भारत भाग्य विधाता अर्थात भारत का भाग्य अब विधाता के हाथ में है
कृपया ध्यान दे! क्यों है….
प्रदूषण मिटाना सरकार के लिए
खतरा प्रदूषण के मिटते ही मीडिया मशीनरी के मुद्दे और ‘नेताओं की राजनीति’ खत्म हो सकती है।
सरकारी नियम है कि-
समस्या खड़ी हो, तो जांच आयोग बिठा दो और कोई भी कदम इतना ठोस उठाओ कि वजन के कारण उठ ही नहीं पाए।
अमावस्या को शुरू हुई समस्या
पूर्णिमा तक टालना सरकार की
परम्परा बन चुकी है।
किसी ने सही ही कहा है कि-
चिन्ता किसे अब देश की,
स्वार्थ में सब अन्धे हुए।
देश-भक्ति, देश-सेवा,
आज सब धन्धे हुए।।
प्रदूषण- खर-दूषण का भाई है।
यह रावण वंश के थे।
लगता है ये ही आज नेता रूप में
अवतरित हैं और देश के नेताओ,
सरकारी अमले के रिश्तेदार।
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