क्या चाय, चाह और दारू- ये तीनों हानिकारक है.

अनेकों आदमी की आदत है- चाय पीना

बहुत से लोगों ने पूछा है कि-
क्या चायचाह और दारू तीनो हानिकारक है…?

हमारा विचार है कि- तीनों को एक बार आजमाकर देखने में कोई बुराई नहीं है।
पहले “दारू” के फायदे देखें..
दारू दो शब्दों से मिलकर बना है-
दा+रु अर्थात दा से बना दाह, यानि अग्नि, ऊर्जा-शक्ति, पॉवर और रु यानि रूह – शरीर का रग-रग। दारू से अर्थ है, जो तन-मन की रूह में शक्ति उत्पन्न कर दे, जो शरीर को ऊर्जा से भर दे, उसे दारू कहते हैं।
यदि आप सोचते हैं कि दारू से हानि होगी, तो इसे भूलकर भी न पीयें।
वैसे पीने वाले या बिना पीने वाले बीमार
दोनो ही पड़ते हैं।
पीने से प्यार में सफलता..
लड़खड़ाये कदम तो
गिरे उनकी बाँहों मे,
आज हमारा पीना ही
हमारे काम आ गया।
पीने वालों की पॉजिटिव सोच..
मैं खुदा का नाम लेकर
पी रहा हूँ दोस्तों,
ज़हर भी इसमें अगर होगा,
तो दवा हो जाएगा,
सब उसी के हैं-
हवा, खुशबू, ज़मीनो-आसमाँ,
मैं जहाँ भी जाऊँगा
उसको पता हो जाएगा।
गुलजार साहब लिखते हैं
दारु चढ के उतर जाती है
पैसा चढ जाये तो उतरता नहीं
आप अपने नशे में जीते है
हम जरा सी शराब पीते है..
तब भी आज तक मस्त-स्वथ्य हैं।
आप कुछ भी कर लो.
बुढ़ापे में औरत का फिगर और
आदमी का लिवर खराब
हो ही जाता है।

मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत…
लोगों ने एक चलन बना रखा है कि-
अमुक चीज खाने-पीने से हानि होगी।
इस तरह के नकारात्मक विचार
तन को तार नहीं पाते। आयुर्वेद के मुताबिक हमारे शरीर की बनावट ऐसी है कि

प्रबल इच्छा शक्ति की दम पर हम
पत्थर को भी पचा सकते हैं।
आधी से ज्यादा व्याधि, तो हम लोग केवल खाद्य-पदार्थ के बारे में गलत सोचने के कारण उत्पन्न कर लेते हैं।
सन्सार में भाव-कुभाव का ही प्रभाव है।
विकृत भाव पैदा करके हम जबरदस्ती तनाव की नाव में बैठ जाते हैं। इससे
■ शरीर की शक्ति दिनों-दिन क्षीण होती चली जाती है।
■ रोगप्रतिरोधक क्षमता मृतप्राय हो जाती है।
■ इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
■ पाचनतंत्र बिगड़ जाता है।
आपको जो भी शौक है, उसे पूरा कीजिये।
दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो दिन भर में 15 से 20 चाय पीते हैं, रोज दारू पीते हैं
प्यार भी कर लेते हैं, फिर भी स्वस्थ्य हैं।
कुछ लोग मोहब्बत के मारे-अच्छे मन से सिगरेट, दाऊ, शराब सब पीते हैं- यह सोचकर कि..
मोहब्बत से गुजरा हूँ,
अब शराब पीने चलते हैं।
दोनों एक जैसे हैं, बस
होश ही तो गंवाना है। ।
दारू पीकर कभी कुछ लोग अच्छे
इन्सान भी बन जाते हैं-
उस शख्स पर शराब
का पीना हराम है!
जो रहके मयखाने में
भी इन्सां न हो सका!!

आशिकी की इबादत तथा
शराब की आदत…
दोनों में नशा बराबर का है।
वैसे स्वस्थ्य और सफल जीवन के लिए
आशिकी एवं शराब दोनों से बचना चाहिए-
शराब ओर आशिकी में समानता
यही है कि-
शराब ज्यादा हो जाए तो
लड़का उल्टी करता है।
आशिकी ज्यादा हो जाए तो लड़की।

कुछ जानकर यह भी बताते हैं कि-
लड़की ज्यादा सिसकी भरे, तो आने वाले भविष्य में उल्टी करेगी और लड़का ज्यादा व्हिस्की भरे, तो वोमिटिंग करेगा।

हालांकि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
बोतल पर चाहें कितने बड़े अक्षरों से खतरा लिखा हो,
लेकिन भारतीय लोग भी खतरों के खिलाड़ी होते हैं। ये पीकर तंदुरुस्त भी रहते हैं।

शादी-विवाह की शर्तें भी कुछ विचित्र
होती हैं! जैसे-

लड़का खाते-पीते घर का हो
और लड़का खाता पीता न हो।
हमारी माने, तो
चाय के लिए किसी से राय या सलाह न लेवें।
अमृतम आयुर्वेद का नियम है कि सबसे पहले तनाव त्यागे, इससे तन की नाव डूब जाती है। फिर ताव यानि क्रोध छोड़े, ताव से भाव और विचार विकृत हो जाते हैं।
खानपान का नियम-
भाव से अभाव उत्पन्न होता है। किसी के भी प्रति पवित्र भाव, अच्छा प्रभाव दिखाता है। इसलिए किसी भी चीज के सेवन करते समय जैसा भाव या सोच रखेंगे वैसा ही खाद्य-पदार्थ में लोच आएगा। खाते-पीते समय जैसा भाव लाएंगे वैसे ही आपको लाभ या हानि पहुंचाएंगे।
कुछ बीमारी के कलयुगी अर्थ-

■ सरबाइकल पेन क्या है-

इसका अर्थ हमारी भाषा में यह है कि- सर+बाइ+कल अर्थात
जिसके सिर पर बाई यानि पत्नी
का बहुत जोर या दवाब हो और
कल की चिन्ता में मरा जा रहा हो।
इनसे बच नहीं सकते।

जवानी में नारी एवं बुढापे में बीमारी
के चक्कर में व्यक्ति उलझ ही जाता है।

अभी बहुत कुछ शेष है-
अमृतम के मयखाने में
हमेशा स्वस्थ रहने के लिए

अमृतम गोल्ड माल्ट का सेवन करें।

यह प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाता है,

जिससे रोगों का रायता नहीं फैलता।
प्रोडक्ट के नाम पर क्लिक करके जाने
बहुत सी रोचक जानकारी
केवल ऑनलाइन उपलब्ध
अमृतम पत्रिका !!
परिवार से जुड़ने के लिए शुक्रिया!
यह कूपन कोड खासकर
अमृतम पत्रिका के  पाठकों के लिए
आलंभित किया गया है :
AMRUTAMPATRIKASHIVA
इस्तेमाल कर हमारे ऑनलाइन स्टोर पर
 पाए १०% की छुट
www.amrutam.co.in

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *