तीर्थ-यात्रा, प्रवास-
भारतीय मनीषी-महर्षियों का
हजारों साल प्राचीन विज्ञान…
एक बार पूरा अवश्य पढ़ें
सम्पूर्ण सन्सार को हमारे ऋषि मुनियों
ने इतना सब कुछ दिया है कि-
पूरी दुनिया कभी भारत के सनातन
ऋषी-मुनियो के ऋण या कर्ज से मुक्त
नही हो पाएगी।
कल्पना करें X-RAY की खोज से हजार साल पहले सोनोग्राफी की जाती थी।
ये जानकारी उस समय के लोगों को
कैसे मिली होगी!
जाने इस लेख में-
कुंददम कोयम्बटूर से करीब
८० किलोमीटर की दूरी पर है।
ये गर्भस्थ शिशु की प्रस्तर प्रतिमा
कुंददम वादककुनाथ स्वामी मन्दिर
की एक दीवार पर उकेरी हुई है।
इस शिवालय में है चमत्कार
मन्दिर की दूसरी दीवारों पर भी
गर्भस्थ शिशु के हर महीने की
पोजिशन की प्रतिमा उकेरी हुई है।
सनातन हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन पहला और आखरी वैज्ञानिक धर्म है,
सनातन ने ही दुनिया को
■ विज्ञान दिया ,
■ दूरदृष्टि दी,
■ जीवन जीने की कला दी,
■ सहित्य दिया,
■ संस्कृति दी,
■ विज्ञान दिया,
■ विमान शास्त्र दिया,
■ चिकित्सा शास्त्र दिया,
■ अर्थशास्त्र दिया।
सनातन धर्म लाखो वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधान करता आया है,
हमारे ऋषि मुनियों ने विज्ञान की नींव रखी है,
सनातन ऋषियों ने अपनी हड्डिया गलाकर दुनिया को विज्ञान ओर अनुसंधान के दर्शन कराए है।
आयुरवेद की महान परम्परा भी हमारे
महर्षियों की देन है।
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