क्रूर ग्रह-नक्षत्र की शांति कैसे करें..

स्कंदपुराण के मुताबिक ग्रह-नक्षत्रों की प्रसन्नता के कुछ आंशिक उपाय क्या है? समझे और करें…
    • अमृतमपत्रिका, चित्रगुप्त गंज, नईसड़क, ग्वालियर की रिसर्च….

ज्योतिष…ज्योति, अग्नि, प्रकाश, सूर्य की तरह ही सत्य है।

ज्योतिष अकाट्य है।

इसे झुठला नहीं सकते।

  1. कलियुग में अब ज्योतिष विद्या के त्यागी जानकार अब उपलब्ध नहीं है।
  2. सब धंधेबाज हो गए हैं।
  3. ज्योतिष की 12 राशियां, 12 ब्रह्मांड के प्रतीक हैं औऱ 9 ग्रह इसके मंत्रिमंडल के सदस्य हैं।
  4. नक्षत्र उसी शाखा है।
  5. एक राशि में सवा दो नक्षत्र परिलक्षित हैं।
  6. चंद्रमा एक राशि भचक्र में स्व दो दिन और एक राशि में लगभग एक दिन रहते हैं।
  7. सूर्य एक राशि में एक माह, गुरु एक वर्ष, शनि ढाई साल तथा राहु-केतु 18 महीने रहते हैं।
  8. स्कंदपुराण में ज्योतिष का एक सम्पूर्ण अध्याय है।
  9. इसमें नक्षत्र, ग्रह शान्ति के अनेकों उपचारों का वर्णन है।
  10. ज्योतिष शास्त्र एक परम विज्ञान है।
  11. इस विज्ञान का लाभ पाने हेतु मेने अनेको प्रयोग स्वयं किये और दूसरों से भी कराए।
  12. इसके चमत्कारी परिणाम प्राप्त हुए।
  13. सफलता के दुर्लभ प्रयोग हमेशा विश्वासपात्र लोगो को ही बताना चाहिए स्वार्थी एवं मोके का फायदा उठाने वालों से इन्हें छुपाए रहे।
  14. यदि सूर्य अशुभ हो तो :- बंदरो को गुड़ खिलाए ।
  15. घर से निकलते समय मिश्री मुह में डालकर निकले ।
  16. सप्त अनाज चीटियों को डाले।

चंद्र अशुभ होने पर :- लाल रंग के पत्थर में गड्ढा भर कर मिट्टी में गढ़ना चाहिए।

  • चंद्रमा – चांदी का कड़ा हाथ में डालें चांदी के बर्तन चमका कर रखें सोते समय चांदी की एक प्लेट सिर के ऊपर दीवाल पर लगावे
  • घर मे कुआ, हेण्डपम्प न लगावे । रात को नींद न आने पर अपने पलंग के चारो पायो पर तांबे की कील गाढ़ देवे।

मंगल अशुभ हो तो :- सभी जाति की 9 कन्याओं को, 27 मंगलवार लगातार भोजन श्वेत

मिष्ठान सहित कराकर दक्षिणा देकर चरण छूकर आशीर्वाद लेवे।

  • अपने बच्चो के जन्मदिन पर केवल नमकीन चीजे खानी और खिलानी चाहिए।
  • बहुत ज्यादा मंगल अशुभ हो तो हाथी के दांत से बना ★ स्टार या आदि वस्तुए धारण करनी चाहिए।
  • 12 दिनों तक गुड़ खाए। नहाने के बाद गुड़ पानी मे बहाये।
  • घर में आग लगती रहती हो तो। खांड को बोरी में भरकर छत के अग्नि कोण पर रखे।
  • शमशान में जब भी जाये गुड़, कालीमिर्च, नमक किसी मिट्टी के पात्र में छोड़कर आवे।

बुध अशुभता होने पर तो :- यदि व्यापार किसी विशेष कार्य से जा रहे हो तो साथ मे सफेद फूल रखना चमत्कारी परिणाम देगा।

  • बुध खराब होने पर कभी तोता न पाले।
  • धन दौलत में हानि हो तो पीतल के बर्तन में गंगाजल रखने से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
  • नाक में छेद कराकर चांदी का छल्ला डाले।
  • गरीब एवं छोटी पढ़ी लिखी बच्चियों को नाक में डालने हेतु चांदी का छल्ला दान करे।
  • हिजड़ो को हरे रंग की साड़ी, चुडिया दान करे
  • बर्बर शेर को प्रत्येक बुधवार मांस खिलाए।

गुरु अशुभ होने पर:- किसी शिव मंदिर के पुजारी को कपड़े दान करें।

  • हरेक गुरुवार कच्चे सूत से हल्दी रंगकर किसी शिव मंदिर के पास वाली पीपल वृक्ष पर तीन बार लपेट आवे।
  • गुरुवार को केसर के चंदन से निर्मित अमृतम चन्दन टीका से शिवलिंग का त्रिपुंड लगावे।

https://bit.ly/3ypDerf

https://bit.ly/3DWx573

  • गरीब बच्ची की शादी में सोना दान करे।
  • किसी ब्रह्मचारी शिव भक्त गुरु से शिवमंत्र की दीक्षा जरूर लेवें।

शुक्र अशुभ हो तो :- यदि शुक्र अशुभ होता है तो दाये या बाये हाथ का आंगुठा बिना किसी कारण दर्द होने लगता है।

इसके लिए पोषक साफ सुथरी छेद वाली फ़टी रहित पहिने।

  • घर से निकलते समय चीनी खाकर पानी पीकर निकले।
  • यदि पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहता हो, तो सफेद पत्थर पर सफेद चंदन घिसकर किसी नदी तालाब किनारे बने ..
  • शिवलिंग पर त्रिंकण्ड लगाकर इन्हें पानी से इतना स्नान कराएं कि-चन्दन बहकर तालाब में बह जाए।
  • पूरे शरीर मे चन्दन इत्र मलकर स्वम् भी स्नान करे। संभव हो तो पत्नी भी स्नान करे।
  • अगर किसी तरीके से स्वास्थ्य नहीं सुधर रहा हो या हमेशा बीमारी का भय रहता हो,
  • तब अपनी उम्र अनुसार हर शुक्रवार और मंगलवार को राहु की तेल के दीपक पान या पिपल के पत्तों पर रखकर जलावे।

शनि अशुभ होने पर :- सरसों के तेल को लोहे के बर्तन में भरकर शनिवार के दिन किसी तालाब या नदी के किनारे जमीन में दबाए।

  • बहते पानी मे बादाम और नारियल बहा देवे।
  • छायादान करें

राहु के अशुभ होने पर – राहु की महादशा व्यक्ति को रोग बीमारी से ग्रस्त कर देती है।

  • व्यक्ति मृत्यु की तुलना जीवन जीने को मजबूर हो जाता है।
  • यदि स्थिति संभालने योग्य ना हो तो अपने वजन की जो पानी में बहा देना चाहिए।
  • चांदी के बर्तन में गंगाजल भरकर रखें अथवा नाग सहित स्वर्ण या चांदी के शिवलिंग पर निरंतर गंगा जल की धारा गिरती रहे।
  • गंगाजल में 10 भाग चंदन इत्र मिलाना विशेष लाभप्रद होता है।
  • चांदी की डिब्बी में गंगाजल भरकर एवं चांदी का चौकोर टुकड़ा भी सदैव साथ रखना चाहिए।
  • राहु या तो बर्बाद करता है या आवाद यहां पिछले को कर्मों का हिसाब किताब करने वाला सृष्टि का एकमात्र कठोर प्रशासनिक अधिकारी है।
  • राहु प्रेत बाधा पित्दोष कालसर्प का कारक है इसके लिए मां सरस्वती की मूर्ति के आगे प्रतिदिन नीलापुष्प चढ़ाना आवश्यक है।
  • यदि राहु से पीड़ित जातक काला चश्मा पहने तो अच्छे परिणाम मिलते हैं
  • इसके अलावा पत्रिका देखकर परिवर्तन करना आवश्यक है
  • क्योंकि सभी ग्रहों के अंश असर देख कर चिकित्सा करने चाहिए राहु को प्रसन्न करने हेतु अनेक और भी उपाय हैं।
  • पिंड खजूर चढ़ाएं खजूर वृक्ष की पूजा करें
  • खजूर की झाड़ू झाड़ू हरेक शनिवार किसी शिवालय में दान करते रहें।

केतु अशुभ होने पर – अपनी बहन बेटी बुआ मौसी से झगड़ा ना करें।

  • कान में सोने का कुंडल डालें।
  • दोरंगा कंबल दान करें केतु लग्न में हो तो लोहे की गोली पर लाल रंग चढ़ा कर अपने पास रखना शुभ होता है।
  • ससुराल से पलंग दान में अवश्य लेवे।
  • शेषनाग की पूजा करें रुद्र अभिषेक कराएं।
  • जब भी कोई दुश्मन पड़ोसी परेशान करें तो शनिवार की रात में भोजपत्र पर काली खड़ी ..
  • उड़द रखकर अपने पास रखें ज्यादा परेशानी के समय इसका उपयोग करें।
  • कष्ट दूर भगाने काले कपड़े में गांजा तंबाकू सिगरेट बीड़ी कपूर आदि रखकर श्मशान में जलावे।
  • समय वार तिथि कुंडली अनुसार रखें।
  • ये सभी ग्रह शांति के उपाय आपका जीवन बदल सकतें हैं।
  • अमृतमपत्रिका लायब्रेरी की प्राचीन किताबें देखने के लिए क्लिक करें

https://youtu.be/Cl0_uN9bzmg

https://youtu.be/Cl0_uN9bzmg

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *