Herbal Treatment for Depression
“25″तरह के अवसाद (डिप्रेशन)
एवं ब्रेन का 100% हर्बल इलाज ।
“ब्रेन की गोल्ड माल्ट”
★★★★★★★★
इसमें है आयुर्वेद की
जगत विख्यात
25 जड़ीबूटियां
जो अवसाद(डिप्रेशन) (Depression) की
सम्पूर्ण हर्बल चिकित्सा है।
आयुर्वेदिक ग्रंथो के अनुसार
अवसाद (Depression) क्या है-
इसका अंग्रेजी नाम डिप्रेशन (Depression) है।
संस्कृत -हिंदी कोश में
“वामन शिवराम आप्टे”
ने अवसाद का अर्थ लिखा है कि-
■ हमेशा उदासी रहना,
■ उदासीन होना,मूर्च्छा,
■ अशान्ति,सुस्ती,
■ स्फूर्ति का अभाव, थकावट
■ सदैव थकान महसूस करना,
■ विनाशकारी विचार आना,
■ उच्चाटन,पराजय,हार,अंत,
■ बर्बादी,समाप्ति आदि के विचार आना
ये सब अवगुण अवसाद के हैं।
अवसाद (Depression) के लक्षण-
● जीने की उमंग न होना,
● काम करने की अनिच्छा
● किसी कार्य में मन न लगना,
● पढ़ाई से उच्चाटन
● नकारात्मक विचार आना
● नींद न आना या बहुत नींद आना
● मुड़ यानी मिजाज बदलना
● किसी बात से खुश न होना
● गम या दुःख का एहसास न होना
● हर चीज के प्रति निगेटिव नजरिया
● सोचने-समझने की शक्ति कमजोर होना
● बार-बार भूलना
● याददास्त की कमजोरी आदि
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
एवं
ब्रेन की टेबलेट
दिमागी बीमारियों का
पक्का इलाज है, जो
25 से अधिक प्राकृतिक
जड़ीबूटियों की अद्भुत
क्रियाशीलता से परिपूर्ण
ओषधियों से निर्मित है।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
◆ दिमाग की कोशिकाओं का
पोषण करती हैं।
◆मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों
ऊर्जा प्रदान कर सशक्त बनाती हैं।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट एवं टेबलेट
निरन्तर मानसिक परिश्रम
करने वाले व्यक्तियों के लिए
सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक ओषधि है।
“ब्रेन की”–
अवसाद (डिप्रेशन) का सर्वोत्तम
उपाय है। इसमें ब्राह्मी का मिश्रण है।
1- ब्राह्मी,ब्रेन को ऊर्जादायक है।
ब्राह्मी-बिना किसी साइड इफ़ेक्ट
या नुकसान के डिप्रेशन को
जड़ से दूर करती है।
ब्राह्मी-स्मरण शक्तिवर्द्धक है।
शंखपुष्पी-मानसिक दुर्बलता नाशक है।
जटामांसी-नींद लाने में सहायक है।
आंवला-वीटामिन “सी” प्रचुर मात्रा में
होने से मानसिक शान्ति देता है।
वचा– क्षमताएं बढ़ाता है।
अश्वगंधा-रक्तसंचार को अवरुद्ध
नहीं होने देता।
हरड़ (हरीतकी)-
पाचक सम्बन्धी विकार को दूर कर
दिमाग को राहतकरी है।
शतावरी-तन-मन तथा दिमागी
कोशिकाओं को बलशाली है।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
दिमागी कार्यक्षमता अभिवृद्धि
हेतु पूर्णतः सक्षम है।
इसमें अन्य ओषधियों का मिश्रण
पाचन तन्त्र को सुदृढ़ बनाकर
शरीर को मजबूती देता है।
अवसादग्रस्त रोगों को
केवल आयुर्वेद की अमृतम
ओषधियों द्वारा ही ठीक
किया जा सकता है।
इसके लिए
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
और
ब्रेन की टेबलेट
आसानी से ऑनलाईन
उपलब्ध है।
बुद्धि धारदार कैसे हो-
आयुर्वेद सहिंता के अनुसार-
नये-नये विचारों,आईडिया से सकरात्मक सोच से
मस्तिष्क को ऊर्जा तथा मन की मलिनता मिटकर
आत्मविश्वास में बढोत्तरी होती है।
एनर्जी के बिना दिमाग काम नहीं कर सकता. एकाग्रता बढ़ाने के लिए दिमाग में ग्लूकोज की आवश्यकता होती है. स्टूडेंट्स को तेज दिमाग के लिए साबुत अनाज का सेवन जरूर करना चाहिए. यह खाद्य पदार्थ खून में धीरे-धीरे ग्लूकोज को भेजते हुए पूरे दिन मानसिक रूप से सचेत रखता है.
हमारे मस्तिष्क का 85 फीसदी भाग पानी से बना हुआ है जिससे यह स्पष्ट है कि पानी की कमी मस्तिष्क की कोशिकाओं में सिकुड़न पैदा कर सकते हैं. शोध के मुताबिक पानी की कमी मस्तिष्क की कोशिकाओं के साथ-साथ एकाग्रता और याददाश्त को भी प्रभावित करती है. दिन-भर में 6 से 8 ग्लास पानी कम से कम जरूर पीना चाहिए
दिमाग तेज करने के लिए चॉकलेट भी काफी मददगार होते हैं. डार्क चॉकलेट जिसमें 70 फीसदी नारियल हो, ब्रेन बूस्टर का काम करता है. कोको में फ्लैवोनॉयड्स पाया जाता है जो की एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और यह दिमाग को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है. इसके अलावा सेब, अंगुर, प्याज, चाय, बीयर और वाइन में भी फ्लैवोनॉयड्स पाए जाते
दूध में विटामिन बी 6, बी 12, कैल्शियम, मैग्निशियम और पोटैशियम की मात्रा भरपूर होती है. यह सभी पोषक तत्व याददाश्त बढ़ाने में मदद करते है. इसके अलावा मिल्क प्रोटीन स्ट्रेसफुल लोगों के ब्रेन परफॉर्मेंस सुधारने में भी मदद करता है.
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