सर्दी के सीजन में सम्पूर्ण स्वास्थ्यवर्धक
5000 वर्ष पुरानी हर्बल मेडिसिन...
के 10 तुरन्त असरदायक फायदे
जो ६० में खाट और ७० कि उम्र में भी
बिस्तर पर नहीं पड़ना देता
चरक सहिंता का
एक ऐसा योग है, जो रग-रग के हर रोग
का जड़ से नाशकर, बुड्ढों को भी जवान
बना देता है।
अमृतम च्यवनप्राश आयुर्वेद की कायाकल्प
इसमें मिलाए गए घटक-द्रव्यों के नाम..
■कच्चा आँवला, ■शुद्ध देशी घी, ■स्वर्ण मक्षिक भस्म, ■चांदी भस्म, ■शिलाजीत,
■शुद्ध गुग्गल, ■दशमूल, ■जीवन्ती, ■पुनर्नवा, ■मुनक्का ■अंजीर , ■अश्वगंधा, ■गिलोय, ■तुलसी के पत्ते, ■मीठा नीम, ■सौंठ, ■मधुयष्टि, ■अकरकरा, ■शतावर, ■ब्राह्मी, ■बेल मुरब्बा, ■छोटी हरड़, ■बिदरीकन्द, ■मलयागिरि चन्दन, ■अडूसा वसाका, ■कमल केशर, ■जटामांसी, ■गोखरू, ■बेल, ■कचूर, ■नागरमोथा, ■लौंग, ■पुष्कर मूल, ■काकड़ासिंघी, ये सब ओषधियों से अमृतम च्यवनप्राश
निर्मित होता है।
आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार इसे तैयार होने में
लगभग 15 से 20 दिन का समय लगता है।
शास्त्रमतानुसार अमृतम च्यवनप्राश
से होने वाले लाभ-फायदे…
【1】बार-बार होने वाले रोगोंवक कारण को रोकता है अर्थात पीड़ाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देता।
【2】बढ़ती उम्र के बच्चों को बलवान बनाता है।
【3】शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।
【4】पाचनतंत्र की कमजोरी दूर करे।
【5】शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति और ऊर्जा-उमंग का संचार करता है।
【6】भूख व खून बढ़ाता है।
【7】आलस्य, थकान, चिड़चिड़ापन मिटाता है।
【8】समय पर भरपूर गहरी नींद लाने में सहायक है।
【9】नई उम्र एवं युवा पीढ़ी के शरीर हेतु एक तरह से इन्वेस्टमेंट है, जो बढ़ती उम्र को रोकेगा। इसे उम्र रोधी अर्थात एंटीरेजिंग हर्बल मेडिसिन है।
【10】स्वस्थ्य तन-मन भी धन से कम नहीं होता। निरोगी काया को सबसे बड़ी माया बताया गया है।
अमृतम च्यवनप्राश शरीर के 60 से अधिक बीमारियों से बचाकर खाट पर तथा ७० की
उम्र में बिस्तर पर नहीं पड़ने देता।
बस, 2 से 3 महीने खुद भी खाएं और पूरे परिवार को खिलाकर साल भर स्वस्थ्य-मस्त, तन्दरुस्त रहें।
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