एक मन्त्र मानने से मर्दों का मन मजबूत हो सकता है

 पार्ट-3/भाग तीन
कौनसा है वो मन्त्र….
अंतरराष्ट्रीय आदमी दिवस पर विशेष दुर्लभ और रहस्यमयी जानकारी पहली बार पढ़ें।
याद रखें-19 नबंवर मैन्स डे है!
 तन से ज्यादा मन को शक्तिशाली बनाये
और मन से अधिक आत्मा को आत्मबल,
आत्मविश्वास से भर दें, तो
मर्द के जीवन में कोइ दर्द बचेगा ही नहीं।
इस ब्लॉग में जाने—व्यक्ति की शक्ति
 
व्यक्ति की शक्ति बस, “शिवभक्ति
से ही बढ़ सकती है।
शिव के बिना सारा सन्सार “शव” है।
अर्थात
शिव से छोटी “इ” की मात्रा  देखें, तो हर कोई शव के समान हो जाता है।
सृष्टि में मात्र शिव की ही सत्ता है। इनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। शिवभक्ति सबसे बड़ी सर्व दुःख-दर्दनाशक ओषधि है
भोलेभक्त गाते-चिल्लाते हैं….
भोले को लगाकर अर्जी, फिर क्यों रोता।
महादेव की मर्जी से ही सब कुछ होता।।
पुरुषों का प्रवेश वर्जित है-जहाँ…
 
महादेव के द्वार हमेशा सबके लिए खुले रहते हैं लेकिन भारत में ऐसे मन्दिर हैं, जहां पुरुष प्रवेश नहीं जा सकते…..
हम अक्सर मदिरों में महिलाओं के प्रवेश वर्जित होने की बात कई बार सुनते हैं लेकिन
भारत के इन मंदिरों में पुरुषों का प्रवेश है वर्जित, जानिए क्यों?
 【1】 अट्टूकाल मन्दिर
केरल के तिरुवनंतपुरम में देवी माँ का एक प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर
लगभग करोड़ों महिलाएं माँ दर्शन के लिए आती हैं। इसे ‘नारी सबरीमला’ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भी पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।
【2】चक्कुलाथूकावू मन्दिर
केरल के अलापुझा जिले में स्थित एक मंदिर  जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर में हर साल पोंगल का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें हजारों महिला श्रद्धालु हिस्सा लेती हैं। यह कार्यक्रम करीब एक हफ्ते तक चलता है, जिसे नारी पूजा के नाम से भी जानते हैं। इस दौरान यहां पुरुषों का प्रवेश विशेष तौर पर वर्जित होता है।
ये वो मंदिर है जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज था क्योंकि यहां एक साथ 35 लाख महिलाएं आ गई थीं।
 ये अपने आप में महिलाओं का सबसे बड़ा ऐसा जुलूस था जो किसी धार्मिक काम के लिए इकट्ठा हुआ था.
【】 तमिलनाडु के देवी कन्याकुमारी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। देवी भगवती के इस स्वरूप को संन्यास की देवी के रूप में भी जाना जाता है। यही कारण है कि इस मंदिर के गर्भगृह में विवाहित पुरुषों का प्रवेश सख्त वर्जित है।
【】राजस्थान के पुष्कर में पहाड़ी पर स्थित माँ सावित्री का मन्दिर बहुत ही आदिकाल का है।
यह एक मात्र मंदिर है। यहां गर्भगृह में विवाहित पुरुष श्रद्धालुओं का जाना वर्जित है। दरअसल एक मान्यता के अनुसार देवी सरस्वती के शाप के कारण विवाहित पुरुषों को भीतर जाने से रोका जाता है। कोई पति-पत्नी जिद करके इनके दर्शन कर लेते हैं, तो इतना गृह-क्लेश बढ़ जाता है कि-
तलाक तक की नोबत आ जाती है।
सावित्री मंदिर (पुष्कर)
राजस्थान के पुष्कर तीर्थ में ब्रह्माजी की पत्नी देवी साव‌ित्री का एक मंद‌िर है, जो रत्नाग‌िरि पर्वत पर स्‍थ‌ित है। इस मंद‌िर में ‌स‌िर्फ मह‌िलाओं को प्रवेश को अध‌िकार है, पुरुषों को इस मंद‌िर में प्रवेश करने की मनाई है। इसका कारण यह बताया जाता है कि ब्रह्माजी ने पहले से ही एक पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर ली थी। ज‌िससे नाराज होकर देवी सावित्री ने ब्रह्माजी को केवल पुष्कर में ही उनका मंदिर होने का शाप द‌िया था और बाद में रत्नाग‌िरि पर बस गई थीं। इसल‌िए यहां पर देवी के मंद‌िर में पुरुषों को प्रवेश की इजाजत नहीं है।
【】कामरूप कामाख्या का तान्त्रिक मन्दिर
इस माँ के मन्दिर में साल में 3 दिन तक मर्द नहीं जा सकते।
असम में मौजूद इस मंदिर में माता की माहवारी का उत्सव मनाया जाता है। उत्सव के दौरान पुरुषों के प्रवेश पर रोक है। इस दौरान केवल महिला संत और संन्यासिन मंदिर की पूजा करती हैं। बता दें कि-
इस मंदिर में माता सती के माहवारी कपड़े को बहुत शुभ समझा जाता है और इसे भक्तों के बीच बांटा जाता है। जिसको भी यह माहवारी रक्त वस्त्र मिलता है, उस परिवार के ऊपर तन्त्र-मन्त्र, जादू-टोने, टोटके का कोई असिर नहीं होता।
【】संतोषी माता मन्दिर जोधपुर
की ऐसी कुछ कहानी है।
संतोषी माता मंदिर, मुजफ्फरपुर बिहार
बता दें कि संतोषी मां का व्रत केवल महिलाएं या अविवाहित लड़कियां ही रखती हैं। इस व्रत के दौरान वह खट्टे फल या आचार नहीं खा सकतीं। पुरुषों को मंदिर में आने की इजाजत तो होती है, लेकिन शुक्रवार के दिन मंदिर के अंदर वे नहीं आ सकते है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक
महाराष्ट्र के नासिक में बने इस मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है। गर्भगृह में पहले महिलाओं के जाने पर रोक थी, जिसके बाद 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि अगर महिलाओं का मंदिर जाना वर्जित है तो पुरुष भी इसमें नहीं जा सकते। कोर्ट के इस फैसले के बाद से गर्भगृह में पुरुषों का जाना मना हो गया है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *