए मां सरस्वती की मूर्ति के आगे प्रतिदिन नीलापुष्प चढ़ाना आवश्यक है।
- यदि राहु से पीड़ित जातक काला चश्मा पहने तो अच्छे परिणाम मिलते हैं
- इसके अलावा पत्रिका देखकर परिवर्तन करना आवश्यक है
- क्योंकि सभी ग्रहों के अंश असर देख कर चिकित्सा करने चाहिए राहु को प्रसन्न करने हेतु अनेक और भी उपाय हैं।
- पिंड खजूर चढ़ाएं खजूर वृक्ष की पूजा करें
- खजूर की झाड़ू झाड़ू हरेक शनिवार किसी शिवालय में दान करते रहें।
केतु अशुभ होने पर – अपनी बहन बेटी बुआ मौसी से झगड़ा ना करें।
- कान में सोने का कुंडल डालें।
- दोरंगा कंबल दान करें केतु लग्न में हो तो लोहे की गोली पर लाल रंग चढ़ा कर अपने पास रखना शुभ होता है।
- ससुराल से पलंग दान में अवश्य लेवे।
- शेषनाग की पूजा करें रुद्र अभिषेक कराएं।
- जब भी कोई दुश्मन पड़ोसी परेशान करें तो शनिवार की रात में भोजपत्र पर काली खड़ी ..
- उड़द रखकर अपने पास रखें ज्यादा परेशानी के समय इसका उपयोग करें।
- कष्ट दूर भगाने काले कपड़े में गांजा तंबाकू सिगरेट बीड़ी कपूर आदि रखकर श्मशान में जलावे।
- समय वार तिथि कुंडली अनुसार रखें।
- ये सभी ग्रह शांति के उपाय आपका जीवन बदल सकतें हैं।
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