दुर्गा सप्तशती में वर्णन है-
“क्षुधा रूपेण संस्थिता…..”
क्षुधा का अर्थ है-भूख यानि
सभी को तन-वतन, मन-अमन
की भूख बनी रहती है।
● शरीर की भूख है-भोजन
● मन की भूख है- सुख:सम्पन्नता
● बुद्धि की भूख है-ज्ञान:विज्ञान
● आत्मा की भूख है-मोक्ष:मुक्ति।
इसलिये वेदों का उदघोष है….
असतो मा सदगमय
तमसो म ज्योतिर्गमय..
हे सदाशिव! सन्सार का अंधकार
मिटाकर सबको सदमार्ग दिखा।
महादेव के मन्त्र भी चिकित्सा है।
अतः !!ॐ नमःशिवाय!! जाप करें!
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