क्या आप जानते हो-बजरंग बली 5 भाई थे

श्री राम भक्त हनुमान 5 भाई थे

मंगल के नक्षत्र चित्रा में मङ्गल को जन्मे,
मङ्गल ही करते वीर हनुमान पांच भाई हैं।
कभी देश के नामी-ग्रामी पहलवानों,
ब्रह्मचारियों के आराध्य अब नेताओं
के लिए राजनीति की धुरी बन गए हैं।
उनका मूल नाम महावीर छोड़कर
कोई उन्हें बलि, तो कोई अली कहकर
राजनीति कर रहे हैं।
पांच भाईयों में हनुमान ही पूज्यनीय क्यों?
हनुमान जी के 5 छोटे भाई भी थे
जिनके नाम इस प्रकार हैं-
【१】मतिमान
【२】श्रुतिमान
【३】केतुमान
【४】गतिमान
【५】धृतिमान
यह सभी विवाहित थे।
महावीर हनुमान की उपासना
राष्ट्र को सुदृढ़, संगठित, सशक्त
और शक्तिशाली बनाने के लिए
कई युगों से की जा रही है।
अर्जुन ने विजय पाने के लिए
कपि-ध्वज धारण किया था।
देश-दुनिया में यह पहलवानों,
चरित्रवानों के देवता कहलाते हैं।
हनुमानजी गाँव-गाँव पूजे जाने
वाले लोकनायक हैं।
मजदूर, मजबूर और मशहूर
शहरी तथा ग्रामीण दोनों ही
उनकी सामान रूप से पूजा करते हैं।
मन में अमन देने वाले देवता
तन को पतन से बचाकर,
मन में अमन देने वाले,
थोड़ी सी प्रार्थना, प्रयत्न से
प्रसन्न होने वाले परमवीर
परमात्मा कलयुग के भगवान हैं।
स्कन्द पुराण, भविष्य पुराण
की माने, तो इनका जन्म कार्तिक मास
की चतुर्दशी यानि छोटी दीपावली को
बताया गया है। इनका जन्म नक्षत्र
चित्रा ओर स्वाति, मेष लग्न दिन
मंगलवार का जन्म बताया है।
भगवान सूर्य इनके गुरुदेव हैं।
मुक्तिकोउपनिषद
रामपूर्व तापनिय उपनिषद
राम रहस्योउपनिषद
आदि प्राचीन ग्रंथों में श्री हनुमान
जी की बुद्धि के बारे में,
उनकी प्रखरता के विषय में
बहुत विस्तार से लिखा है।
हनुमान जी ज्योतिष के भी
प्रकांड विद्वान थे।
वेदों ने हनुमानजी को रूद्रावतार,
अग्नि, प्राण आदि कहा गया है।
इन्हें रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।
द्वारपाल, सन्तानदाता हनुमानजी का
वृक्षों में निवास माना गया है।
वृक्ष लगाने से हनुमानजी की सिद्धियां
प्राप्त होती हैं, ऐसा पुराणों में उल्लेख है।
भूत-प्रेत इनके स्मरण से दूर भागते हैं।
कभी भी घोर परेशानी के समय
जय-जय-जय हनुमान गुसाईं।
कृपा करो गुरुदेव की नाई।।
40 बार जपने से कष्ट तत्काल
दूर होते हैं।
मन्त्रमहोदधि ग्रन्थ के अनुसार
शनि, राहु, केतु और सूर्य से पीड़ित
जातक पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित
हनुमान मंदिर के 40 दिन तक पैदल
जाकर 5 दीपक राहुकी तेल के जलाकर
 दर्शन करें, तो जेलों के बंधन से मुक्त होता है।
कर्जे से मुक्ति मिलती है।
संहार, विनाश, प्रज्ज्वलन, प्रदीप्ति,
सर्वभक्षण अग्नि के ही कर्म है।
इसीलिए इन्हें रुद्र का अंश यानि
भोलेनाथ का रूप वेदों में माना है।
तन्त्र में हनुमान
तांत्रिक ग्रंथों में एक मुख्य, पांच मुख
और एकादश यानि 11 मुख के रूप
में इनकी पूजा का विधान है।
हनुमाज्योतिष्म” ज्योतिष का
चमत्कारी ग्रन्थ है।
हनुमान सहस्त्रनाम में इनको
भगवान शिव का नंदी,
स्वर्णिम पर्वत की आभायुक्त
“हेमशैलाभदेहम” लक्ष्मण के लिए
शीघ्र संजीवनी बूटी लाने के कारण
‘मनोजवम’ उछल कुंद कर चलने के कारण पलवंगम, बड़ी पुच्छ के कारण लांगुली
और सात करोड़ गायत्री मंत्रों से
अभिमंत्रित शरीर का ब्रह्मचारी
बताया गया है।
हनुमानजी जी अष्टसिद्धि और नवनिधि
के दाता भी खएँ जाते हैं।
श्री राम कथा ने इनको प्रसिद्धि की
चरमसीमा तक पहुंचा दिया।
अभी बहुत जानकारी शेष है
अमृतमपत्रिका जॉइन करें

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


Posted

in

by

Tags:

Comments

One response to “क्या आप जानते हो-बजरंग बली 5 भाई थे”

  1. नालिनीश avatar
    नालिनीश

    भगवान हनुमान जी के भाइयों के विषय मे प्रथम बार सुना । आप का आभार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *