बहुत अनमोल बातें लिखी हैं-स्त्री चरित्र के बारे में….

सेक्स की आपूर्ति से क्या 

स्त्री चरित्रहीन हो सकती है।

 क्या कहते हैं- पुराने पुराण-शास्त्र..
और पढ़ें- 14 तरह के गुप्तरोग!
 
लगभग सभी धर्मों में काम अर्थात
सेक्स के बारे में बहुत लिखा गया है।
सेक्स की कमी के कारण स्त्री में
चरित्रहीनता आ सकती है।
ऐसे किस्से के बार शहर-समाज में
सुनने मिल जाते हैं।
स्त्री चरित्र पर लिखी यह अर्धाली 
भारत में बहुत प्रचलित है –
त्रिया चरित्र के बारे में एक
पुराना श्लोक शास्त्रों में महाभारत
ग्रन्थ में आया है, जिसकी चर्चा गांव
की चौपाल में अक्सर घर-घर, हर
जवान की जुबान पर रहती है।
त्रिया चरित्रं ,पुरुषस्य भाग्यम!
देवो न जानाति, कुतो मनुष्यः!!
अर्थात
स्त्री का चरित्र और पुरुष का
भाग्य देवता या भगवान भी नहीं
जानने में असमर्थ हैं, तो
मनुष्य कैसे जान सकता है?
काम में नाकाम कुछ लोगों ने भी
स्त्री के चरित्र को कलंकित कर दिया।
सेक्स पीड़ित स्त्रियों के 6 दोष जाने-
मनु सहिंता २/१३में कहा गया है-
(१) मदिरा पीना,
(२) दुष्टों की संगति,
(३) पति का वियोग,
(४) इधर-उधर घूमना,
(५) कुसमय में सोना और
(६) दूसरों के घरों {लिव इन रिलेशन}
में रहना ये छः स्त्रियों के दोष है।
क्या स्त्री को सम्भोग बहुत प्रिय होता है…
इसकी एक कथा महाभारत में विस्तार
से मिलती है।
स्त्री या औरत यदि बिगड़ जाए, तो.
कामवासना से पीड़ित स्त्रियाँ
मनुष्य के रूप की परीक्षा नहीं
करतीं, न तो समाज, परिवार,
लोक-लाज या अवस्था का ध्यान।
0रखती हैं। सुन्दर हो या कुरूप हों,
पुरुष होने से ही वे उसके साथ संभोग
करती हैं। मनु सहिंता-९/१४
● कामसूत्र में भी पत्नी-परिवार
को दगा धोखे का निमित्त काम
ही बताया है।
● काम की कमी, कमजोरी के
कारण सगा भी दगा दे सकता है।
कुछ लोग आपसी विश्वास में सगा
को दगा देकर उसकी घरवाली को
को भगा ले जाते हैं। हालांकि इसमें
दोनों का ही घर बर्बाद हो जाता है।
दगा देना अनुचित है। कहा गया है-
दगा किसी का सगा नहीं है,
नहीं किया, तो करके देख।
जिसने जग में दगा किया है,
उसके जाके घर को देख।। 
संसार के सारे छल कपट,
धोखा काम की देन है।
असल में सही वैदिक तरीके से
विवाहित, ब्याही बीबी/पत्नी का
चरित्र कभी खराब नहीं होता।
वैसे बुजुर्ग कहते थे कि 
लोग परी के चक्कर में चकरघिन्नी
तथा चरित्र हीन होकर “करी” यानि
ब्याही को भगा देते हैं।
परनारी से प्यार करने से जीवन
दुश्वार हो सकता है।
कहा गया है कि-
परनारी पैनी छुरी, तीन ठौर से खाये!
धन छीने, यौवन हरे, मरे नरक ले जाए!! 
चोटी से चोटिल करती हैं स्त्रियां….
चोटी छोटी हो या विशाल पर्वत की
अथवा स्त्री की हो। दोनों में गजब
का आकर्षण होता है।
चोट (धोखा) खाने और चोट करने
(हाजिर जबाबी) में इनका कोई सानी
नहीं है। केवल मकर संक्रान्ति के तिल
के लड्डू बनाती है, शेष पूरे साल तिल
का ताड़ बना देती हैं।
आपको मालूम होगा कि लम्बी-लम्बी
चोटियाँ भारत में ही अधिक मिलती है
फिर भी कुछ मुर्ख लोग माउंट एवरेस्ट
पर चढ़कर जान गवां आते हैं।
इस देश में जुल्फ अर्थात केश, बाल,
कुन्तल एवं हेयर पर साहित्य लिखे
और गीत-गाने गाये गए।
त्रिया की हर क्रिया पर शुक्रिया अदा करो! ज्यादा दिमाग मत लगाओ..
महिलाओं की महानता ओर त्रिया
चरित्र विषय पर भारत के जाने-माने साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चंद ने एक
पूरा काव्य ही रच डाला था उसके कुछ साहित्यिक अंश ध्यान से पढ़ने लायक हैं-
ये अमूल्य अनुभव एवं शब्द समझ
आने पर आनंद से भर देंगे….
@ विवाह की वाह-वाह एवं सफ़लता
के लिए बीबी से वाद-विवाद मत करो,
@ क्योंकि विवाह के बाद की
इस पूजा में अश्रु जल ही पाद्य है,
@ दीर्घश्वास ही अर्ध्य है,
@ आश्वासन ही आचमन है,
मधुर भाषण ही मधुपर्क है,
@ सुवर्णालंकार ही पुष्प है,
@ धैर्य ही धूप है, दीपक है,
@ चुप रहना ही चंदन है और
@ बनारसी साड़ी ही विल्वपत्र है,
@ आयु रूपी आँगन में सौंदर्य
तृष्णा रूपी खूँटा है!
@ उपासक का प्राण पुंज छाग
उसमें बंध रहा है!
@ देवी के सुहाग का खप्पर
और प्रीति की तलवार है!
@ प्रत्येक शनिवार की रात्रि इसमें
महाष्टमी है और पुरोहित यौवन है।
पुरूषों यदि निम्नलिखित
14- चौदह तरह की समस्या या
गुप्त रोगों से पीड़ित हैं, तो उसे
तुरन्त उपचार करना चाहिए-
【1】यौन दुर्बलता
【2】नपुंसकता,
【3】शारीरिक शिथिलता
【4】नामर्दी
【5】नपुंसकता
【6】पतलापन
【7】जल्दी डिस्चार्ज
【8】कमजोरी नाशक
【9】स्वप्नदोष
【10】जोश की कमी
【11】शीघ्रपतन
【12】 लिंग में ढ़ीलापन
【13】मर्दाना ताकत में कमी
【14】लम्बे समय से
सेक्सुअल वीकनेस आदि
अगर आदमी अपनी काम-जीवन या
सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं है। अगर
किसी पुरुष को महसूस होता है कि
उसमें आंतरिक रूप से शक्ति, बल, वीर्य
पुरुषार्थ इतना ज्यादा नहीं है कि
वह ज्यादा देर तक यौन सुख का
आनंद ले सकें, तो दो विश्वसनीय
आयुर्वेदिक औषधि जैसे-
इन दोनों दवाओं का  3 से 6
महीने तक दूध के साथ सुबह रात
सेवन करें। यह 45 प्रकार के गुप्तरोगों
को जड़ से मिटाकर मर्दांगनी, शक्ति
से शरीर को लबालब कर देता है।
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