बवासीर की बीमारी से बच सकते हैं – जानिए कैसे

बवासीर” — खराब करे तकदीर

बवासीर की तकलीफ के कारण हम मन से कोई काम नहीं कर पाते, इस वजह से भाग्यशाली लोगों की भी तकदीर खराब हो जाती है। पाइल्स की बीमारी से रोगी
दुर्भाग्य का शिकार हो जाता है।
 
पाइल्स से मुक्ति के लिए 
एक अदभुत ओषधि तेल का उपयोग 
करें और कब्ज न होने दें, तो

बवासीर की बीमारी से बच सकते हैं :–

 

“रोगी को पाइल्स का पता जल्दी नहीं चलता”

29% लोग पाइल्स से बुरी तरह पीड़ित हैं जिसमें  16 फीसदी महिलाएँ शामिल हैं।

पाइल्स/अर्श/बवासीर/महेशी ये सब पाइल्स के ही विभिन्न नाम हैं।

पाइल्स की समस्या का सामना करने वाले बहुत से लोगों को लज्जा आती है।
शर्म के कारण इसलिए अपनी यह तकलीफ किसी से साझा नहीं कर पाते। अक्सर महिलाएं, तो पाइल्स तकलीफ को बहुत समय तक झेलती रहती हैं। किसी को बता नहीं पाती।

आयुर्वेदिक निघण्टु ग्रन्थ में 

“8” प्रकार के अर्श का वर्णन है।

बवासीर अंदर या बाहर इंटरनल या एक्सटर्नल
 (वाह्य तथा आंतरिक) अर्श/बवासीर अथवा पाइल्स भिन्न-भिन्न रूप में गुदा के अंदर या फिर, बाहर की तरफ उपस्थित हो सकता है।
 
 मल के कड़े/कठोर विसर्जन से  
मलद्वार पर मस्से हो जाते हैं। 
इनके सूखने या ख़रीश होने इन मस्सों में बहुत दर्द होकर खून आने लगता है।

 आयुर्वेदिक इलाज-

हमेशा मल द्वार या गुदा को चिकना बनाये रखें
इसके लिए नीचे लिखे तेलों जैसे —
1】चंदनादि तेल, 20 ml
【2】बादाम तेल 5 ml
【3】जैतून तेल 5 ml

【4】कुम-कुमादि तेल आधा ml

 

सबको मिलाकर रोज रात में सोते समय गुदा द्वार में रुई का फोहा यानी रुई को उपरोक्त तेल में भिगोकर मल द्वार पर लगाकर सो जायें। 7 दिनों का यह प्रयोग मस्सों को मुलायम बना देता है।

यदि आप तैयार या बना हुआ
ओषधि तेल चाहते हैं, तो अमृतम
“काया की बॉडी मसाज ऑयल” 
ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।
 5 तरह की त्वचा तकलीफों को दूरकर शरीर को सुन्दर बनाता है।
“काया की बॉडी मसाज़ ऑयल”
 रंग साफ कर, निखार लाता है।
मानसिक और दिमाग की अशान्ति कम करने

में अत्यंत लाभदायक है।

आयुर्वेद में इसका इलाज है :
सूखे, कठोर एवं कड़े मल को
ढ़ीला करने वाली आयुर्वेद का बेहतरीन 
हर्बल जैम/अवलेह/चटनी।

पाइल्स की गोल्ड माल्ट का सेवन करें –

प्राकृतिक ओषधियों में दाख/मुनक्का/द्राक्षा,

अभया एवं गुलाब के फूलों से घर की बनी हुई देशी गुलकन्द, नागकेशर बवासीर/पाइल्स को जड़ से मिटाने वाली सर्वश्रेष्ठ हर्बल ओषधि हैं।

पाइल्स की गोल्ड माल्ट –
बवासीर नाशक 35 जड़ीबूटियों के अर्क/सत्व- रस से निर्मित है  इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें हरीतकी, मुरब्बा,

सेव का मुरब्बा त्रिफला,शुण्ठी, आदि का समावेश किया है।

पाइल्स की गोल्ड माल्ट से फायदे :-
●भोजन को पचाता है.
●●पाचन तन्त्र को ठीक करता है
●●●आंतों को चिकनाई देता है
●●●●उदर की खुश्की मिटाता है।
●●●●●सुबह समय पर पखाना साफ लेकर एक बार में ही पेट साफ करता है।
 
●●●●●●सूखी और खूनी एवं वातज, कफ़ज, पित्तज आदि आठ तरह की पाइल्स को जड़ से मिटा देता है। मस्सों को सुखाकर मल के द्वारा गिरा देता है।
●●●●●●●रक्ताल्पता पैदा करने वाली कोशिकाओं शक्तिदायक है।
●●●●●●●●रक्तवृद्धि में सहायक है।
●●●●●●●●●कब्जियत नहीं होने देता
 
●●●●●●●●●●अर्श के मस्सों को मुलायम करता है।

पाइल्स की पीड़ा से निराश मरीज ध्यान देवें :

यदि आप कई प्रकार की दवाइयों का उपयोग
करके निराश हों चुके हों, तो खाने के लिये
पाइल्स की गोल्ड माल्ट 
और लगाने के लिए
काया की बॉडी मसाज ऑयल
का एक बार  इस्तेमाल अवश्य करके देखें।
 
पाइल्स की गोल्ड माल्ट
और
काया की बॉडी मसाज ऑयल
ऑनलाइन ऑर्डर देने के लिए
www.amrutam.co.in
 

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