क्या आप बहुत से रोगों से पीड़ित हैं,
तो आयुर्वेद से पाएं निदान
मानव शरीर में मौजूद एंजाइम रक्षक का काम करते हुए बाहर से आए किसी भी बेकार पदार्थ को शरीर से बाहर निकाल देता है।
5000 से अधिक पुराने इतिहास में,
इसने लोगों की तन-मन औऱ धन यानि
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक
विकास में बहुत योगदान दिया है।
आयुर्वेदिक पद्धति पुरानी है, बेकार नहीं।
स्वास्थ्य की सौगात से भरे आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों की परंपरा के अनुसार आप
वात-पित्त-कफ यानि त्रिदोष
की विषमताओं से बच कर
अधिभौतिक,
आधिदैविक और
आध्यात्मिक
इन तीन पापों एवं तीन तरह के तापों
से उत्पन्न अनेक ज्ञात-अज्ञात बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं।
आयुर्वेद के मतानुसार शरीर
त्रिदोष– वात, पित्त, कफ,
सप्त धातु– ● रस,● रक्त,● मांस, ● मेद, ●अस्थि ,● मज्जा, ● शुक्र,
त्रिमल– 【】मल, 【】मूत्र एवं 【】पुरिष से बना हुआ है I
त्रिदोष,सप्तधातु, त्रिमल का सम्यक अवस्था मे होना ही आरोग्य की निशानी है I
आज से कंई हजार वर्ष् पूर्व आचार्य सुश्रुत ने कहा भी है……
“समदोष: समाग्निश्च समधातुमलक्रिय: I
प्रसन्नात्मेंद्रियमन: स्वस्थ इत्यभीधियते II “
अर्थात जिस व्यक्ति का दोष. धातु,मल सम अर्थात विकार रहित हो, जिसकी इंद्रिय ,मन तथा आत्मा प्रसन्न हो, वे स्वस्थ हैं I आयुर्वेद में सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्वपूर्ण माना है और स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन को ही पूर्ण स्वास्थ्य अर्थात total health कहा जाता है I
अतः आयुर्वेद अपनाएं
स्वयं को प्रसन्न बनायें
अमृतम द्वारा सौ से ज्यादा ,
100% हर्बल मेडिसिन का निर्माण
प्राचीन तरीके/पद्धति से किया जा रहा है।
अमृतम के सभी उत्पादों की जानकारी
हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है-
अमृतम गोल्ड माल्ट से लाभ –
यह 100 तरह के रोगों का नाशक है ।
इसमें है , सभी संक्रमण, वायरस, व
अनेक रोगों से लड़ने की ताकत ।
और
40 से अधिक बेहतरीन त्रिदोष नाशक
औषधीय गुणों का मिश्रण ।
https://www.amrutam.co.in/giloyamrutamgoldmalt/
[best_selling_products]
[best_selling_products]
Leave a Reply