मोटापे के कारण जिन लोगों को कमजोरी आ जाती है। मेदोवृद्धि की वजह से जिनकी देह मोटी हो गई हो, परन्तु शरीर में बल या ताकत न बची हो।
— थोड़े से परिश्रम में श्वांस भर जाता हो।
— क्षुधा यानि भूख और तृषा यानि प्यास को
रोकने में अति कष्ट होता है,
— समय पर भोजन न मिलने पर विविध प्रकार के वायु व वात प्रकोप उपस्थित या उत्पन्न होते हैं, तो ऐसी अवस्था में
अमृतम गोल्ड माल्ट 1 से 2 चम्मच
एक गिलास गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार 5 माह तक सेवन करें।
यह ओषधि से मेद शनैः-शनैः कम होता जाता है।
शरीर की कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह
सुचारू रूप से सर्कुलेट कर सभी कमजोरियों
को मिटाता है।
इम्युनिटी पॉवर में वृद्धि करता है।
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आयुर्वेद अमृत है !
स्वस्थ्य और सुन्दर बने रहने के लिए आयुर्वेद को अपनाना आवश्यक है।
आयुर्वेद का एक योग- 100 रोग का नाश करने में सक्षम है।
जाने क्या है – वह हर्बल ओषधि?
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है – अमृतम गोल्ड माल्ट
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