काम का धर्म और सेक्स, सहवास
कामवासना की कामलीला….
भारतीय वेद-धर्म शास्त्रों अनुसार
सृष्टि में सतयुग से आज तक
काम/सेक्सया सम्भोग का मुख्य
काम वंश परम्परा नियमित रखकर,
सन्तति-संतान उत्पन्न करना रहा है।
काम-सेक्स नर-नारी में आपसी
शारीरिक सम्बन्ध, सम्भोग या काम मानसिक सुख प्राप्ति का साधन है।
इसे प्यार-मोहब्बत, इश्क, लव
तथा समाजिक व्यवस्था भी कह
सकते हैं। मनुष्य को काम कभी
भी चंगुल में लेने प्रेरित करता है।
काम-सम्भोग बिना कारण भी हो
सकता हैं। लेकिन पशु-पक्षियों एवं
जानवरों में सेक्स का भाव कुछ
निश्चित मौसम, ऋतु के अनुसार
आता है। जहाँ कई जानवर व पक्षी
सिर्फ अपने बच्चे पैदा करने के लिए
उपयुक्त वातावरण या सीजन में ही
सेक्स, सहवास या सम्भोग करते हैं।
काम यानी सेक्स के समय काम से
काम रखने के अलावा यह अपनापन, आत्मीयता या जजबात प्रकट करने,
समर्पण का भी एक रूप हैं।
काम का मुख्य अंश फ़ॉर प्ले क्या है?
स्त्री, पत्नी या प्रेमिका को सम्भोग
अथवा मैथुन से पूर्व तन के नाजुक
अंगों को सहलाना, चुम्बन या kiss,
चिपकना, चाटना आदि की क्रिया,
जिसे अंग्रेजी में फ़ोर प्ले कहते हैं।
जो पुरुष सम्भोग से पहले फ़ॉर प्ले
नहीं कर पाते उनकी पत्नियों को
चरमसुख, तृप्ति या सन्तुष्टि नहीं
मिल पाती। अतः वे चिड़चिड़ी,
क्रोधी प्रवृत्ति की हो जाती है।
सेक्स के पहले योजना बनाएं...
जैसे किसी भी कम करने के पहले
एक प्लानिंग की जाती है अथवा
काम का माहौल बनाया जाता है,
वैसे ही सम्भोग से पूर्व स्त्री को गर्म
करना जरूरी होता है। कुछ लोग
ऐसा करने अक्षम अनुभव करते हैं।
यही काम की कमजोरी कहलाती है।
ये पुरुष अपने को रोक नहीं पाते।
इसे ही शीघ्रपतन या जल्दी डिस्चार्ज
होना कहते हैं। ऐसे लोगों के लिए
ये दोनों दवाओं का 3 महीने नियम
से सेवन करना लाभकारी होता है।
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