औषधीय काढ़े से बना
लिक्विड हर्बल उबटन
सोलह श्रृंगारों में से एक
एक कम्प्लीट
।।अमृतम।।
“फेस क्लीनअप”
अब कुछ भी मिलाने की झंझट खत्म।
अमृतम ने खोजा..
फेस उबटन ….बनाने का प्राचीन तरीका
सुन्दरता, खूबसूरती के
लिए आदिकाल से बहुत तरह के
ब्यूटी प्रोडक्ट यानी सौन्दर्य प्रसाधन
के प्रयोग किये जा रहे हैं, लेकिन क्या आप
फेस क्लीनअप …के बारे में जानते हैं?
यह प्राकृतिक हर्बल लेप/,उबटन है।
वेदों का ही एक हिस्सा है… आयुर्वेद।
आयुर्वेद के अतिमहत्त्व के सिद्धान्त यत्र-तत्र विकीर्ण है। आयुर्वेद के बहुत से पुराने
स्वानुभव ग्रन्थ अब लुप्त या नष्ट हो चुके हैं।
कभी-कभा किसी बुजुर्ग विद्वान के पास
या कभी कबाड़ी के कबाड़े या कचड़े में कुछ
दुर्लभ किताबों के कुछ भाग/अंश अकस्मात
मिल जाते हैं, जिसमें ऐसे चमत्कारी और
प्राकृतिक फार्मूले होते हैं कि …..
उनका प्रयोग करने पर बेहतरीन
परिणाम मिलते हैं।
!!अमृतम!!
रोगों का काम खत्म
अमृतम हर्बल उत्पादों की सबसे बड़ी विशेषता
यह है कि…किसी भी प्रोडक्ट में हानि दायक
रसायनिक पदार्थों का मिश्रण नहीं रहता।
अमृतम ओषधियों का निर्माण
–जैसा वेदों ने सुझाया,
हमने वैसा ही बनाया।
के मुताबिक वही प्राचीन तरीके से तैयार
किया जाता है।
अमृतम के सभी प्रोडक्ट के रिजल्ट
किसी-किसी को … भले ही कम मिले या
बिलम्ब से मिले लेकिन दुष्परिणाम या
साइड इफ़ेक्ट कभी नहीं हो सकते।
मन में है विश्वास-
हम होंगे कामयाब एक दिन.…
हम यह विश्वास दिला सकते हैं कि..
अमृतम दवाएँ १०० फीसदी आयुर्वेदिक
और प्राकृतिक जड़ीबूटियों के अर्क,
रस एवं काढ़े और शास्त्रों-सहिंंताओ
द्वारा निर्देशित ओषदिय फल-फूल, अन्य
रोगन, तेल, केशर आदि से निर्मित की जाती हैं।
इसी कारण कई बार हमारी ओषधियों
के रंग-रूप, कलर, गाढ़ेपन तथा खुशबू
आदि में परिवर्तन होना स्वाभाविक है,
क्योंकि इसमें सब कुछ नेचुरल है।
जैसे- हम घर में कुछ भी बनाते हैं,
हर बार उसका स्वाद, कलर एवं
खुशबू सब बदल जाता है।
जड़ी-बूटियां भी कभी एक सी नहीं
उगती, इसी तरह
“अमृतम सौन्दर्य सामग्री”
पूरी तरह केमिकल रहित होने से
हर बार कुछ न कुछ चेंज यानि
परिवर्तन सम्भव है।
हमारा विनम्र प्रयास है कि हम
5000 वर्ष पुरानी चिकित्सा पध्दति
के अनुसार निर्माण कर…
शुद्ध-पवित्र ओषधि दे सकें।
मेरे जीवन का एक ही सूत्र रहा…..
¶_ मौज करो……
¶_ रोज करो…..
¶_ नहीं मिले, तो खोज करो
अकेले करो या मित्रों की फौज के साथ करो…
मेरी मौज हमेशा कुछ नया खोज करने में रही।
हालांकि….
22 वर्ष की उम्र तक मेरा आयुर्वेद से कोई
नाता नहीं रहा और न हीं मुझे आयुर्वेद की
कोई जानकारी थी। मेरी शिक्षा-दीक्षा भी
आयुर्वेद से सम्बंधित नहीं है।
मेरे पिता हलवाई थे। बस…
उनका आशीर्वाद इतना रहा कि उन्होंने
डरा-धमकाकर, मारपीट करके मुझे
बहुत कम उम्र में एक बेहतरीन हलवाई
बना दिया था। मात्र 10 वर्ष में मुझे
जलेबी, इमरती, कचौड़ी-समोसा आदि
बहुत से पकवान बनाना सिखा दिया था।
मेरी आत्मा में
मेरे माता-पिता का सदैव वास रहे,
वे जिस रूप में, किसी भी योनि में हों
स्वस्थ्य-सुखी रहकर अपनी स्नेहिल
कृपा और दयादृष्टि बनाये रखें।
मेरे पूर्वजों-पितरों की कृपा से आज
मेरे दोनो बच्चे
‘अग्निम गुप्ता’ – Agnim gupta
आर्किटेक्ट है, जिसने अपने खुद का
एक नया स्टार्टअप आरम्भ किया है।
यह एक ऑनलाइन आर्किटेक्ट सर्विस
कम्पनी है…इसमें देश-दुनिया के लगभग
25000 आर्किटेक्ट ऑनलाइन
सेवा प्रदान कर रहे हैं।
मेरी बच्ची…
‘स्तुति अशोक गुप्ता’ – Stuti ashok gupta
भारत की जानी-मानी ट्रेवल्स ब्लॉगर है।
इंस्टाग्राम पर स्तुति के करीब
20000 से अधिक फॉलोवर्स हैैं।
वर्तमान में ‘स्तुति’ की सच्ची लगन और
मेहनत का शुभ परिणाम है कि मात्र
18 महीने की ठोस प्लानिंग, नये-नये
आईडिया, दूरदृष्टि के चलते आज
बहुत अल्प समय में ही अमृतम ने
अपना मुकाम, विश्वास और प्रसिद्ध
को हासिल कर लिया।
सहयोगियों का अन्तर्मन से आभार…
अमृतम को बहुत कम समय में इतनी
ख्याति, प्रसिद्धि और ऊंचाई दिलाने में
अग्निम गुप्ता,
स्तुति अशोक गुप्ता
श्री यश जी बत्रा,
राठी जी
माहेश्वरी जी
सुश्री शिवांगी पाठक,
सुश्री हिना जैन
सुश्री मैत्री शर्मा
श्री दीपक बिल्हटिया
श्री दीपक कुशवाह
श्री चंदू कुशवाह
श्री अजय वर्मा
श्री धर्मवीर माहौर आदि
ये सभी अमृतम परिवार के सदस्य हैं
इनका योगदान स्मरणीय है।
हम सबके स्वस्थ्य-सुखी जीवन सहित
उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य की
कामना करता है।
में उन सभी सदगुरुओं, सहयोगियों
जैसे-
हठयोगी श्री श्री भवानी नंदन यति जी महाराज
श्री श्री बालकृष्ण जी यति हथियाराम मठ
श्री श्री शंकरानन्द जी
श्री श्री शान्तानन्द जी
श्री श्री श्यामसुंदर दास जी
श्री श्री ब्रह्मानन्द जी
श्री श्री डमरू वाले बाबा सेवढा
श्री श्री अनुरुद्धदाननद जी धूमेश्वर महाराज
श्री श्री कमलकान्त जी शर्मा एडव्होकेट
श्री श्री शक्ति अम्मा स्वर्ण मन्दिर वेल्लोर
श्री श्री दीपक गिरी जी कामाख्या असम
श्री श्री मौनी बाबा तिलेश्वर शिवालय
श्री श्री शशि शर्मा (गुरु)
श्री श्री जगदीश शर्मा आयुर्वेद
आदि महापुरुषों को सादर नमन करता हूँ।
इन सभी का प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में
हृदय से आशीर्वाद युक्त सम्बल मिलता रहा।
हिम्मत न हार… फकीरा चल-चला, चल
कड़ी मेहनत…
पक्का इरादा…
एकाग्रता….
सही स्थान…
सही समय…
सही निर्णय..
सही काम…
करते हुए सन 1984 के करीब मैं
“बेकाम” हो गया यानि B.COM
की पढ़ाई पूरी करके बेकाम अर्थात
बेरोजगार हो गया था, लेकिन पूरी
तरह नहीं। जीवन तो बचपन से ही
कोई न कोई नोकरी या कोई छोटा-
मोटा काम करके गुजरा, क्योंकि घर की
आर्थिक हालात हलाहल युक्त थे।
मेरी माँ एक आघात के चलते
मानसिक रूप से विकृत हो चुकी थी।
मुझे जिन्दगी में सबसे बड़ा लाभ यह हुआ
कि मुझे कभी किसी ने रोका-टोका नहीं।
न कोई मार्ग दर्शन, न कोई पूंजी थी।
बस, शिवलिंग के दर्शन और शिव पूजा
इसी सहारे बिना रुके चलता रहा।
धुन का होने के कारण कभी हिम्मत
हारने का मौका नहीं मिला।
वाइफ ने भी… लाइफ… को लाइन पर
लाने के लिए पूरा साथ निभाया।
आ अब लौट चलें.... आयुर्वेद की और
४ वेदों में १ अथर्ववेद.. का हिस्सा है-आयुर्वेद..
भारत की धार्मिक संस्कृति-सम्पत्ति
शास्त्रों में समाहित है। सन्सार में केवल
शास्त्रों में लिखे उदगार ही सत्य हैं।
चरक सहिंता
अर्कप्रकाश
सुश्रुत सहिंता
भावप्रकाश
काश्यप
आदि मान्य ग्रन्थ आयुर्वेद को
अथर्ववेद का उपवेद मानते हैं।
इन सब पुरानी किताबों को पढ़कर
आयुर्वेद की प्राचीनता सिद्ध होती है।
चेहरे की रक्षा.. आयुर्वेद से ही करे
★ सबके लिए चेहरा महत्वपूर्ण होता है।
★ चेहरे से व्यक्ति की पहचान बनती है।
अमृतम ने आयुर्वेद के हजारों साल
पुराने ग्रंथों का अध्ययन कर, अनेकों
आयुर्वेदिक योगों का अनुसंधान किया।
पूर्णतः रसायनिक पदार्थों रहित सौन्दर्य
उत्पादों का फिर निर्माण किया है…..
जिसे साइड इफ़ेक्ट बिल्कुल भी नहीं
हैं..बल्कि ‘साइड बेनिफिट’ बहुत हैं।
।।अमृतम।।
फेस क्लीनअप
चेहरे पर लगाने वाला एक ऐसा
असरकारक हर्बल उबटन है, जिसके
एक बार के उपयोग से स्वयं महसूस
करेंगे कि….वाकई यह
फेस क्लीनअप अद्भुत और चमत्कारी है।
कर सोलह श्रृंगार… वो नार है चली–
भारत देश की प्राचीन पुस्तक
परम्पराओं के अंतर्गत
सौन्दर्य शास्त्रों में स्त्रियों के सोलह
श्रृंगार का वर्णन मिलता है।
यह शौक कभी राजा-महाराजाओं
और धनाढ्य लोगों के हुआ करते थे,
उनके अपने फार्मूले, योग थे, जिन्हें वे
लिखकर रखते थे।
कलकत्ता की नेशनल लाइब्रेरी में
लगभग 100 से अधिक पुरानी
किताबें हैं जिनमें सौन्दर्य प्रसाधनों
के घटक-योगों का उल्लेख है।
“16” – में से एक खोज अमृतम की …
प्रकृति से प्राप्त घटक-द्रव्यों जैसे —
खस, बादाम, जैतून, एलोवेरा हल्दी,
केशर, चिरौंजी, खस-और शहद
आदि 20 से ज्यादा ओषधियों
एवं प्राकृतिक सौन्दर्य की वृद्धि
करने वाले घटक-द्रव्यों को एक
निश्चित मात्रा में मिला कर जो
लेप तैयार होता है, वही
।।अमृतम।।
“फेसक्लीनअप“
यानि कम्प्लीट फेस उबटन कहलाता है।इसका चलन बहुत पुराना है।
16 श्रृंगार में इसकी गणना है।
【१】श्रृंगार शतक
【२】सौन्दर्य शास्त्रों,
【३】सौन्दर्यमीमांसा,
【४】आनन्दमीमांसा
आदि सुन्दरता बढ़ाने वाले प्राचीन
ग्रन्थ हैं।
प्राचीन काल में रानियां-महारानियां
हमारी दादी-नानी, अनेक तरीके के
घरेलू हर्बल “फेस क्लीनअप”
घरेलू तरीके से निर्मित कर इसके
द्वारा अपने सौंदर्य को निखारती थीं,
क्योंकि उस समय ब्यूटी पार्लरों 【प्रसाधनालय】का इतना प्रचलन
नहीं था।
पुराने समय के उबटन,या लेप
को अमृतम ने आधुनिक विधि-विधान से बनाकर हर्बल “फेस क्लीनअप 100% आयुर्वेदिक के नाम से मार्किट में
ऑनलाइन प्रस्तुत किया है।
“फेस क्लीनअप ”
चेहरे पर 15 मिनिट तक लगे रहने से त्वचा की गंदगी हट जाती है। इसका उपयोग मेकअप के पहले करने से चेहरे के बंद पड़े रोम छिद्र भी खुल जाते है और त्वचा को अच्छे से ऑक्सीजन मिल जाती है। चेहरे पर निखार आ जाता है।
अब सेल्फी का जमाना है...
वर्तमान में युवा वर्ग यानि नई उम्र के युवक-युवतियां अपनी खूबसूरती को लेकर बहुत उत्साहित रहता है क्योंकि यह सेल्फी का ज़माना है। हर लड़की अपनी सुन्दर और आकर्षक फोटो व्हाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम में अपनी मित्रों/फ्रेंड्स के साथ शेयर करना चाहती है।
फेस क्लीनअप ….उबटन के फायदे —
हमारी त्वचा को प्रत्येक दिन प्रदूषण, धूल-मिट्टी, तनाव, धूप और न जाने कितनी चीजों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्किन की उचित देखभाल आवश्यक है। स्किन की केयर नहीं हो पाने की वजह से चेहरे पर कालापन, दाग-धब्बे, आंखों के नीचे काले निशान, चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ जाती हैं। हमारे त्वचा में मौजूद
कोलाजेन …..
कोलाजेन -एक स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले प्रोटीन का समूह है
उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगता है इसके परिणामस्वरूप स्किन पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
त्वचा निखारें उबटन से
फेस क्लीनअप की मदद से आप झुर्रियों की समस्या से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
त्वचा को अंदर से निखारे
अमृतम फेस क्लीनअप…
इसे लगाने से त्वचा में बहुत निखार आता है और झुर्रियां दूर होती हैं। इसमें –नीम, पुदीना, तुलसी की पत्ती का पाउडरऔर मेथी पाउडर… एंटीसेप्टिक का काम भी करता है। शहद चेहरे व आंखों के नीचे के कालापन दूर कर झुर्रियां भी
समाप्त कर देता है।
!!अमृतम!!
“फेस क्लीनअप “
100% आयुर्वेदिक हर्बल लेप है
घरेलू पध्दति द्वारा 20 औषध बूटियों से निर्मित होता है– अमृतम फेस क्लीनअप
जो त्वचा में निखार लाकर चमकदार, दमकती बनाता है। रंगत निखारने के लिए यह बहुत ही बेहतरीन है।
इसमें कुछ मिलाना नहीं है। खासकर
हरेक मौसम के लिए बहुत उपयोगी है। यह पूरी तरह घरेलू पद्धति से बना हुआ है और सभी तरह के केमिकल से रहित है तथा हानिकारक दुष्प्रभाव से मुक्त है।
१०० फीसदी आयुर्वेदिक कम्प्लीट उबटन ।।अमृतम।।
फेस क्लीनअप
से होते हैं अनेकों फायदे…..
■ उम्र बढ़ने के कारण चेहरे के दाग-धब्बे,निशानों को किसी जादू की तरह
आपके चेहरे से हटाने में सहायक है।
■ त्वचा की पुनर्निर्माण क्षमता को तेजी से गति प्रदान करता है।
सुन्दर और आकर्षक बनाकर पूरी तरह से कायाकल्प करता है।
■ अगर आप सबसे सुन्दर नज़र आना चाहते हैं और साथ ही बहुत अधिक खर्च भी नहीं करना चाहते हैं,
का इस्तेमाल अवश्य करें।
जब आप इसके असर से पूरी तरह संतुष्ट हो जाएँ कि यह कारगर है, तो कृपया अपनी टिप्पणी नीचे अवश्य दर्ज़ कर दें। अपने अनुभव को हमारे अन्य पाठकों के साथ साझा करें।
झंझट और परेशानी से बचाये..
आज की भागम-भाग के चलते,
अब सबके पास समय का बहुत अभाव है।
इसलिए
अब,व्यूटी पार्लर जाने की जरुरत नहीं
फेस क्लीनअप
100% आयुर्वेदिक लेप/उबटन है।
इसमें कुछ भी मिलाने की जरूरत नहीं है।”फेस क्लीनअप”
के द्वारा हर किसी की
सुन्दर और आकर्षक त्वचा पाने की इच्छा पूरी हो सकती है|
अमृतम “फेस क्लीनअप” चेहरे
से धूल, गंदगी और बेजान त्वचा को हटाकर तथा चेहरे की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करके उसमे नई जान और ताज़गी डालने में सहायता करता है|
अब आपको फैशियल या फेस क्लीनअप कराने के लिए
के द्वारा अब, अपने घर में ही
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे,
हुस्न की खबर, कि..
कितनी हसीन हों तुम…!!
!!फेस क्लीनअप!!
का यही कमाल देखने को मिलेगा।
और
शायद तुझे खबर नहीं ए शम्मे-आरजू,
परवाने तेरे हुस्न पे कुरबान गये है….
एक महीने तक अमृतम फेस क्लीनअप
उपयोग करके देखें…फिर
किसी शायर के नजर की नजाकत सुने..
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,,
कौन होश में रहता है,, तुझे देखने के बाद।
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