चुटकी भर राई से करें करोड़ों की कमाई…

दुर्भाग्य-दरिद्रता भी मिटाती है-राई

राई का कमाल, जो कर देगा निहाल…

राई द्वारा बुरी नजर भी उठाने की परंपरा भी पुरानी है

राई भी एक प्राकृतिक ओषधि है। जाने-क्यों कैसे?..

राई काली, पीली और लाल तीन तरह की होती है।

राजी, राजिक, तीक्ष्णगन्धा, क्षुज्जनिका, आसुरी, क्षव, क्षुताभिनजक, कृमिका, कृष्ण सर्षप ये राई के संस्कृत नाम है।

अंग्रेजी में राय को मस्टर्ड सीड/ Mustard Seeds एवं लैटिन भाषा में सिनापिस नाइग्रा/Sinapis Nigra कहा जाता है।

आयुर्वेद के सर्वाधिक प्राचीन ग्रन्थ भावप्रकाश निघण्टु, आयुर्वेदिक निघण्टु, द्रव्यगुण विज्ञान में राई के अनेकों प्रयोग-उपयोगों का उल्लेख है।

राई का धार्मिक महत्व…

पूजा आदि धर्म कार्यों से पूर्व में दशों दिशाओं राई फेंककर दिशा दोष और वस्तु शांति की जाती है।

तन्त्र तथा मारन क्रियाओं में राई का अत्यधिक प्रयोग करने का चलन लाखों सालों से चल रहा है।

नवजात शिशुओं के सिर के नीचे लगाएं राई का तकिया, तो बच्चे होंगे विद्वान, सफल और निरोगी

एक दुर्लभ और रहस्यमयी जानकारी जिसे लोग अब भूलते जा रहे हैं…

प्राचीन काल में बुजुर्ग माताऐं राई का छोटा तकिया बनाकर बच्चों के सिर के नीचे लगाती थी,

ताकि वे सब तरह की दूषित हवाओं से सुरक्षित रह सकें।

मान्यता है कि बच्चों को बाहरी हवा, नजर, तन्त्र-मन्त्र आदि का असर जल्दी होता है।

राई बाहरी आपदाओं, टोन-टोटकों आदि से रक्षा करती है।

कब लगाएं राई का तकिया

जब बच्चा 8 महीने का हो जाये, तो सिर के नीचे सहारा देने के लिए राई के दानों का तकिया यानि मस्टर्ड पिलो लगाना बहुत ही शुभ तथा लाभकारी होता है।

इससे बच्चों को बार-बार के सर्दी-जुकाम, निमोनिया, पसली चलना, बीमारी आदि अनेक विकारों से बचाव होता है।

बच्चों की आदत होती है कि हर पल वे करवट बदलते रहते हैं और राई का तकिया उसी अनुसार अपना आकर लेता रहता है।

इससे शिशु के सिर की गोलाई भी बनी रहती है। बच्चे छव, सुंदरता में भी निखार आता है।

राई की तासीर गर्म होने से बच्चों के मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है। दिमाग तेज होता है।

वर्तमान में यह परम्परा केवल राजा-महाराजा परिवार एवं रहीस लोग ही इसे अपना रहे हैं।

कुछ धनवान लोग अपने बच्चों की मालिश भी नियमित कराते हैं, ताकि हड्डियों में मजबूती बनी रहे।

इसके लिए आयुर्वेदिक ओषधि तेल बेबी केयर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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कैसे बनाएं राई का तकिया….

किसी भी किराने की दुकान से राय के दाने खरीदें। इसे सरसों के दाने भी कहते हैं। दानों को छान-बीनकर, साफ करें।

आप चाहें, तो दानों को गुनगुने पानी में डालकर अच्छी तरह धोकर धुप में सुखा लें।

फिर, मखमल के कपड़े को 3 तरफ से सिलाई कर एक हिस्सा खुला छोड़ें।

इसी में राई के दाने भरकर इसे भी सिएं। ऊपर से कवर चढ़ाकर उपयोग करें।

कब करें इस्तेमाल?…

आमतौर पर इसे 4 से 5 वर्ष की आयु तक उपयोग में लिया जा सकता है।

बड़े-बुजुर्ग, महिलाओं और मानसिक रोगियों के लिए भी लाभदायक है राई का तकिया…

जिन लोगों को रात को गहरी नींद नहीं आती, चिन्तया में रहते है। मानसिक अधनती बनी रहती है।

ग्रन्थिशोथ यानि थायराइड से पीड़ित हों, उन्हें राई का तकिया सिर के नीचे लगाने से चमत्कारी फायदा होता है।

कमर दर्द होने पर एक छोटा सा राई का तकिया बनाकर कमर के नीचे भी लगा सकते हैं। आराम होगा।

इसी प्रकार पेट की तकलीफों को दूर करने हेतु बाजरा का तकिया भी बनाया जा सकता है।

जीवन पथ बदलने में कारगर है राई। क्या हैं चमत्कारी उपाय, करें ये छोटा सा उपाय…

आयुर्वेद के 5000 साल पुराने उपनिषद ग्रन्थों में 12 तरह के तकियों के बारे में बताया गया है।

स्कंध पुराण आदि में ग्रहों की शांति के लिए अलग-अलग नक्षत्रों में जन्मे जातकों के लिए 12 राशियों के लिए 12 तकिए, 27 नक्षत्रों के लिए 27

तकिए तथा 9 ग्रहों की प्रसन्नता हेतु 9 विभिन्न तकियों के बारे में वर्णन है। इसकी जानकारी क़भी आगे अमृतमपत्रिका पर दी जाएगी।

दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल दे राई…

ज्योतिष ग्रन्थों भाष्य-शास्त्र के अनुसार यदि किसी का भाग्य साथ नहीं दे रहा, है तो राई द्वारा दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदला जा सकता है।

भाग्योदय के लिए क्या करें?…

शुक्रवार की शाम को एक मिट्टी के मटके में कूपजल, कुआँ के जल तथा गंगा जल भरकर उसमें 10 ग्राम राई के दाने डालकर

सरसों के तेल या राहु की तेल एक का दीपक पीपल के पत्ते पर जलाकर छोड़ें।

शनिवार की सुबह पूरे शरीर में तिल का तेल अथवा अमृतम काया की तेल लगाकर भगवान सूर्य से दुर्भाग्य दूर करने की प्रार्थना करें।

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फिर राई के जल से स्नान करें। 7 शनिवार यह उपाय करने से आपका बुरा वक्त बीत जाएगा और साथ ही परेशानी, झंझट, दरिद्रता आदि रोग-विकार भी दूर होंगे।

राई द्वारा बुरी नजर भी उठाने की परंपरा भी पुरानी है।

चिड़चिढ़ापन दूर करने के लिए….

अगर किसी इंसान का मानसिक संतुलन बिगड़

गया हो, चिड़चिड़ापन सता रहा हो, तो पिसित व्यक्ति के ऊपर से 27 राई, हींग एवं 7 मिर्ची उसार कर जलायेन और उसे देखते रहें।

इससे बात बात पर गुस्सा आना, क्रोध करना व उसका चिड़चिड़ापन दूर हो जाएगा।

बच्चों का पढ़ने में मन न लगे तो….

बच्चों के हाथ से राई के दाने दोनों मुट्ठी भरकर, बाजार का नमकीन, भूंजे चने दोनों मुट्ठी भरकर लेकर सभी को एक काले रंग के

कपड़े में बाँधकर बच्चे की नज़र दोष दूर करने की प्रार्थना करते हुए ऊपर सात बार घुमाकर किसी पेड़ के नीचे छोड़ आएं।

यह प्रयोग 9 दिन तक नियमित करें, तो पढ़ाई में मन लगने लगता है।

चुटकी भर राई, बढ़ा देगी कमाई…

व्यापार वृद्धि के लिए करें यह अदभुत उपाय…

अगर उद्योग-व्यापार या दुकान में लगातार हानि हो रही हो, तो 9 गुरुवार सवा किलो चने सवा किलो गेहूं तथा स्व किलो गुड़ तीनों मिलाकर

कारोबार स्थल पर से 8 बार उसारकर नन्दी या बैल को खिलाएं। फिर गंगाजल में थोड़ी सी केसर, हल्दी मिलाकर व्यापार स्थान में छिड़के।

अंत में एक सफेद वस्त्र में करीब 10 ग्राम खड़ा धनिया, राई 5 ग्राम, हल्दी खड़ी 2 नग मुख्य द्वार पर टाँग दें। यह उपाय 9 गुरुवार नियमित करें।

कर्मचारियों का दिल न दुखाएँ।

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Comments

One response to “चुटकी भर राई से करें करोड़ों की कमाई…”

  1. Sandeep avatar
    Sandeep

    घड़े के पानी क्या करना है

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