बुढ़ापे की शुरुआत है-झुर्रियां…

इस लेख में झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन से मुक्ति हेतु एक बहुमूल्य आयुर्वेदिक तेल कुंकुमादि तेल- kumkumadi oil के चमत्कारी फायदे पढ़े।

आजमाएं यह बहुमूल्य और महंगा ऑयल…

कुंकुमादि तेल को आयुर्वेद ग्रन्थों में केशर तेलम के नाम से जाना जाता है।

यह केशर सहित ५० से अधिक कुदरती तत्वों का एक बहुत ही कीमती अद्भुत मिश्रण से निर्मित होता है।

रात में सोने से पहले, बस 2–3 बून्द लगाएं ये आयुर्वेदिक तेल, पाएं कुदरती खूबसूरत चेहरा…

नेचुरल ग्लो आता है! क्या और कौनसे हैं- 108 फायदे…जाने-

चेहरे चमकदार तथा निखारकर शरीर का भी कायाकल्प कर देगी केशर, हल्दी, अनन्तमूल, उसिरा आदि से बनाई यह बहुमूल्य आयुर्वेदिक औषधि।

स्त्रियों के लिए सुंदरता सबसे बड़ी सम्पदा है। आकर्षण हमेशा से ही महिलाओं के लिए बहुमूल्य रहा है।

जिन्हें सौंदर्य की ज्यादा चाहत हो, वे सुंदरी आयुर्वेद की प्राकृतिक चिकित्सा ही अपनाएं।

(अंगारक धर्मसूत्र) ध्यान रहे- महाऋषि अंगारक ने ही कुंकुमादि तेल का अविष्कार किया था।

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सौंदर्य लक्षण …
पूर्णचंद्रमुखी या च बालसूर्य-समप्रभा।
विशालनेत्रा विम्बोष्ठी सा कन्या लभते सुखम्

अर्थात-जिस स्त्री का मुख चंद्रमा के समान गोल, शरीर का रंग गोरा, आंखें थोड़ी बड़ी और होंठ हल्की सी

लालिमा लिए हुए हों, तो वह कन्या अपने जीवन काल में सभी सुख भोगती है।

गौरांगी वा तथा कृष्णा स्निग्धमंग मुखं तथा।
दंता स्तनं शिरो यस्यां सा कन्या लभते सुखम् ।१।
मृदंगी मृगनेत्रापि मृगजानु मृगोदरी।
दासीजातापि सा कन्या राजानं पतिमाप्रुयात् ।२।
अर्थात- जो स्त्री गौरी अथवा सांवले रंग की हो, मुंह, दांत व मस्तक स्निग्ध अर्थात चिकना हो,

तो वह भी बहुत सुन्दर तथा भाग्यवान होती है और अपने कुल का नाम बढ़ाने वाली होती है।

जिस नारी मुखः सुंदर, अंग कोमल तथा आंखे, जांघ और पेट हिरन के समान हो,

तो वह स्त्री दासी के गर्भ से उत्पन्न होकर भी राजा के समान पति को प्राप्त करती है।

स्त्रीजातक ग्रन्थ प्रथमखण्ड में वर्णन है कि –नारियों के नाज-नखरे और खूबसरती दूसरों का ध्यान आकर्षित करने का एक बेहतरीन साधन है।

महिलाओं में मलिनता या रोग की वजह…..जब चेहरा खूबसूरत होकर चमकता है, आत्मविश्वास भी बना रहता है

अन्यथा रक्तचाप यानी बीपी की शिकायत होने लगती है। मधुमेह या डाइबिटीज की परेशानी खड़ी होंने लगती है।

ग्रन्थों की गाथा….

नारी सुबोधनी नामक ग्रन्थ में कहा गया है कि-महिलाओं में खूबसूरती न होने या सुंदरता में कमी की मूल वजह है।

खासकर झुर्रियां, दागादि पड़ने से अनेकों रोग पनपने लगते हैं।

इस समय कोरोना काल के संक्रमण के बाद दुषित आवो-हवा की वजह से पूरे विश्व के युवा स्त्री-पुरुषों को त्‍वचा संबंधी इस समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान में पिगमेंटेशन या हायपरपिगमेंटेशन त्‍वचा की एक सामान्‍य समस्‍या है।

जो प्रदूषण के चलते 10 में से 7 महिला और 4 युवा मर्द चेहरे की स्किन खराब, झुर्रियों होने के भय से पीड़ित है।

क्या है पिगमेंटेशन/हायपरपिगमेंटेशन?….इसमें त्‍वचा का कोई-कोई भाग सामान्‍य से गहरा रंग का होकर, त्‍वचा पर दाग-धब्‍बे पड़ने लगते हैं।

जिससे सुन्दरता क्षीण हो जाती है। त्वचा में यह समस्या त्‍वचा में मेलानिन का स्‍तर बढ़ने से होती है

कुंकुमादि चेहरे की अंदरूनी गन्दगी को जड़ से बाहर निकाल देता है।

त्वचा को नर्म बनाकर उस पर चमक लाता है। इसे आयुर्वेद का “रूप मन्त्रा” कहा गया है।

स्मरण रखें- मालिश भी मिटाती है झुर्रियां, क्योंकि आत्म प्रेम का आरम्भ है-अभ्यङ्ग, इसके लाभ असीमित हैं। (चरक सहिंता)

दिमाग को हिला देगी यह बात… बहुत परेशान करने वाली बात यह है कि-वर्तमान में दूषित हवा,

प्रदूषित वातावरण में अधिकांश युवक-युवतियों को अगर 25 – 30 की आयु में चेहरे पर झुर्रियां आने लगी हैं।

आपकी ये दिनचर्या आपके न चाहते हुए भी आपको हानिकारक है।

झुर्रियां का झंझट….

झुर्रियों का बहुत बड़ा कारण है- नित्य-प्रतिदिन तेजी से बदलती जीवनशैली या लाइफ स्टाइल, बार-बार बीमारी की वजह से कमजोर इम्युनिटी अथवा रोगप्रतिरोधक क्षमता में गिरावट।

भागदौड़ के चलते आप ठीक ढंग से भोजन भी नहीं ले पाने से पाचनतंत्र खराब तथा शारीरिक क्षीणता होने लगती है।

तनाव के चलते गहरी पूरी नींद न लेना, कब्ज, पेट साफ न होना।

कब्ज तथा खराब पाचन शक्ति से बढ़ रही झुर्रियां.. पेट की लगातार खराबी से खून खराब होने लगता है।

खून साफ न रहने पर भी त्वचा संबंधित स्किन प्रॉब्लम की समस्याएं होती हैं।

रक्त की शुद्धि भी है आवश्यक…..

आयुर्वेद सहिंता के अनुसार झुर्रियों से बचने के लिए सर्वप्रथम खून को साफ करने का उपाय करें।

इसके लिये नीम अधिक मात्रा में उपयोग न करें, नहीं तो पित्त की वृद्धि होने लगेगी।

ज्यादातर लोग बाहरी उपाय अपनाते हैं। यह स्थाई हल नहीं है।

झुर्रियां रोकने के लिए हमेशा कुदरती उपाय अपनाएं। पेट साफ रखें।

अतः रक्त की शुद्धि और पेट दुरुस्त रखने के लिए सबसे पहले 2 से 3 महीने स्किन की माल्ट Skinkey Malt का सेवन करें..

और साथ में सौंदर्य उत्पाद भी इस्तेमाल करें, तभी झुर्रियां जड़ से मिटेगी।

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कहीं स्त्रीरोग पीसीओडी या सोमरोग तो नहीं है…. आजकल, तो माथे पर भी झुर्रियां पड़ने लगीं है।

अनेक महिलाओं के मस्तिष्क पर भी काले निशान देखने को मिल जाते हैं।

इसका कारण पीसीओडी की दिक्कत है।

आयुर्वेद में दाग-धब्बे, काले निशान एवं झुर्रियों इसे क्षुद्रविकार कहते हैं।

चरक सहिंता में इस तरह के त्वचा रोगों से मुक्ति के लिए कुछ खास उपाय बताए हैं।

केमिकल के छल से बचें

इस बात पर भरोसा करना पड़ेगा कि केमिकल के उपयोग से आने वाला कल बर्बाद हो जाएगा।

ज्यादा केमिकल युक्त सौंदर्य उत्पाद हर पल चिन्ता व हलचल बढ़ायेगा रसायनिक उत्पादों से कुछ समय के लिए,

तो चेहरा चमकता है, लेकिन बाद में पहले से भी ज्यादा खराब हो जाता है।

हम आयुर्वेद के कुछ घरेलू इलाज बता रहे हैं, इन्हें 15 दिन करके देखें!

इससे फेस/चेहरे की उन मांसपेशियों को भी राहत मिलेगी, जिनके सिकुड़ने से झुर्रियां, काले निशान, दाग-धब्बे बढ़ते हैं।

चेहरे की झुर्रियों के घरेलू उपाय

मंजिष्ठा, चिरौंजी, नीम, हल्दी खड़ी, खस-खस, करंज, मेथीदाना सभी 5-5 ग्राम कालीमिर्च, लौंग, इलायची

1-1 ग्राम सभी को कूटकर 700 मिलीलीटर पानी में एक चौथाई रहने तक उबालकर छाने।

फिर, इस काढ़े में एक ग्राम केशर मिलाकर कुछ देर उबालकर ठंडा करें।

घरेलू उबटन या पेस्ट बनाने का तरीका…

उपरोक्त काढ़े में सुविधानुसार साफ बेसन तथा मुल्तानी मिट्टी मिलाकर उबटन या फेस क्लीनअप बनाएं।

लगाने की विधि… सुबह चाय-पानी पीकर फ्रेश होने के बाद धूप में बैठकर इस लेप को लगाकर सूखने दें और गुनगुने जल से धोलें।

चेहरा धोने के पश्चात पोंछकर अमृतम कुंकुमादि तेल की 2 से 3 बूंदे हल्के हाथ से लगाएं।

आयुर्वेद की आराधना…

आयुर्वेदिक ग्रन्थ चिकित्सा चंद्रोदय, आयुर्वेद सार संग्रह आदि में 5000 साल पुराने असरदार योगों तथा घरेलू नुस्खों का उल्लेख है,

जो चेहरे पर झुर्रियां, दाग-धब्बे और काले निशान हल्के कर उन्हें मिटाने में सहायता करेंगे।

आयुर्वेद की सबसे श्रेष्ठ और बहुमूल्य ओषधि कुंकुमादि तेलम, तो कभी बुढापा आने ही नहीं देता।

यह चेहरे पर निखार लाने और खूबसूरती बढ़ाने के लिए अत्यंत कारगर है।

जैसा वेदों ने सुझाया- अमृतम ने बनाया…शास्त्रों में अमृतम कुंकुमादि तेल-KUMKUMADI Oil के बारे में एक मन्त्र लिखा है कि-

कुमकुम कामदं दिव्यं कामिनीकामसम्भवम्।

कुमकुमेनार्चिता देवू कुमकुम प्रतिगृहताम्।।

अर्थात- अमृतम कुम-कुमादि फेस ऑयल से चेहरा दिव्य और कामिनी स्वरूप हो जाता है।

चेहरे की त्वचा देवी की तरह चमक उठती है तथा आकर्षण तथा सम्मोहन उत्पन्न होने लगता है।

आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (AFI) जो कि भारत सरकार द्वारा मान्य आयुर्वेद की सबसे विश्वसनीय पुस्तक है।

इसमें केशर से निर्मित अमृतम कुंकुमादि तेल के फार्मूले का संस्कृत में एक श्लोक में खास जड़ीबूटियों का वर्णन है।

कुम-कुमादि तेल का फार्मूला आयुर्वेद के अति प्राचीन ग्रन्थ “योगरत्नाकर” के क्षुद्ररोगाधिकार तथा चरक सहिंता के त्वचा

रोगाधिकार और भैषज्य रत्नाकर शास्त्र के “सौन्दर्य वृद्धि योग” से लिया गया है।

कुंकुम चन्दनं लोध्रं पतंग रक्तचन्दनम् !

कालियकमुशीरं च मजिंष्ठा मधुयष्टिका !!१!!

पत्रकं पद्मकं पद्मकुष्ठं गोरोचनं निशा !

लाक्षा दारूहरिद्रा च गैरिकं नागकेशरम् !!२!!

पलाशकुसुमं चापि प्रियंगगुश्च वटाअंकुरा !

मालती च मधूच्छिष्टम सर्षपा: सुरभिवर्चा !!३!!

अर्थात–◆केसर, ◆चंदन, ◆लोध्रं, ◆पतंग काष्ठ, ◆रक्त चन्दन ◆लाख (लाक्षा) ◆मंजिष्ठा ◆यष्टिमधु (मुलेठी)

◆दारुहल्दी ◆उशीर ◆पद्मक ◆नील कमल ◆बरगद (वट वृक्ष) ◆पाकड़/पाखर ◆कमल केसर ◆बिल्व ◆अग्निमंथ

◆श्योनाक ◆गंभारी ◆पाटला, ◆नागकेशर, ◆वट अंकुर, ◆पलाश,◆प्रियंगुमंजरी, ◆शालपर्णी पृश्नपर्णी ◆गोखरू (गोक्षुर)

◆बृहती ◆ कंटकारी या भटकटैया, ◆मालती और ◆मधु आदि घटक-द्रव्य मिलकर बनता है। कुंकुमादि तेलम।

5000 वर्ष पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथो के अनुसार अमृतम कुम-कुमादि तेल में डाले गए 50 जड़ीबूटियों का समावेश है,

जो त्वचा की सूक्ष्म कोशिकाओं की मरम्मत करने में खास उपयोगी हैं।

कुमकुमादि तेल की विशेषता, औषधीय गुण और फायदे जानकर प्रसन्नता से भर जाएंगे ….

प्रतिजैविक रोगाणुरोधी यौगिकों का व्यापक समूह होता है, जिसका उपयोग कवक और प्रोटोजोआ

सहित सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने वाले जीवाणुओं के कारण हुए संक्रमण के इलाज के लिए होता है।

【1】रोम-रोम की मरम्मत कर त्वचा को कोमल, मुलायम और ग्लोइंग बनाएं।

【2】कील-मुहांसे, दाग-धब्बे, झुर्रियों को आने से रोके।

【3】चेहरे की स्किन को साफकर चमकदार बनाये।

【4】जगमगाता गोरापन लाएं

【5】तेलीय त्वचा पर अंकुश लगाए अर्थात ऑयल कंट्रोल करे।

【6】 खोया निखार वापस लेकर बेहतर रंग दे।

【7】सुंदरता और आत्मविश्वास बढ़ाये।

कुमकुमादि तेलम” के बेहतरीन 45 फायदे…

【8】इसके नियमित उपयोग से आंखों की रोशनी भी बढ़ सकती है।

【9】ढ़ीली त्वचा टाइट हो जाती है।

【10】कुंकुमादि तेलम में मूल घटक केसर है, जिसका आयुर्वेद के ग्रन्थ योगरत्नाकर, भावप्रकाश, चरक सहिंता, ऋग्वेद आदि

में इसके आलौकिक औषधीय गुणों और अद्भुत विशेषताओं का वर्णन किया है। बताया गया है कि-

【11】त्वचा को निखारने के लिए केशर के मुकाबले सृष्टि में अन्य कोई दूसरी ओषधि है ही नहीं।

【12】केशर शरीर के सभी अवयवों, नाड़ियों एवं त्वचा की देखभाल, पोषण, रक्षण तथा सौन्दर्यवर्धन के लिए प्रतिपादित किया गया है।

【13】 कुंकुमादि तेल से त्वचा पर केश के पास में होने वाला कालापन दूर होकर त्वचा सतेज, सुन्दर, खूबसूरत और चमकदार लगती है।

【14】कुम-कुमादि तेलम नारी सौन्दर्य का सम्पूर्ण समाधान है।

【15】कील-मुँहासे, पिम्पल्स, आंखों के नीचे के काले निशान जड़ से मिटाता है।

【16】आयुर्वेद में इसे अत्यंत उपयोगी माना है। जिनके चेहरे पर बड़े मस्से हों, तिल हो,

दाग हों ओंठ अटपटे या मोटे हों इन सब खामियों को कम कर वर्ण को निखारकर और रंग साफ करता है

【17】चेहरे की गौरा बनाने में सहायक है।

【18】 रासायनिक आधारित क्रीम की तुलना में त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमद है।

【19】यह आयुर्वेद का एक उत्तम प्रोडक्ट है और इसका हमारे चेहरे पर कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है।

【20】अमृतम कुंकुमादि तेल का उपयोग

आमतौर पर चेहरे के निखार के लिए किया जाता है।

【21】यह शुष्क त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

【22】 मॉइशर के तोर पर भी उपयोग में लाते है।

【23】यह त्वचा से सबंधित  सभी रोगो को ख़त्म करता है।

【24】चेहरे के ऊपर से काले धब्बे और आंखों के नीचे काले घेरे, को ख़त्म करने का काम करता है।

【25】मुँहासे मिटाने में भी कुंकुमादि का उपयोग किया जाता है।

【26】यह एंटी एन्जाक का काम करता है। जिससे स्किन जवां दिखती है।

【27】इस तेल का उपयोग नाक के लिए भी किया जाता है। नाक में इसके 1–1 बून्द डालने पर पित्त को ठीक किया जा सकता है। नाक सूखती नहीं है।

【28】इस तेल को त्वचा पर लगाने से उसकी कोशिका निकल जाती है। जिससे चेहरा चमकता है।

【29】इस तेल को चेहरे पर लगाने से झुर्रियां एवं झाइयां साफ हो जाती है।

【30】इस तेल से चेहरे पर मालिश करने से रक्तसंचार यानि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है।

【31】जिसकी त्वचा रूखी है, स्किन शुष्क या सूखी रहती है वह इसे रात में लगाकर सो जाये।

【32】यह त्वचा में होने वाली सूजन को रोकता है।

【33】इसका उपयोग से चेहरे के रंग निखरकर आकर्षण में भी सुधार होता है।

【34】इसे हाइपरपिग्मेंटेशन के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।

【35】मस्से को ख़त्म करने में विशेष कारगर है।

【36】घाव के निशान को ठीक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

【37】गाल पर भूरे रंग के चकत्ते को भी ठीक करे।

【38】इसका उपयोग सदियों से सौंदर्य प्रसाधन के रूप में ब्यूटी आयल के तोर पर किया जा रहा है।

【39】यह एक हर्बल और वानस्पतिक तेल होता है।

उदर की समस्या हो, पेट साफ नहीं रहता या कब्ज हो, पेटदर्द, सिरदर्द की शिकायत हो, तो

¶~ कीलिव माल्ट

¶¶~ कीलिव कैप्सूल

¶¶¶~ डिटॉक्स की क्वाथ 2 महीने सेवन करें।

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This Basket contains:, Keyliv Malt, Quantity: 400gms, Authentic Ayurvedic Formulation:

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कुंकुमादि तेलम के इस्तेमाल से अब आप भी खुश रह सकते हैं।

आयुर्वेद हमें सेहत सम्बन्धी अनेक तरह की तकलीफों से बचाता है।

कुंकुमादि तेल का उपयोग केवल बाहरी यूज़ के लिए किया जाता है।

पैकिंग- 30 मिलीलीटर मूल्य- ₹ 2999/–

अमृतम कुमकुमादि तेल की खासियत…. यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-ह्यपरपिगमेंटशन,

मॉइस्चराइजर, डेमल्सेण्ट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल,

एंटी-प्रुरितिक, नेचुरल सनस्क्रीन गुण होते हैं।

महंगा या बहुमूल्य होने की वजह…

अमृतम कुंकुमादि फेस ऑयल में मिलाए गए द्रव्य-घटक महंगे होने के कारण इस तेल को हर्बल में बहुत बहुमूल्य माना गया है।

इसकी निर्माण प्रक्रिया भी अति श्रमसाध्य होती है।

महाराजाओं राजा-रानी और रहीस-अमीरों की सौन्दर्यता का रहस्य….

आज से हजारों वर्ष पहले इसका उपयोग केवल राज्य-परिवार की रानियां और धनाढ्य लोग ही किया करते थे।

चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने हेतु इसमें मिलाया गया चन्दन, केशर की वजह से कुमकुमादि तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।

केशर, प्रेशर से निकाले चेहरे की गन्दगी…

केशर पूरे प्रेशर से त्वचा की पूरी गन्दगी बाहर निकालकर, चेहरे के कलेवर को बदल देता है।

लटकती ढ़ीली त्वचा, झुर्रियां, बुढापे के लक्षण आदि समस्याओं का स्थाई हल है-

कुम-कुमादि तेलम क्योंकिइसमें केशर का पर्याप्त समावेश है,

जो प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक पदार्थ या यौगिक है, जो त्वचा के जिद्दी जीवाणु को मार डालता है

ये स्किन में पैदा होने वाले अज्ञात कृमि- कीटाणुओं के विकास को रोकता है।

अमृतम कुमकुमादि तेल जिद्दी स्किन प्रॉब्लम, कील-मुंहासे, झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन एवं चेहरे की समस्याओं से पीड़ित स्त्री-पुरुषों के लिए अति उत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है।

ये पूर्णतः हानिरहित, बिना साइड इफ़ेक्ट के प्राकृतिक उपाय है।

इनसे करें परहेज या इन्हें न खाएं

■ देर रात्रि भोजन को विराम देंवें।

■ अधिक चटपटे खट्टे, नमकीन, तीखे, भारी, देर से हजम होने वाले तथा पित्त को कुपित करने वाले, मिर्च-मसालेदार पदार्थों का सेवन कम करें।

■ रात के खाने में दही, अरहर की पीली दाल, फल, जूस, रस, मठा आदि न लेवें।

■ पेट साफ रखें, कब्ज न होने दें।

■ उतना ही आराम से खाएं, जो पच सके।

■ भोजन के एक घण्टे बाद गुनगुना पानी भरपूर पिएं इससे आपका रक्त शुद्ध रहेगा।

बुढ़ापे रोकने के लिए अभ्यङ्ग की आदत बनाएं…

झुर्रियां मिटाने के लिए मालिश महत्वपूर्ण कर्म है, जो मजबूत कद-काठी, चुस्ती-फुर्ती,आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान कर अनेक व्याधियों से बचाता है।

आत्म प्रेम का आरम्भ है-अभ्यङ्ग..(चरक संहिता सहिंता खंड-८८-८९)

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stock·Brand: AMRUTAM

Quantity: 200ml, Amrutam’s Nari Sondarya Oil is a herbal treatment for acne,

wrinkles and stretch marks on the body, It’s an authentic Ayurvedic….

    • चरक सहिंता के अनुसार
    • मालिश के पश्चात का अहसास खुद से प्रेम यानि आत्मप्रेम होने की भावना का उदय होता है।
    • स्वयं से प्रेम करने वाले लोग रोज रग-रग का रूप निखारने तथा चेहरे को चमकाने हेतु सप्ताह में दो बार शरीर की मालिश अवश्य करना चाहिए।
    • अमृतम नारीसौन्दर्य मसाज ऑयल एक अच्छा आयुर्वेदिक तेल है।
    • अभ्यंग का एक नियमित दैनिक अभ्यास है, जो दैहिक-भौतिक रूप से संतुलन उत्पन्न कर मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

अभ्यङ्ग मालिश के जबरदस्त नौ-9 फायदे…

१¶ अभ्यङ्गचमकती, मुलायम और स्वस्थ त्वचा देता है।

२¶ अभ्यङ्ग बेहतर रक्त परिसंचरण प्रदायक है।

३¶ अभ्यङ्ग लासिका वाहिका अर्थात लिम्फैटिक प्रणाली, आंतरिक अंगों और ऊतकों को उत्तेजित कर विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायक है।

४¶ मांसपेशियों की टोन और दृढ़ता में वृद्धिकारक है।

५¶ प्रतिरक्षा और सहनशक्ति बढ़ाता है। चयापचय क्रियाशील बनाकर पाचन में वृद्धि करता है।

६¶ स्नान पश्चात नाभि में तेल लगाने से आंते स्वस्थ्य रहती हैं और पेट में कभी कब्ज की शिकायत नहीं होती।

७¶ मालिश से महिलाओं के स्तन भी सुढोल बने रहते हैं।

स्नान के पहले यदि रोज अमृतम कुंकुमादि तेल की 5 से 10 बूंदे हथेली पर लेकर स्त्री नियमित अपने स्तनों पर

हल्के हाथ से नीचे से ऊपर की तरफ लगाये, तो स्तन बहुत ही सुंदर-सुढोल होते जाते हैं।

जर्मनी की डॉ नैना बजरिया कुंकुमादि तेल के जबरदस्त फायदे इस वीडियो में बता रही हैं…

https://youtu.be/Pat2BoUJNeI

८¶ पैरों के तलाबों में मालिश करने से याददाश्त तेज होती है।

९¶ अभ्यङ्ग से हर प्रकार की मानसिक अशांति तनाव फुर्र हो जाती है और तनाव मिटने लगता है।

तन की मर्जी से नहीं मनमर्जी से चल रहे हैं लोग

कुछ महिलाएं बरगद के पत्ते का, कुछ सफेद अकौआ का दूध पिम्पल्स ओर काले धब्बे मिटाने के लिए करती हैं।

आयुर्वेद के भावप्रकाश निघण्टु में चिरौंजी, रोहिष घांस, अनंतमूल, बादाम, बड़ी इलायची के छिलके, कालीमिर्च आदि से इसका इलाज करते हैं।

नीबू का रस, खीरे का जूस, संतरे, अनार का छिलका भी पिम्पल्स एवं काले निशानों को मिटाता है।

यदि आप इसका स्थाई हल चाहते हैं, तो एक बार अमृतम द्वारा निर्मित निम्नलिखित सौंदर्य प्रदायक हर्बल उत्पादों का उपयोग 20 से 30 दिन तक नियमित करके देखें।

【१】अमृतम फेस क्लीनअप

【२】अमृतम फेस वॉश

【३】अमृतम चारकोल मास्क

【४】अमृतम कुंकुमादि तेलम

【५】अमृतम उबटन

【६】कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा

【७】कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्पयुक्त

【८】कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल

【९】भृङ्गराज हेयर थेरेपी

【१०】अमृतम फेश वॉश।

【११】नारिसौन्दर्य माल्ट एवं कैप्सूल

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Amrutam’s Nari Sondarya Combo contains Nari Sondarya Malt (200 gm) and Nari Sondarya Capsules (50 capsules).,

अमृतम के सभी हर्बल प्रोडक्ट ओनली ऑनलाईन उपलब्ध हैं।

क्यों चली जाती है-चेहरे की चमक

आयुर्वेद के अनुसार–कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता, तन में तनिक सी विटामिन्स की कमी,

चेहरे के निखारने, मेकअप या खूबसूरत बनाके लिए सिंथेटिक तथा निम्न दर्जे के उत्पादों का उपयोग,

और अधूरी नींद, कब्ज, अपचन, मानसिक अशांति, हार्मोनल चेंजेज आदि अनेक वजहों से चेहरे की त्वचा फीकी पड़ने लगती है।

केमिकल्स की क्रूरता...

बिना जांचे-परखे केमिकल युक्त पदार्थ के इस्तेमाल करने के फलस्वरूप धीरे-धीरे फेस पर फुंसियां,

कील-मुँहासे, काले धब्बे, झुर्रियां, होने से चेहरा निस्तेज हो जाता है।

कम उम्र में आकर्षण कम होकर बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होने लगते हैं।

इन सब समस्याओं से बचने के लिए आयुर्वेद में हानिरहित अनेकों उपाय हैं।

जिसमें बहुत ही बहुमूल्य ओषधि है अमृतम द्वारा निर्मित कुमकुमादि तेल जो सौन्दर्यवर्धक जड़ीबूटियों के रस तथा काढ़े से निर्मित है।

बस इसे सुबह स्नान के पहले या पश्चात और रात सोने से पहले 4 से 5 बून्द एक माह तक निरन्तर लगाना है।

सर्दी का उपहार है- कुंकुमादि तेल

अत्यधिक ठंड के मौसम में त्वचा सूखी और बेजान Dry skin हो जाती है।

इसकी उचित देखभाल हेतु बेहतरीन ट्रीटमेंट के लिए अमृतम कुंकुमादि तेलम…अत्यंत कारगर है,

ताकि आपकी त्वचा अस्वस्थ ना हो।

कुछ खर्चीला काम …यदि आप अधिक धन व्यय कर सकें,

तो एक महीने पूरे शरीर में एक बार में 25 से 30 मि.ली. लगाकर अभ्यंग मालिश कर सकते हैं।

¶ इसकी मालिश से त्वचा की सारी सूक्ष्म गन्दगी बाहर निकल जाती है।

¶¶ कुछ ही दिनों में चेहरे पर खूबसूरती का एहसास आप स्वयं करने लगेंगे।

¶ कुमकुमादि तेल पूर्णतः साइड इफ़ेक्ट रहित हर्बल ऑयल है तथा हजारों साइड बेनिफिट हैं।

बुढ़ापे से बचाये-समृद्धि बढ़ाये….

¶ बुढ़ापे से बचने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को पूरे शरीर की मालिश करनेबसे विशेष भाग्योदय भी होने लगता है।

क्योंकि भौतिक सम्पदा के दाता शुक्र ग्रह हैं, जो इस बहुमूल्य तेलम के अभयंग से बहुत प्रसन्न होते हैं।

यह प्रयोग भी एक बार आजमा कर देख सकते हैं।

आकर्षण वृद्धि और सम्मोहन शक्ति के लिए–

बड़े-बड़े महात्मा, सन्त, अवधूत कुंकुमादि तेल को घिसे हुए चन्दन में अच्छी तरह फेंटकर इसका लेप का माथे पर त्रिपुण्ड या टीका लगाते हैं,

जिससे उनमें विशेष आकर्षण आने लगता है।

शिव रहस्योपनिषद और भविष्यपुराण के तिलक-टीका अध्याय में सम्मोहन विद्या प्राप्ति के कुछ दुर्लभ प्रयोग बताये गये हैं।

https://bit.ly/3DhgzhC

stock·Brand: AMRUTAM Kumkumadi Oil is the best all-in-one Ayurvedic oil in India.

It is recommended for men and women of all. …

अंडे का उपयोग से होगा नुकसान…कुमकुम (केशर) जैसा बहुमूल्य रत्न छोड़कर अंडे का घिनापन आपके चेहरे को तेजस्विता नहीं बढ़ा सकता।

यह सब विदेशी सोच भारत की संस्कृति को भ्रष्ट करने के लिए फैलाई जा रही है।

यह सब चोंचलेबाजी आपकी मानसिकता को विकृत कर सकती है।

इनसे भरसक बचने का प्रयास ही समझदारी है।

भारतीय प्राचीन ग्रन्थों का अध्ययन करेंगे, तो लगभग 108 जड़ीबूटियों का वर्णन है,

जो चेहरे का ही नहीं, पूरे शरीर का कायाकल्प कर सकती हैं।

केशर, हल्दी, घी, अनंतमूल, चिरौंजी, बादाम, जैतून फल, अपामार्ग, लौंग, इलायची, मुल्तानी मिट्टी, खेत मृदा,

रोहिष घांस, संतरे का छिलका, नागरमोथा, अनार आदि असंख्य ओषधियाँ चेहरे को चमकाने, सुंदरता लाने और तेज बढ़ाने में विशेष उपयोगी हैं।

कैसे करें यूज़ यानि इस्तेमाल की विधि….

योगरत्नाकर ग्रन्थ के मुताबिक इसे सुबह और रात्रि में सोने से पहले चेहरे पर लगाकर 20 से 25 मिनिट तक लगा रहने दें।

जरूरी समझे, तो हल्के गुनगुने पानी से चेहरा साफ करें अथवा रुई के फोहे से पोंछ लेना चाहिए।

अमृतम कुंकुमादि तेल त्वचा को चमकाता है और निखार लाता है।

यह हाइपरपिग्मेंटेशन रंग बदलने में सहायक है।

कुंकुमादि तेल की प्राचीनता– इस तेल के फार्मूले की खोज लाखों-हजारों साल पहले आयुर्वेदिक वैज्ञानिक महर्षि अंगारक ने की थी।

अर्कप्रकाश, स्कन्दः पुराण, ईश्वरोउपनिषद, आदि प्राचीन ग्रन्थों में उल्लेख है कि-इसका उपयोग कोमल,

निखरती त्वचा और चेहरे को चमकदार बनाने एवं खूबसूरती के लिए किया जाता रहा है।

ज़रूरी जानकारी एवं मुख्य सामग्री

Kesar, Lal Chandan, Lac, Anantmool,

Padmaka, Daruhaldi, Ushira, Neel Kamal, Vat Vriksha, Ficus Lacor-Pakar, Kamal Kesar, Bael,

Agnimantha, Shyonaka, Gambhari, Patala, Shalaparni, Prishnaparni, Gokshura , Brihati, Kantakari, each 4.80 ग्राम।

Yashtimadhu, Mahua, Pattanga Each 1.2g, Sesame Oil 19.2 ml, Goat Milk 38.4 ml.

निर्देश- उपयोग का तरीका….

Gently massage every morning & night on clean skin using upward circular movements.

      • अमृतम कुंकुमादि तेलं में मिलाई गई केशर का सबसे महत्वपूर्ण काम यह है
      • की यह त्वचा में जल्दी शोषित होकर मरम्मत कर बुढापे को रोकता है इसलिए उम्ररोधी यानी एंटीरेजिंग भी होता है।
      • केशर पूरे प्रेशर से त्वचा की पूरी गन्दगी बाहर निकालकर, चेहरे के कलेवर को बदल देता है।
      • लटकती ढ़ीली त्वचा, झुर्रियां, बुढापे के लक्षण आदि समस्याओं का स्थाई हल है
      • चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने हेतु इसमें मिलाया गया चन्दन, केशर की वजह से कुमकुमादि तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।

कुंकुमादि की खास विशेषताएं और विवरण

    • इस अल्ट्रा-कंसन्ट्रेटेड कुमकुमादी तेल को शक्तिशाली प्राकृतिक पोधों के अर्क के साथ तैयार किया जाता है.
    • यह अच्छा एंटीऑक्सिडेंट एक्शन प्रदान करता है जो धब्बों और झुर्रियों और त्वचा के समग्र टोन और बनावट में सुधार करता है.
    • कुमकुमादी तेल, प्राकृतिक ओषधि पौधों से रस लेकर बनाया गया तेल, त्वचा को साफ़ और उज्ज्वल करने के फायदे देता है जबकि त्वचा चमक को बढ़िया बनाता है.
    • ये कोमल तेल त्वचा में सोखा जाता है, जिससे ताज़ा, नम, वांछनीय चमक मिलती है.
    • इस तेल में कोई फिल्लर नहीं हैं और यह केवल प्रभावशाली कुदरती सामग्री से बनाया जाता है।
    • यह प्रोडक्ट शाकाहारी, क्रूरता-मुक्त तरीके से बना, नॉनकोमेड़ोजेनिक है, और सिलिकॉन और ग्लूटेन के बिना निर्मित है!

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