औरत की कामना और सेक्स !!

  • औरत क्या नहीं चाहती। संसार में जितना भी फैलाव और विस्तार है, ये सब नारी की ही बलिहारी है। स्त्री को कुछ भी दे दो उसका वो 4 गुना करके दे देगी।

  • छोटा सा शुक्राणु योनि में विसर्जित करने पर एक जीता जागता शिशु दे देती है। ढीले ढाले, शिथिल 2 इंच के शिश्न पर हाथ रखते ही 6 से 7 इंच का कर देती है। इसलिए स्त्री के हाथ में बहुत बरक्कत होती है।

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नारी की कामवासना

  • स्त्री को मासिक धर्म के पूर्व और बाद में सेक्स की असीमित इच्छा रहती है। यदि 5 दिन निकल जाएं, तो महिलाओं को सेक्स ज्यादा परेशान नहीं करता।
  • एक विशेष बात यह कि औरतों का 500 वॉट का ओवन होने के बाद भी वह अपने पर अंकुश लगा लेती है और पुरुष 20 वॉट की पेंसिल लिए मारा-मारा फिरता है यानी पुरुष सेक्स पर कंट्रोल नहीं कर पाता।
  • मजाकिया किस्म के बुजुर्ग लोगों से कभी सुना था कि- जिसका देवा सही या मजबूत होता है, उसके साथ सभी औरते देवी स्वरूप होती हैं। स्त्री का दिल भले ही तोड़े, लेकिन आपने पलंग नहीं तोड़ा, तो वह कभी भी देवी रूपी महिला पिशाचिनी बन सकती है।
  • जब तक आपके शिश्न में दम है, तब तक आपके साथ वह औरत रह सकती है। एक काम की बात याद रखना कभी किसी काम आ सकती है…

ढ़ीला बेंत कुल्हारी, नैन मिलावे नारी।

हस के मांगे दम्मा, ये तीनों काम निकम्मा।।

  • अर्थात कुल्हाड़ी का बेंत ढ़ीला हो, नारी पराए मर्द से नयन-मटक्का करे और किसी से कर्ज हंसकर मांगे तो यह सब निकम्मे लोगों के काम है। बेंत की लकड़ी ढ़ीली होगी, तो उल्टे हाथ-पैरों में लग सकती है। नारी नैन मटकाए या मिलाए तो सेक्स करना चाहती है। यदि किसी हसीं मजाक में उधारी वापस मांगोगे, तो कभी वापस नहीं मिलेगी।

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