Kuntal Care Hair

बालों के विकार के लिए एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक बास्केट.. .5 दिनों में असर दिखाए- रूसी खोंची झड़ना मिटायें

केश रोगों का जड़ से काम खत्म….
इस्तेमाल करें ये चारों ओषधियाँ

【】कुन्तल केयर  हर्बल हेयर स्पा

【】कुन्तल केयर  हर्बल हेयर शेम्पो

कुन्तल केयर  हर्बल हेयर ऑयल

कुन्तल केयर हर्बल अवलेह (माल्ट)

बालों की जड़ों को मजबूत

करने वाला हर्बल सप्लीमेंट
इसे आप किसी को उपहार
स्वरूप यानि गिफ्ट के रूप में देकर दवा और दुआ दोनो पा सकते हैं।

हर्बल गिफ्ट जो मित्र के मन को भाए।
व्यवहार निभाने के लिए हरेक
त्योहार पर एक ऐसा उपहार जो सभी के जीवन का आधार बन सकता है। अपने परिचितों को देकर विशेष मान-सम्मान पा सकते हैं।

अमृतम आयुर्वेद के प्राचीन शास्त्र/ग्रन्थों से खोजा-एक चमत्कारी योग

कुन्तल केयर हर्बल बास्केट....

1-केशविकारम

2-केशधारणं

3-विपाक वा शक्ति

4-धन्वन्तरि निघण्टु आदि में

केश रक्षा हेतु अनेक देशी व

घरेलू उपाय बताये गए हैं।

@ वनोषधि विशेषांक,

@ जंगल की दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ

@ आयुर्वेदिक केशोपचार

@-बालों की प्राकृतिक चिकित्सा आदि पुस्तकों में भी केशनाशक ऐसे अद्भुत

इलाज हैं जिनके उपयोग से बालों की
अंदरूनी बीमारियों को जड़ से मिटाकर

काला, लम्बा, घना

किया जा सकता है।

इन घरेलू नुस्खों से

बालों का झड़ना, टूटना

हमेशा के लिए बन्द हो जाता है।

यह सब शुद्ध ओषधियां घने वन

में पाई जाती हैं।

भारत के आदिवासियों,

शहरियों, जंगल में वास करने वाले

लोगों के पास यह उपलब्ध है।

आयुर्वेद की पुरानी परम्परा और
प्राकृतिक चिकित्सा….

पहले समय में महिलाएं

(1) त्रिफला,

(2) भृङ्गराज,

(3) मेहंदी,

(4) बादाम, मोथा,

(5) सीताफल के पत्ते,

(6) हराधनिया,

(7) गुड़हल पुष्प,
(8) मैथीदाना,

(9) शमीपत्र,

(10) विभितकी

(11) शिकाकाई
(12) नारिकेल गरी,
(13) हरश्रृंगार,
(14) हरीतकी
(15) बालछड़

(16) रीठा
(17) लोंकी बीज,
(18) शमीपत्र,
(19) निम्बू छिलकाआदि अनेक रुखड़ियों यानि जड़ीबूटियों को इकट्ठा करके, इन्हें कूटकर किसी मिट्टी के पात्र में 16 गुना पानी मिलाकर 24 घण्टे गलने छोड़ देती थी।

तत्पश्चात दूसरे दिन मंदी आँच अर्थात

मन्द-मन्द अग्नि में इसे 3 या 4 दिन

तक स्त्रियां इसे उबालती थी।

हर्बल स्पा निर्माण का प्राचीन तरीका

पक-पक कर जब पानी एक चौथाई रह जाता, एवं बहुत गाद जैसा गाढ़ा, काढ़ा

होने पर उसे 2 या 3 दिन तक ठंडा कर,

छानकर काँच की शीशी में भरकर रख

लेती थी।

प्राचीन काल का यह हर्बल काढ़ा

ही आज के समय का आयुर्वेदिकस्पा है,

जिसे दुनिया में पहली बार अमृतम द्वारा

कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा

के नाम से निर्मित किया गया है।

कैसे करते थे स्पा का उपयोग–

रोज नहाने से पहले या बाद तथा

रात्रि में इस केशनाशक आयुर्वेदिक

काढ़े गाढ़े गाद (स्पा) को बालों की

जड़ों में हल्के-हल्के हाथ से, उंगलियों

के पोरों से लगाया करते थे।

दूसरे दिन महिलाएं बिना साबुन-शेम्पो

के बाल धो लिया करती थी, फिर बाल सुखाने के बाद कंघी की जाती थी।

यह थी प्राचीन भारत की

पुरानी परंपरा व केश चिकित्सा

चाहे, तो आज की युवा पीढ़ी

नवयोवनाएँ अपनी

दादी, परदादी,

नानी, परनानी,

बुआ, ताई, चाची, मौसी
सास, जेठानी, बड़ी ननद या

गाँव की किसी बुजुर्ग महिलाओं

से अपने जहन में जुटाने हेतु जानकारी

ले सकती हैं।

केश रोग नाशक हर्बल चटनी…
कुन्तल केयर हर्बल माल्ट या अवलेह

इस चटनी को अमृतम आयुर्वेद की भाषा

में अवलेह या माल्ट कहते हैं।

जिसे अमृतम फार्मास्युटिकल्स,

ग्वालियर म.प्र. ने

कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट

के रूप में तैयार किया है।

अमृतम संसार की पहली हर्बल

निर्माता कम्पनी है,

जो सभी तरह के साध्य-असाध्य तथा

हर प्रकार के रोग-विकारों के लिए पूर्णतः केमिकल रहित 45 तरह के हर्बल माल्ट

का निर्माण कर रही है।

अमृतम गोल्ड माल्ट  एवं

ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट
(88 तरह के वात रोगों में उपयोगी)

बहुत अल्प समय में अपनी गुणवत्ता

के कारण विशेष प्रसिद्धि पा चुके है।

महिलाओं की मेहनत

पुराने समय में महिलाएं केश नाशक

ओषधि के रूप में एक हर्बल चटनी

(अवलेह) बनाती थी जिसमें-:

आँवला, हरड़, छुआरा,

बादाम, सोंठ, त्रिकटु, त्रिसुगन्ध,

आदी को अच्छी तरह पीसकर

देसी घी में सिकाई कर, कुछ उपरोक्त जड़ीबूटियों के काढ़े को मिलाकर

7 से 10 दिन तक हल्की आग में

पकाकर, ठंडा होने पर कुछ पौष्टिक,

प्रोटीन युक्त मसालों का मिश्रण कर

रख लेते थे।

हर्बल चटनी के रूप में यह प्राकृतिक दवा अनेक केशविकारों जैसे:-

【1】- केश पतन,

【2】- जुंए-लीख पड़ना,

【3】- दोमुहें केश,

【4】- बालों का झड़ना-

【5】- बालों का लगातार टूटना,

आदि तकलीफों को दूर कर बालों

की जड़ों को मजबूत

बनाकर यह आयुर्वेदिक योग तनाव रहित, मानसिक सुकून दायक था।

उस जमाने में नाव चला करती थी, अब जिसे देखो उसको तनाव चल रहा है।

अमृतम का  प्राकृतिक अमृतः…..

आयुर्वेद का यह प्राचीन योग

हर्बल चटनी जो कि वर्तमान में माल्ट के

रूप में ‘अमृतम’ में आसानी से उपलब्ध है।

अमृतम द्वारा कुन्तल केयर माल्ट के

नाम से इसे निर्मित किया है।

यह हजारों साल पुरानी पद्धति है।

आदिकालीन केश चिकित्सा

हर घर, हर गाँव में इस आयुर्वेदिक चटनी का सेवन प्रबुद्ध या अनपढ़ स्त्री, नवयौवना, महिलाएं,

रानी-महारानी, पटरानी व पुरुष

सभी किया करते थे।

इस वजह से ही कभी किसी बुजुर्ग

या केरल अथवा साउथ की महिलाओं के बाल बहुत ही सुंदर, चमकीले तथा खूबसूरत व घने, काले, लम्बे होते हैं।

चटनी (अवलेह) की सेवन विधि–

घर में बनी इस देशी चटनी को सुबह

खाली पेट रात्रि में सोते वक्त 2 से 3 चम्मच गुनगुने दूध से जीवनभर खाते थे।

इस कारण ही बुढ़ापे में भी बाल बहुत लम्बे, घने, काले रहते थे। दक्षिण भारत, केरल आदि स्थानों पर आज भी इन महिलाओं को देखा जा सकता है।

 बैल मोहे मार–

यह एक पुरानी कहावत है कि हमारी

नासमझी व लापरवाही के कारण ही हम परेशान होते हैं। वर्तमान युग में खुशबू, केमिकल युक्त तेल, साबुन, शेम्पो

से हमारे बालों की जड़े कमजोर
हो जाती हैं।

दुष्प्रभाव यह होता की प्रतिदिन गुच्छों के रूप में बेशुमार बाल टूट जाते हैं।

देश को दो ही चीजों ने परेशान
कर रखा है-

सरकारों को ज्ञापन ने और

कुंआरों को विज्ञापन ने।

अतः विज्ञापन से बचें।

देशी व पुरानी पद्धतियों को अपनायें।

पूर्णतः केमिकल मुक्त, हानिरहित

एक शुद्ध हर्बल उत्पाद

कुन्तल केयर वास्केट जिसमें माल्ट ( हर्बल चटनी), हर्बल हेयर ऑयल, हर्बल स्पा, हर्बल शेम्पो तथा हर्बल टेबलेट 5 तरह की केशनाशक दवा हैं।

यह योग बालों की जड़ों को

मजबूत बनाता है।

कहते हैं कि-

जब मजबूत हों जड़े,

तो काहे को बाल झड़ें!

इनका उपयोग 2 से 3 माह लगातार

करें, तो सुनिश्चित परिणाम प्राप्त होंगे।

इतना ही विश्वास दिला सकते हैं।

फिर ज्यादा सोचने-विचारने में

वक्त बर्बाद न कर तक अपना

ऑर्डर आज ही ऑनलाइन देवें

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परिवार से जुड़ने के लिए शुक्रिया!
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