लखपति, करोड़पति, अरबपति, खरबपति बनना इतना मुश्किल भी नहीं है, जितना लोग समझते हैं। एक चौकाने वाला रहस्य…जाने अमृतमपत्रिका के इस लेख से

जान लें कि- करोड़,अरब-खरबपति बनना इतना मुश्किल भी नहीं हैं जितना लोग डरते हैं
तथा इतना आसान भी नहीं है कि जितना समझते हैं।
बस थोड़ी सी जोखिम, दूर दृष्टि, मजबूत इरादा जरूरी है।
लक्ष्मी की कामना ही आपको आगे बढ़ाएगी।
क्यों कि लक्ष्मीजी की आरती में आता है कि- सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता…जय लक्ष्मी माता।।
निरंतर कर्मशील रहकर धैर्य रखें, धन इसी से बढ़ता है। शेयर मार्केट का भी ज्ञान बढ़ाएं।
छोटी सोच और पैर की मोच त्यागकर, देह में लोच, चुस्ती-फुर्ती रखें।
सादा जीवन-उच्च विचार वाली थोथी विचारधारा का जड़मूल से परित्याग करें।
स्वस्थ्य शरीर  भी श्रेष्ठ तकदीर है…
किसी तरह की की सफलता के लिए सर्वप्रथम स्वस्थ्य रहना  पहली शर्त है।
स्वस्थ्य शरीर को सबसे बड़ी सम्पदा माना गया है।
आयुर्वेद के मुताबिक भी….पहला सुख निरोगी काया  बताया है।
प्राचीन आयुर्वेदाचार्यों का मत है कि-धन गया तो कुछ नहीं गया किंतु तन गया, तो सब कुछ चला गया।
हरिवंशपुराण में भगवान श्रीकृष्ण का कथन है कि सुंदर मन, स्वस्थ्य तन वाले लोग ही सौभाग्यशाली अर्थात अरब-खरबपति बनते हैं।
शर्म, हया, लाज-लज्जा, इज्जत ये सब मूर्खतापूर्ण बातें हैं…इन्हें छोड़े।
महर्षि पुलस्त्य ने एक स्मृति ग्रन्थ में लिखा है कि कर्महीन, आलसी भिखारी लोगों को कोई नहीं जानता।
गरीबों की पहचान 200 लोगों तक सीमित है।
सामान्य आदमी की पहचान का दायरा 800 या 1000 से अधिक नहीं होता।
करोड़पतियोँ से 5000 व्यक्ति परिचित होते हैं अरबपति को पूरा शहर जानता है।
खरबपतियों को सारा देश और शँखपति, निलपति लोग सारे विश्व में विख्यात होते हैं।
अतः जब तक आप गरीब हैं, तब तक बिना झिझक के कोई भी काम करके धन एकत्रित कर सकते है।
कर्म के कारण आज कबाड़ी भी अरबपतियों की कतार में हैं।
 कर्म मेरी पूजा, कर्म ही पार ब्रह्म…
 हमारी सलाह यही है कि फालतू न बैठकर कुछ भी काम करते रहें।
असफलता के अंधकार से राहत हेतु अध्ययन एक आवश्यक अंग है। यह भी ध्यान रखें।
अगर जीवन में करोड़पति बनना है, तो कर्म, प्रयास, मेहनत करें और यदि आप अरबपति बनने के सपने देख रहें हैं,
तो कुछ ज्योतिष उपाय अपनाकर तथा भोलेनाथ की शरण में जाकर प्रार्थना करें।
उन्नति का एक विशेष ज्ञान यह भी है कि-सफल होने के लिए मन, विचार, इंद्रियों और आत्मा का सामंजस्य जरूर होना चाहिए।
 काम की लग्न, एकाग्रता, कड़ी मेहनत, पक्का इरादा, आत्मविश्वास, ईमानदारी और अनुभवों का संग्रह आदि चीजे अपाकी उन्नति या सफलता में 4 चाँद लगा सकती हैं
इसके लिये काम में लगे रहकर
 !!ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय!!
का मन ही मन जाप जरूर करते रहें।
स्कंदपुराण के अनुसार ॐ नमःशिवाय मुक्ति मन्त्र है। यह शांति-मोक्ष अवश्य देता है,
लेकिन आंतरिक ऊर्जा शक्ति बढ़ाने के लिए उपरोक्त
ॐ शम्भूतेजसे नमःशिवाय मन्त्र का जाप आवश्यक है।
इस मन्त्र से सब सम तथा सम्भव होने लगता है।
अंदरूनी या आंतरिक श्राप-पाप दूर होंगी।
हर रोज एक नई खोज होने लगेगी तथा जीवन में मौज होगी।
बेरोजगारी बहुत बड़ी बीमारी है।
इससे मुक्ति की तैयारी के लिए-अमृतम पत्रिका, ग्वालियर गूगल पर पढ़ें।
बहुत से लोग यह सोचकर दांतो तले उंगली दबा लेते हैं कि कुछ गरीब या कमजोर लोग करोड़पति,
अरबपति, खरबपति और शँखपति कैसे बन जाते हैं?
क्या करोड़पति बनने हेतु क्या करें।
क्या इसके लिए केवल कोशिश ही पर्याप्त है?
अरबपति होने या आगे बढ़ने के लिए कौनसे तरीके अपनाए?..
क्या भोलेनाथ की कृपा, किस्मत, मुकद्दर से ही आदमी पैसे वाला बन सकता है।
घोर कड़की या गरीबी को कैसे मिटायें?
असफलता या फैल होने की वजह कौनसी है।
हर आदमी बहुत मेहनत के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाता।
उन्नति के लिए किस देवता की पूजा करना चाहिए।
क्या ज्योतिष द्वारा व्यक्ति सपने पूरे कर सकता है?
क्या मोहब्ब्त या शादी से पहले कमाना जरूरी है?..
बेरोजगारी कैसे मिटायें?…
प्यार-शादी करने से पहले कोई रोजगार अवश्य करें अन्यथा आदमी की हालत धोबी के कुत्ते की तरह हो जाती है।
वह न घर का रहता है, न घाट का।
कुँवारी लड़कियों को भी लड़कों की बेरोजगारी बिल्कुल भी नहीं जंचती।
बेरोजगारी के दंश से सरकारी व्यवस्था, तो हारी है, लेकिन आप हर न माने।
सफलता के बाद दुनिया इंसान के कदम चूमती है।
    * हर नार को वैसे नर भारी लगता है। यह बात अलग है कि नारी के पुरुष की वजह से पैर भारी होते हैं।
इसीलिए वह आभारी रहती है।
    * बेरोजगार को दुनिया की मार झेलना पड़ती है। बिना काम मर्द और काम रहित नामर्द की हालत बेकार, तार की तरह हो जाती है।
    * रोजगार के बिना स्त्री से प्यार हासिल करना बहुत ही मुश्किल काम है।
अतः नोकरी छोड़ने के लिए कभी तैयार न होवें अन्यथा घर बसाने से पहले सन्सार उजड़ जायेगा।
फिर आप न खेत के रहोगे, न हार के।
    * जीवन का सार और जीवन के पार केवल रोजगार ही लगाता है।
कारोबार अच्छा होने से उसके 100 यार भी तुरन्त बन जाते हैं।
    * सियार जैसी जिंदगी से बचने के लिए बेरोजगार न रहें।
अरबपति बनने के सूत्र और गणित क्या हैं?
अरब दो शब्द मिलकर बना है। आ+रब अर्थात जब आप 24 घण्टे आ रब, आ-रब अर्थात भोलेनाथ,
महादेव को बुलाते रहोगे, तो वह एक दिन आ ही जायेगा।
कहा गया है कि-
भावहिं मेट सकें त्रिपुरारी।
सदाशिव सब बदलने की क्षमता रखते हैं।
दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने का सॉफ्टवेयर इन्हीं के पास है।
 श्रीरामचरितमानस मानस की एक चौपाई अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं मार्गदर्शक है-
हानि-लाभ, जीवन-मरण,
-सुख-दुख विधि हाथ।
अर्थात इन छह चीजों में परिवर्तन केवल शिव ही कर सकते हैं।
स्कंदपुराण में शिव को ही विधि और विधान बताया है।
परमहँस सन्त गा-गा कर कहते हैं-
शिव ही विधाता, शिव ही विधान।
शिव ही ज्ञानी, शिव ही ज्ञान।
अतः सृष्टि का आनंद, आरम्भ और अंत अभयनाथ शिव ही हैं।
यह बात तो आपके स्मरण में होगी ही कि अरबपतियों की श्रंखला में आने से पहले करोड़पति बनना पड़ता है।
कैसे बने बने-करोड़पति…
जब तक मन में होड़, प्रतिस्पर्धा या कॉम्पटीशन का भाव पैदा नहीं होगा।
करोड़ शब्द का अगर सन्धि विच्छेद करें, तो होगा- कर+ होड़ यानि होड़ करके ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है।
 प्रतिस्पर्धा का भाव भी एक बहुत बड़ी ऊर्जा है।
हर रोज की खोज इसी से विचारों में पनपेगी।
जब आप अरबपति बन जाएं, तो खरबपति होने के लिए कोई भी ज्यादा प्रयास या कोशिश नहीं करनी पड़ती।
इसके आगे का काम आपके समर्थक और सन्सार के लोग करने लगते हैं।
खरबपति बनने का सरल गणितीय सूत्र..
खरब शब्द में भी दो अक्षरों का समायोजन है।
खा+रब अर्थात ईश्वर या दान-पुण्यों खर्च करने की आदत बनायें।
खा रब। रब यानि परमात्मा जैसी कल्याण की भावना लाना।
स्वयं ही शिव कल्याणेश्वर बनकर सबका भला करना।
लंगर, भंडारे, मुफ्त शिक्षा, निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था करना आदि सभी जन हितार्थ कार्यों में धन व्यय करने से आप खरबपति कहलायेंगे।
इसके बाद व्यक्ति की सत्ता शँखपति जैसी बन जाती है।
जब इतना जनकल्याण करेंगे, तो आपके नाम का शंख चारो तरफ स्वतः ही बजने लगेगा।

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