अब बुढ़ापे की चिन्ता क्यों

5000 वर्ष पुराने फार्मूले से तैयार 
“अमृतम च्यवनप्राश” उम्ररोधी यानि एंटीरेजिंग एक ऐसा योग है, जिसे केवल सर्दी के समय सेवन करने से जबरदस्त फायदे होते हैं।
क्यों अपनाएं आयुर्वेद–
एक श्रेष्ठ बाजीकरण चिकित्सा
हमेशा मुस्कराते रहने के लिए. …
आयुर्वेदिक शास्त्रों में अमृतम च्यवनप्राश की बड़ी महत्ता बताई गई है। यह एक ऐसा आयुर्वेदिक योग है, जो बच्चे से लेकर बूढ़े सबको निरोगी बनाता है। ठंड के दिनों में इसके उपयोग से सम्पूर्ण शरीर और तन-मन-मस्तिष्क का “कायाकल्प” हो जाता है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें!
 इसमें मिलायी गईं जड़ी-बूटियां,  प्राकृतिक विटामिन्स, आयरन आदि तत्व
आयुर्वेद के 5000 साल पुराने ग्रन्थ
चरक सहिंता से ली हैं।
वैदिक ग्रन्थों के मुताबिक आयुर्वेदिक ओषधियाँ शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर युवा बनाये रखने में मदद करती हैं।
आरोग्य प्राप्ति, तारुण्य, उत्साह और चुस्ती-स्फूर्ति के लिए आयुर्वेद ओषधियों से निर्मित अमृतम च्यवनप्राश अमृत है।
अमृतम अर्थात अमृत ओषधियों का वादा
प्राचीन पध्दति और शुद्धता से निर्मित
अमृतम च्यवनप्राश-
बुढ़ापा रोकने वाली ओषधि है
जो शरीर का कायाकल्प कर देती है।
कच्चे आँवला के चमत्कार…
“अमृतम च्यवनप्राश” का मुख्य घटक आंवला है, जो शुक्रप्रवर्तक यानि शुक्र (वीर्य) को उत्पन्न और प्रवर्तन करने में उपयोगी है।
अमृतम च्यवनप्राश ताजी जड़ी-बूटियों से केवल सर्दी के दिनों में ही बन पाता है, क्यों कि आयुर्वेदिक परम्परा के मुताबिक केवल कच्चे आँवले के द्वारा ही इसका निर्माण हो सकता है और कच्चे आंवले नवम्बर महीने में ही उपलब्ध होते हैं।
तन के हर रोग को करे – नाकाम…..
अमृतम च्यवनप्राश के गुण और उपयोग-
【१】वात-कफ-पित्त अर्थात त्रिदोषनाशक और वातनाशक है।
【२】जो लोग तनिक से परिश्रम, मेहनत से जल्दी थककर चिड़चिड़ाते हैं, उनके लिये यह शक्ति बूस्टर है
【३】जिन्हें मांसपेशियों की कमजोरी, इम्युनिटी पॉवर की कमी रहती हो, अमृतम च्यवनप्राश चुस्ती-फुर्ती प्रदान करता है।
【४】अमृतम च्यवनप्राश  49 से अधिक एंटीएजिंग (उम्ररोधी) तत्व जवान बने रहने में मदद करते है। आयुर्वेद ग्रंथो में इसे बेहद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट माना जाता है।
【५】पाचन शक्ति बढ़ाता है, जो खूबसूरत त्वचा पाने के लिए महत्वपूर्ण है
【६】मेटाबॉलिज्म और पेट की परेशानियां ठीक करता है।
【७】स्मृतिबल, एकाग्रता, याददाश्त और सतर्कता में वृद्धि करता है।
【८】दिमागी कोशिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन नियमित कर डिप्रेशन यानि अवसाद मिटाता है।
सर्दी-खांसी जुकाम, निमोनिया को न कहें
【९】बच्चों, बुजुर्गों या महिलाओं के बार-बार होने वाले सर्दी-खांसी, जुकाम, निमोनिया, फेफड़ों के संक्रमण, नजला, श्वांस, टॉन्सिल्स आदि का जड़मूल से विनाश कर देता है।
फेफड़ों के सभी नये व पुराने विकार और
 मल को साफ कर, इम्युनिटी पॉवर में
 बेशुमार वृद्धि करता है।
【१०】अमृतम च्यवनप्राश मन-मस्तिष्क में विश्वास बढाकर हमेशा-हमेशा के लिए रोगों से निजात दिलाता है।
【११】अमृतम च्यवनप्राश भारत के सर्वाधिक प्राचीन आयुर्वेदिक स्वास्थ्य योगों में से एक है, जो एंटीएजिंग एवं शक्तिवर्धक ओषधि है। इसके सेवन से अपना बुढापा रोक सकते हैं।
【१२】कोशिकाओं की आयु तथा झुर्रियां नहीं बढ़ने देता।
【१३】महिलाओ के खराब या अनियमित मासिक धर्म को नियमित करता है। स्त्रियों के प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को कम करता है।
【१४】रक्त शोधक हर अर्थात खून की खराबी ठीक कर रक्तसफा है।
【१५】रक्त की मात्रा/हीमोग्लोबिन बढ़ाता है।
【१६】बीपी कंट्रोल कर रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
【१७】अमृतम च्यवनप्राश पूरे परिवार और सभी आयु वर्ग के लिए अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक एवं शरीर की रक्षक ओषधि है, जो हमें मौसम बदलने के कारण होने वाली बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं।
【१८】अमृतम च्यवनप्राश की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उम्ररोधी
 (एन्टी एजिंग) है। इसमें मिलाये गए रसायन “जरा” अर्थात वृद्धयावस्था – बुढापे को रोककर अनेकों रोग-व्याधि, विकारों के आक्रमण से शरीर की रक्षा करते हैं।
【१९】दिमाग को शान्त रखने का भी सहारा है अमृतम च्यवनप्राश, जो आपको रोगाक्रान्त बीमारियों के तनाव से बचाएगा।
【२०】70 से अधिक पुराने या असाध्य रोगों को  जड़ से बाहर निकाल देता है।
आयुर्वेद सार-संग्रह के अनुसार….
अमृतम च्यवनप्राश” से होने वाले परमानेंट लाभ….जैसे-
दीपन, पाचन, अनुलोमन,भेदन, विरेचन,
शोधक, छेदन, ग्राही
सर्वश्रेष्ठ स्तम्भन, बाजीकारक रसायन, शुक्रल यानि वीर्यवर्धक, शुक्रप्रवर्तक, सूक्ष्मद्रव्य
विकाशी, कफ नाशक, त्रिदोष नाशक, विषनाशक, वातविकार नाशक,
ग्रंथिशोथ (थायराइड) नाशक
योगवाही, स्निग्ध एवं प्रमाथी ओषधि है।
कैसे लेवे…
1-1 चम्मच अमृतम च्यवनप्राश सुबह-शाम दूध के साथ लेकर, अपनी जबरदस्त
रोगप्रतिरोधक क्षमता और इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं।
यह सभी उम्र वालों के लिए फायदेमन्द है–
अमृतम च्यवनप्राश की खासियत यह है कि यह एक सुरक्षित उम्ररोधी (एंटीएजिंग) हर्बल ओषधि है! यह उन लोगों को ज्यादा पसन्द आएगा जो ओरिजनल की तलाश में हैं।
अमृतम च्यवनप्राश 5000 वर्ष पुराने आयुर्वेदिक ग्रन्थ “चरक सहिंता” – के अनुसार प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति से जड़ीबूटियों, रस-रसायनों तैयार किया जाता है। यह पूरी तरह असली है।
स्टॉक सीमित है…..
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अमृतम च्यवनप्राश” केवल 2 या 3 महीने ही उपलब्ध रहता है।
पैकिंग – 200 ग्राम काँच के जार में
ग्राहक मूल्य – ₹- 1125/-
                 !!अमृतम!!
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ध्यान देवें –
च्यवनप्राश का सेवन केवल सर्दी के दिनों में विशेष हितकारी रहता है, जिन लोगों को साल भर कोई न कोई विकार सताता हो या रोगों से पीड़ित रहते हों, उन्हें केवल चैत्र मास (मार्च) तक रोजाना 1 से 2 चम्मच 2 या 3 बार दूध या पानी से अथवा ब्रेड, रोटी, पराँठे पर लगाकर सेवन अवश्य करना चाहिए।

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Comments

2 responses to “अब बुढ़ापे की चिन्ता क्यों”

  1. Ashok patel avatar
    Ashok patel

    Lena hai

  2. Anil kumar avatar
    Anil kumar

    9811280397

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