आयुर्वेद में है- प्रदूषण से बचने का उपाय

जान भी ले सकता है- प्रदूषण

सावधान हों जाएं-

प्रदूषण नाशक हर्बल ओषधि
लोजेन्ज माल्ट खायें।

क्योंकि इसमें है पॉल्यूशन नाशक 20-जड़ीबूटियों का समावेश…

★ मुलेठी, ★ हंसराज, ★ त्रिकटु,

★ चतुर्ज़ात,  अडूसा, ★भारङ्गी, ★आँवला, ★हरीतकी, ★बिभीतकी आदि ओषधियों का समिश्रण हैं।

ये प्राकृतिक ओषधियाँ प्रदूषित वायु,

प्रदूषण से फेंफड़ों की रक्षा करती हैं। लोजेन्ज माल्ट” के 4 खुराक से आप बहुत राहत महसूस करेंगे।

प्रदूषण से रक्षा करने में कारगर ओषधि है। लोजेन्ज माल्ट के रत्तीभर भी साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं और साइड बेनिफिट अथाह हैं

प्रदूषण का कहर इतना है कि-
इसकी वजह से देश की हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है। वर्तमान में हम लोग जो सांस ले रहे हैैं, उनमें एक व्यक्ति लगभग 30 सिगरेट के बराबर धुँआ निगल रहा है।

प्रदूषण से होंगे यह नुकसान…

प्रदूषित माहौल के चलते लोग भविष्य में टीबी यानि ट्यूबरक्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं, जो खून सुखा देती है। फेफड़ें काम करना बंद कर देते हैं। रक्त संचार अवरुद्ध हो जाता है।

व्यक्ति कमजोर होने लग जाता है। फेफड़े की खराबी से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह रुक जाता है। अतः यही सही समय है जब आप लोजेन्ज माल्ट” का सेवन कर अपने को पूर्णता स्वस्थ्य बनाये रख सकते हैं।

भारत में अब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ता ही जा रहा है। खतरनाक वायु प्रदूषण ने पूरे देश का वातावरण दुषित कर दिया है। जिसके कारण
देश में श्वांस और फेफड़ों से सम्बंधित संक्रमण में लगातार वृद्धि हो रही है। हिंदुस्थान की राजधानी दिल्ली में, तो सभी अस्पतालों के आईसीयू छकाछक भरे पड़े हैं।

यदि सही समय पर नहीं सम्भले, तो पॉल्यूशन से उत्पन्न दुषित हवा, सबकी हवा निकाल देगी।
प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के आम लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत, गले में घरघराहट, लगातार खांसी, नाक बहना, गले की सूजन, ज़ुकाम तथा सीने में जकड़न और श्वसन क्रिया में अवरोध आदि भी मुुख्य है।

प्रदूषण के प्रकोप से विशेषकर बच्चों और बूढ़ों को श्वांस लेने में तथा सांस छोड़ते समय बहुत कष्ट रहता है।

प्रदूषण के कारण गले की नली में कफ या सुजन पैदा हो सकती है। फेफड़ें जाम हो सकते हैं।

प्रदूषण के कारण सीने में बहुत बलगम जमा रहता है।

 फेफड़े से कफ उत्पन्न हो सकता है लेकिन इसको बाहर लाना काफी कठिन होता है।

 प्रदूषित हवा से श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्लूबीसी WBC) की वृद्धि होने लगति है।

लोजेन्ज माल्ट 

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एक दुर्लभ जानकारी….
रावण के भाई खर-दूषण ने प्रदूषण की खोज की थी।
लंकेश्वर नामक एक ग्रन्थ में लिखा है कि- रावण के कहने पर खर-दूषण दोनों भाइयों ने प्रथ्वी पर 11 अरब पौधे लगाकर
सन्सार में पहली बार वृक्षारोपण किया था।
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