बाल काले करने का 5000 साल पुराना फार्मूला !!

  • बालों का सफेद होना आयुर्वेद के पलित रोग चिकित्सा प्रकरण के अंतर्गत आता है और अनेक चिकित्सा लिखी हुई हैं। हम कुछ खास उपाय बता रहे हैं। उपयोग करने पर लाभकारी सिद्ध होंगे।
  • भृंगराज और नीम की नई कोपल लेकर बकरी के मूत्र में पीसकर लेप करने से सिर के बाल काले हो जाते है।

अजा मूत्रे भृङ्गराजं नीलीपत्रमयोजः।

पिष्ट्वा सम्यक् प्रलिम्पेद् केशाः स्युभ्रं मरोपमाः।

  • हरड़, बहेड़ा, आमले, नील के पत्ते, भाँगरा और लोहका चूर्ण इनको भेड़ के मूत्र में पीसकर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं।
  • भेर की जड़, पिया बाँसे की जड़ या फूल, केत की की जड़, लोहे का चूरा, भाँगरा और त्रिफला – इन छहों का चार तोले कल्क तैयार करो, यानी इन सबको सिलपर पानी के साथ पीसकर लुगदी बना लो।
  • उसमें से चार तोले लुगदी ले लो। काली तिली के पाव भर तेल में इस लुगदी को रखकर, ऊपर से एक सेर पानी मिला दो और पकाओ।
  • जब तेल मात्र रह जाय, उतारकर छान लो । फिर इस तेल को लोहे के बर्त्तन में भरकर मुँह बन्द कर दो, और एक महीने तक ज़मीन में गाड़ रखो। पीछे निकालकर बालों में लगाओ। इस तेल से काँसी के फूल-जैसे सफ़ेद बाल भी काले हो जाते हैं। इसका नाम “केशरञ्जन तेल” है ।

नोट-ऊपर की छहों चीज़ों का रस या मिली हुई लुगदी जितनी हो, उससे तेल चौगुना लेना चाहिये।

  • लोहे का चूर्ण, भाँगरा, त्रिफला और काली मिट्टी इन सबको एकत्र पीसकर, ईख के रस में मिलाकर, एक महीने तक जमीन में गाड़ रखो और फिर निकालकर लगाओ। इस तेल के लगाने से जड़ समेत बाल काले हो जाते हैं।
  • लोहचून, पानी में पिसे हुए आगले और दुल फूल-इन सबको पानी में मिलाकर इस पानी ले जो सदा स्नान करता रहता है, उसे कदापि पलित रोग बीमारी नहीं होती।

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