सफेद, पतले बालों से छुटकारा, बस एक महीने लगाएं यह हर्बल स्पा….

बालों की बल खाती लटें बला की 
खूबसूरत बनाती हैं 

ढलती-बढ़ती उम्र, प्रदूषण और आज के समय की जीवनशैली के कारण उम्र से पहले ही बाल सफेद होने लगते हैं। नई उम्र केयुवक-युवतियों में आजकल यह एक गंभीर चिंता का विषय है।

22 बूटियों से करें बालों का उपचार….
【1】कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्प

Kuntal Care Hair Spa with Hemp
【2】कुन्तल केयर हर्बल हेयर शेम्पू


【3】कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट

Kuntal Care Malt
【4】कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल

ये चारों आयुर्वेदिक उत्पाद आपके बालों की हर समस्या का अंत करने में मददगार साबित होंगे।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से जब सिर की खाल में कोशिकाएं खुद की मरम्मत करने में नाक़ाम हो जाती हैं। ऐसे में इम्युनिटी को मजबूत करना पहला काम है।
कुन्तल केयर माल्ट में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले द्रव्यों का सन्तुलित मिश्रण है। इसमें बाल वृद्धि के लिए असरदार ओषधि त्रिफला अवलेह में मिश्रण किया है, जो बाल की जड़ों को ताकत देकर इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग बनाता है। कुन्तल केयर माल्ट में भृङ्गराज को इसलिए मिलाया है क्यों की यह बालों को घना, लम्बा करने के साथ-साथ यकॄत की क्रियायों को ठीक करती है। भ्रंग्रराज
लिवर को भी जबूत बनाता है।
आपको पता होगा कि लिवर की खराबी से ही केशरोग पनपते हैं। यह हर प्रकार से बालों की रक्षा करता है।

कुछ आयुष या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अलावा
हेयर केयर वैज्ञानिक भी मानते हैं कि-
शरीर में इम्युनिटी की कमी से
बाल, गाल, चाल, ढाल, खाल, ख्याल
और मस्तिष्क का मायाजाल का जादू बिखरने लगता है। अतः बीमारी नारी-कुंवारी को हो या ब्रह्मचारी को, इलाज की तैयारी न करने से यह महामारी बन जाती है।
कुन्तल केयर में मिलाये
22 – जरूरी घटक-द्रव्य

【1】त्रिफला
त्रिफला तीन फलों से बना एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फॉर्मुला है।
यह बाल गिरने से रोकने तथा रूसी मिटाने
के लिए मददगार है।
इमोशनल इंटेलीजेंस को विकसित करता है
【2】हेम्प ओषधि
तनाव दूर कर नींद लाता है
【3】विभितकी,
बालों का झड़ना-टूटना, गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए चमत्कारी है।
【4】बादाम, बुद्धिवर्द्धक होता है।
【5】भृङ्गराज,
बालों का महाराज-भृङ्गराज
अकाल या कम उम्र में बालों का सफेदी से बचाने हेतु यह औषधि अत्यंत प्रभावी है। नए काले केश उगाने में सहायक।
【6】शिकाकाई,
बालों को झड़ने, कमजोर होने से रोके।
【7】हरश्रृंगार,
स्किल managment की सफलता में
यह विशेष उपयोगी। तनावरहित बनाता है
【8】गुड़हल पुष्प
गुड़हल पुष्प प्राकृतिक स्त्रोतों से
इनोसिटोल, पेंटोथेनिक एसिड, फोलिक एसिड पैरा अमीनों बेंजोइक एसिड की कमी पूरी करता है। स्वच्छतार्थ सन्देश वाहक है।
【9】नीम-रूसी, खोंची नाशक
【10】रीठा-जड़ों से गन्दगी मिटाता है।
【11】मैथीदाना-मजबूती देता है।
【12】लोंकी बीज-लम्बे बनाता है
【13】मेहंदी,
में भरपूर पोषण होता है, जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी लाभकारी रहता है।

【14】नारिकेल गरी-बालों को चमकदार बनाकर कला करता है।
【15】नागरमोथा-
अनुचित केशों को उपयोगी बनाता है।
【16】बालछड़ {जटामांसी}
सिर में खुले घूम रहे हजारों कीटाणुओं
कोमल विसर्जन (पाखाने) द्वारा बाहर निकालता है।
【17】 सीताफल
बालों के दुष्कर्मियों को पकड़कर
केशधोवन से दूर करता है। सीताफल के पत्ते बाल झड़ने से खोपड़ी यानि स्कैल्प पर बन रहे हैं छोटे पैचेज, “एलोपेसिया एरेटा” आदि समस्याओं का अंत करने में उपयोगी हैैं।
【18】हराधनिया,
【19】हरीतकी
【20】शमीपत्र,
【21】प्याज का रस
【22】निम्बू का छिलका-प्रदूषण नाशक।
【23】शंखपुष्पी-
बालों को बिगाड़ने व वारदात करने वाले तन्तुओं को को नष्ट करने में सहायक है।
【24】लौंग सडनरोधक है।
आदि अनेक रुखड़ियों को इकट्ठा करके
इन्हें कूटकर किसी मिट्टी के पात्र (घड़े) में
16 गुना पानी मिलाकर 24 घण्टे
गलने छोड़ देती थी।
तत्पश्चात महिलाएं दूसरे दिन धीमी आँच
अर्थात मन्द-मन्द अग्नि में इसे 3 या 4 दिन
इसे तब तक उबालती थी, जब तक एक
चौथाई न रह जाए।

हर्बल स्पा निर्माण का घरेलू तरीका…
जब पानी एक चौथाई रह जाता एवं बहुत
गाद जैसा गाढ़ा, काढ़ा होने पर उसे 2 या
3 दिन तक ठंडा कर, छानकर काँच की
शीशी में भरकर रख लेती थी।

हेम्प युक्त हेयर स्पा के उपयोग का तरीका
रोज नहाने से पहले या बाद तथा
रात्रि में इस केशनाशक आयुर्वेदिक
काढ़े गाढ़े गाद (स्पा) को बालों की
जड़ों में हल्के-हल्के हाथ से, उंगलियों
के पोरों से लगाके सुखाया करते थे।
दूसरे दिन महिलाएं बिना साबुन-शेम्पो
के बाल धो लिया करती थी, फिर बाल
सुखाने के बाद कंघी की जाती थी।

यह थी प्राचीन भारत की पुरानी परंपरा
व केश चिकित्सा। चाहे, तो आज की युवा
पीढ़ी, नवयोवनाएँ अपनी दादी, परदादी, नानी, परनानी, बुआ, ताई, मौसी, चाची या
गाँव की किसी बुजुर्ग महिलाओं से बेहाल
बाल बचाने का प्राकृतिक ज्ञान ले सकती हैं।

आदिकालीन आयुर्वेदिक उपचार..
हर घर, हर गाँव में इस हर्बल स्पा का
उपयोग प्रबुद्ध या अनपढ़ स्त्री, नवयौवना, महिलाएं, रानी-महारानी, पटरानी व पुरुष
सभी किया करते थे।
इसी हर्बल स्पा की वजह से ही
केरल एवं साउथ की महिलाओं के बाल
बहुत ही सुंदर, चमकीले तथा खूबसूरत
व घने, काले, लम्बे होते हैं।

बालों को हर-बल देता- हर्बल काढ़ा
ही वर्तमान युग का हेम्प युक्त हेयर स्पा है,
जिसे दुनिया में पहली बार अमृतम द्वारा
“कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा” हेम्प युक्त
के नाम से तैयार किया है।
Kuntal Care Hair Spa with Hemp
Key Ingredients (Each 10ml contains)
Hemp Oil 1.1 ml, Bhringraj 500 mg, Amla 100 mg, Vibhitki 500 mg, Neel 100 mg, Brahmi 100 mg, Jawakusum 100 mg, Balchhad 100 mg, Nagar motha 100 mg, Shankhpushpi 20 mg, Seeta fal beej 100 mg, Long oil 0.1 ml, Jaitun oil 0.2 ml, Nilgiri oil 0.5 ml, Tulsi 10 mg, Methi 5 mg, Neem 5 mg, Doorba 10 mg, Kapoor kachhari 10 mg and Excipient Q.S.
Textbook Name: Bhav Prakash Nighantu

Authentic Ayurvedic Formulation. This Spa contains Hemp, Brahmi, Shankhpushi, Balchhad

रोज-रोज धोने का झंझट भी नहीं।
कुन्तल केयर स्पा लगाओ..
फिर सुखाकर काम पर निकल जाओ। कामकाजी महिलाओ के लिए अजूबा
है यह उत्पाद।
यह हर्बल स्पा बालों का झड़ना, टूटना, पतला होना रूस आदि की शिकायत तो दूर करता ही है साथ ही सोने से 1 घण्टे पहले लगाने पर माइग्रेन ओर अनिद्रा की तकलीफ को भी मिटाता है। यह आयुर्वेद की 5000 वर्ष से अधिक पुरानी किताबों के अनुसार निर्मित है।
तलाबों, हाथ-पैरों की जलन का सीधा सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से है कभी सोच है आपने।
जब मस्तिष्क में गर्मी शांत होगी, तो पूरे तन-मन को परम शांति का अनुभव होता है।
दिमाग को सकारात्मक और संतुलित बनाये रखने के लिए इसमें ब्राह्मी, जटामांसी, मेहदी आदि का मिश्रण किया है।
इसमें हेयर फॉल, हेयर लॉस और डेन्ड्रफ
के लिए काफी कारगर जड़ीबूटियों का समावेश है।
कुन्तल केयर में मिले कुछ जादूई हर्ब बालछड़, भृङ्गराज, विभितकी, हेम्प, आंवला और ब्राह्मी बालों की रीग्रोथ का बहुत उम्दा एजेंट है।
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हाइपोएलर्जिक, बालों की जड़ों में सड़न, बदबू और सेंसेटिव स्किन बालों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।
आप फीके-रूखे, चमकहीन, डल हो चुके बालों में जादू देखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बेहतरीन उत्पाद है।
हेम्प के बीज में 21 एमिनो एसिड होते हैं जिनका शरीर द्वारा निर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए हेम्प के बीज एक सम्पूर्ण प्रोटीन है।
यह निम्न केश विकारों का नाशक है….
[] केश पतन, रूसी, रूखापन
[] जुंए-लीख पड़ना, संडान्ध
[] दोमुहें केश, पतला होना
[] बालों का झड़ना-टूटना,
आदि समस्याओं का अन्त…तुरन्त या
4 से 5 दिनों में दूर कर बालों की जड़ों
को मजबूत बनाकर यह ओषधि पूरी
तरह दिमाग को तनाव रहित कर देती है।
यह मानसिक शान्ति प्रदान करता है।

बालों की जड़ों को मजबूत करने वाला
हेम्प युक्त हर्बल हेयर सप्लीमेंट
अमृतम आयुर्वेद के प्राचीन शास्त्र
★-केशविकारम
★-केशधारणं
★-विपाक वा शक्ति
★-धन्वन्तरि निघण्टु आदि चिकित्सा
ग्रन्थों में भी वर्णित है।
आ बैल मोहे मार–
यह एक पुरानी कहावत है कि हमारी
नासमझी व लापरवाही के कारण ही
तन का पतन होने लगता है।
वर्तमान युग में खुशबू, केमिकल युक्त तेल, साबुन, शेम्पो से हमारे बालों की जड़े कमजोर होने लगती हैं। इसका दुष्प्रभाव
यह होता कि- प्रतिदिन गुच्छों के
रूप में बेशुमार बाल टूटने लग जाते हैं।

बालों की बीमारियां….
अलोपेसिया अरीटा (Alopecia areata) बालों की एक ऑटोइम्यून बीमारी….
बालों की यह बीमारी अत्यन्त चिंताजनक है।
इस खतरनाक केश विकार में
पीड़ितों के सिर के कुछ हिस्सों
में बालों का नहीं होना (स्पॉट बाल्डनेस)
को एक ऑटोइम्यून बीमारी के नाम से जाना जाता है। इस केश रोग में सिर के बीच वाले भाग से बाल झड़ जाते हैं। इस केशरोग में
हेम्प युक्त कुन्तल केयर स्पा लाभकारी है।

रूसी-खोंची-झड़न मिटाए…..
सिर में मरी हुई त्वचा के कणों को रूसी
या डेन्ड्रफ कहते हैं।
यह केश विकार युवा पीढ़ी में अधिक पाया जाने लगा है। ज्यादातर युवक-युवतियों को यह पता नहीं होता कि उनके बालों में होने वाली रूसी तैलीय है या रूखी।
रूसी बालों की सबसे बड़ी शत्रु है।
इस केश विकार से चमक नष्ट होने
लगती है। बाल आकर्षण खो देते हैं।
बालों में कंघी करते समय रूसी बाहर निकलकर वस्त्रों पर गिरने लगती है।
यह खोपड़ी पर दाने या पपड़ी
के रूप में भी निकल सकती है।
यदि तुरन्त रूसी की सफाई न की जाए,
तो यह बाल निकलने वाले स्थान यानि रोमकूपों को बंद कर देती है।

रूखी, रूसी के कीटाणु अतिसूक्ष्म होते
हैं, जो सिर की खाल से चिपककर बालों
में छुपे रहते हैं। रूखी, रूसी से बालों में
बहुत खुजली होती है। बालों के झड़ने-
टूटने का आरम्भ यहीं से होता है।

तैलीय रूसी की पहचान है कि-
तेलीय ग्रंथि (सीबम) डेन्ड्रफ के
छोटे कणों से मिली होती है।

क्या वजह है-रूसी (डेन्ड्रफ) होने की…..
तन में तनिक सी भी तकलीफ होने पर तुरन्त अंग्रेजी दवाओं के सेवन से, नियमित नियम धर्म अव्यवस्थित होने से, दूषित भोजन खानपान करने के कारण वात-पित्त, कफ विषम होने लग जाता है।
त्रिदोष से शरीर का अंदरूनी सिस्टम या
ऑटोइम्यून गड़बड़ा जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से लड़ नहीं पाती
और धीरे-धीरे शरीर में दूषित द्रव्य जमा होकर संक्रमित हो जाता है। भावनात्मक तनाव के कारण भी हो खोपड़ी में रूसी
की समस्या हो सकती है।
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा बालों से रूसी को स्थाई रूप से खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार है।

कोरोना से बचने का सर्वश्रेष्ठ इलाज है बेहतरीन
रोगप्रतिरोधक क्षमता।
■ इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक
ओषधियाँ, क्वाथ, काढा जैसे-
●~अमृतम आयुष की क्वाथ,
●~ अमृतम फ्लूकी माल्ट
●~ अमृतम लोजेन्ज माल्ट
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आयुर्वेद की पहचान…
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जड़ीबूटियों के बारे में जाने..
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